'रिवर्स नीलामी' की खबर से 5% तक लुढ़के Suzlon और Inox Wind के शेयर, जानिए ये क्या होता है

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर, सुजलॉन एनर्जी (Suzlon Energy) के शेयर 4 प्रतिशत से अधिक गिरकर 41.75 रुपये प्रति शेयर के निचले स्तर पर आ गए, जबकि आईनॉक्स विंड (Inox Wind) ने 5 प्रतिशत गिरकर 552.65 रुपये प्रति शेयर के निचले सर्किट को छू लिया

अपडेटेड Mar 04, 2024 पर 12:06 PM
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सरकार, विंड कैपेसिटी पावर के लिए "रिवर्स नीलामी" वापस लाने पर विचार कर रही है

विंड एनर्जी कंपनियों के शेयर सोमवार 4 मार्च को कारोबार के दौरान करीब 5% तक गिर गए। इन कंपनियों के शेयरों में गिरावट इस खबर के बाद आई कि सरकार विंड कैपेसिटी पावर के लिए "रिवर्स नीलामी" वापस लाने पर विचार कर रही है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर, सुजलॉन एनर्जी (Suzlon Energy) के शेयर 4 प्रतिशत से अधिक गिरकर 41.75 रुपये प्रति शेयर के निचले स्तर पर आ गए, जबकि आईनॉक्स विंड (Inox Wind) ने 5 प्रतिशत गिरकर 552.65 रुपये प्रति शेयर के निचले सर्किट को छू लिया।

मिनिस्ट्री ऑफ न्यू एंड रिन्यूएबल एनर्जी (MNRE) अब रिवर्स नीलामी पर अपने रुख पर फिर से विचार कर रहा है। दरअलस, हालिया विंड पावर की बिडिंग के दौरान अंडरसब्सक्रिप्शन की स्थिति रहने और अधिक टैरिफ डिस्कवरी की तलाश के चलते मंत्रालय इसे वापस लाने पर विचार कर रहा है।

ब्रोकरेज फर्म जेएम फाइनेंशियल ने एक नोट में कहा, "क्षमता बढ़ोतरी में तेज गिरावट के बाद, 2023 की शुरुआत में बोली प्रक्रिया को '2-भागों वाली बंद बोलियों' में बदल दिया गया, जिससे इस सेक्टर को एक नया जीवन मिला। हालांकि कदम पॉलिसी अनिश्चितता के नजरिए से सही नहीं है। लेकिन फिर भी 10GW सालाना से अधिक मार्केट साइज को देखते हुए इस कदम का असर मामूली रहने की संभवना है, जैसा कि अंडर-सब्सक्रिप्शन से साफ है।"


रिवर्स नीलामी सिस्टम में, बोली लगाने वाले एक-दूसरे के खिलाफ तब तक बोली लगाते हैं जब तक कि किसी बोली को एक और बोली से चुनौती न दी जाए। इस सिस्टम के चलते पर्याप्त विंड कैपिसिटी नहीं लगे, जिसके कारण मंत्रालय को इस सिस्टम को रद्द करना पड़ा।

जनवरी 2023 में, केंद्र सरकार ने विंड एनर्जी की परियोजनाओं के लिए नीलामी प्रक्रिया में बदलाव। MNRE ने 12 जनवरी को एक बयान में कहा कि इसने 2030 तक हर साल 8 गीगावाट (जीडब्ल्यू) परियोजनाओं के लिए बोलियां मंगाने करने का लक्ष्य भी रखा है। हालांकि रिवर्स नीलामी के चलते टैरिफ में कमी आई, लेकिन यह कैपिसिटी इंस्टॉलेशन को बढ़ाने के लिए पर्याप्त नहीं था। हालांकि बंद बोली वाली सिस्टम के लागू होने के बाद, टैरिफ फिर से बढ़ने लगे।

पॉलिसी के स्तर पर मौजूदा अनिश्चितताओं के बावजूद, जेएम फाइनेंशियल ने सुजलॉन के लिए 54 रुपये के टारगेट प्राइस के साथ 'खरीद (Buy)' की रेटिंग बरकरार रखी है।

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First Published: Mar 04, 2024 12:06 PM

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