Swiggy Share Price: फूड डिलीवरी एग्रीगेटर स्विगी के शेयरों में आज काफी उठा-पटक दिखी। सितंबर तिमाही के कारोबारी नतीजे के साथ कंपनी ने ऐलान किया कि बोर्ड ने QIP (क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट) के जरिए ₹10 हजार करोड़ जुटाने की मंजूरी दी तो निवेशक चहक उठे और शेयर करीब 4% उछल पड़े। हालांकि सितंबर तिमाही में कंपनी का घाटा बढ़ने के चलते बिकवाली का दबाव बना और इंट्रा-डे हाई से यह 6% से भी अधिक फिसल गया। हालांकि ब्रोकरेज फर्मों के पॉजिटिव रुझान पर निचले स्तर पर खरीदारी ने शेयरों को संभाल लिया और आज बीएसई पर यह 1.93% की गिरावट के साथ ₹410.05 पर बंद हुआ है।
इंट्रा-डे में यह 3.92% उछलकर ₹434.50 के भाव तक पहुंच गया था जिससे मुनाफावसूली के चलते यह 6.26% टूटकर ₹407.30 तक आ गया था। एक कारोबारी दिन पहले यानी कारोबारी नतीजे आने के दिन यह ₹418.10 पर बंद हुआ था। इसके शेयर घरेलू स्टॉक मार्केट में पिछले साल 13 नवंबर 2024 को लिस्ट हुए थे। इसके ₹11,327 करोड़ के आईपीओ के तहत ₹390 के भाव पर शेयर जारी हुए थे।
Swiggy को लेकर क्या है ब्रोकरेज फर्मों का रुझान?
ब्रोकरेज फर्म नोमुरा ने ₹560 के टारगेट प्राइस पर स्विगी को खरीदारी की रेटिंग दी है। नोमुरा का कहना है कि फंड जुटाने के प्रस्ताव से कंपनी के बैलेंस शीट को मजबूत करने में मदद मिलेगी, खासतौर से क्विक कॉमर्स बिजनेस को। नोमुरा को उम्मीद है कि फूड डिलीवरी में ग्रोथ मोमेंटम बना रहेगा और वित्त वर्ष 2026-वित्त वर्ष 2027 में सालाना आधार पर कंपनी की ग्रास ऑर्डर वैल्यू (GOV) 19-20% की रफ्तार से बढ़ सकती है और कॉन्ट्रिब्यूशन मार्जिन 7.5-7.7% की रेंज में हो सकता है।
एक और ब्रोकरेज फर्म सीएलएसए ने ₹493 के टारगेट प्राइस पर इसे आउटपरफॉर्म रेटिंग दी है। ब्रोकरेज फर्म का कहना है कि सितंबर तिमाही मिली-जुली रही। इंस्टामार्ट के प्रति ऑर्डर कॉन्ट्रिब्यूशन में सुधार दिखा लेकिन यह ऑर्डर और नए ग्राहक जोड़ने की सुस्त ग्रोथ की कीमत पर आया है। फूड डिलीवरी परफॉरमेंस भी मिला-जुला रहा। टेक रेट बेहतर रहा लेकिन कॉन्ट्रिब्यूशन और ऑपरेटिंग प्रॉफिट उम्मीद से कमजोर रहा। सीएलएसए का कहना है कि स्विगी का परफॉरमेंस पॉजिटिव रहा है लेकिन सितंबर तिमाही में एटर्नल की तुलना में एग्जेक्यूशन गैप बढ़ गया है।
जेफरीज ने स्विगी की खरीदारी की रेटिंग को बरकरार रखा है और टारगेट प्राइस ₹500 फिक्स किया है। ब्रोकरेज फर्म का कहना है कि क्विक कॉमर्स में प्रॉफिटेबिलिटी के लिए जरूरी है कि टेक रेट बढ़े और नेटवर्क यूटिलाइजेशन में सुधार हो।
कैसी रही स्विगी की सितंबर तिमाही?
चालू वित्त वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही जुलाई-सितंबर 2025 में स्विगी का रेवेन्यू सालाना आधार पर 54% उछलकर ₹5,561 करोड़ पर पहुंच गया। हालांकि इस दौरान कंपनी का ऑपरेटिंग लॉस ₹554 करोड़ से बढ़कर ₹798 करोड़ पर पहुंच गया। कंपनी का शुद्ध घाटा भी इस दौरान ₹626 करोड़ से बढ़कर ₹1,092 करोड़ पर पहुंच गया। सितंबर तिमाही में सालाना आधार पर कंपनी के क्विक कॉमर्स की औसत ऑर्डर वैल्यू 40% बढ़कर ₹697 पर पहुंच गई। कॉन्ट्रिब्यूशन लॉस तिमाही आधार पर 30% गिर गया लेकिन मार्जिन (-) 2.8% पर रहा। नॉन-ग्रासरी सेगमेंट क्विक-कॉमर्स सेल्स की 26.2% रही जोकि सालाना आधार पर 8.7% की रफ्तार से बढ़ी।
तिमाही आधार पर स्विगी के बुक में कैश ₹5,354 करोड़ से घटकर ₹4,605 करोड़ पर आ गया। रैपिडो में ₹2400 करोड़ में हिस्सेदारी की बिक्री से कंपनी की कैश पोजिशन बढ़कर ₹7,000 करोड़ तक पहुंच सकता है। सितंबर तिमाही के आखिरी में एटर्नल का कैश बैलेंस ₹18,314 करोड़ रहा।
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