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10 टुकड़ों में बंट जाएगा टाटा का यह शेयर, पहली बार स्टॉक स्प्लिट का ऐलान, 14 अक्टूबर को रिकॉर्ड डेट

Tata Investment Stock Split: टाटा ग्रुप की कंपनी टाटा इनवेस्टमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (TICL) को स्टॉक स्प्लिट के लिए अपने शेयरधारकों से मंजूरी मिल गई। कंपनी अपने इतिहास में पहली बार स्टॉक स्प्लिट यानी अपने शेयरों को कई छोटे हिस्सों में तोड़ने जा रही है

अपडेटेड Sep 23, 2025 पर 12:42 PM
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Tata Investment Stock Split: यह कंपनी 1959 में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट हुई थी

Tata Investment Stock Split: टाटा ग्रुप की कंपनी टाटा इनवेस्टमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (TICL) को स्टॉक स्प्लिट के लिए अपने शेयरधारकों से मंजूरी मिल गई। कंपनी अपने इतिहास में पहली बार स्टॉक स्प्लिट यानी अपने शेयरों को कई छोटे हिस्सों में तोड़ने जा रही है। कंपनी ने एक बयान में बताया कि यह स्टॉक स्प्लिट 1:10 के अनुपात में होगा। यानी कंपनी अपने 10 रुपये के फेस वैल्यू वाले प्रत्येक शेयर को 1 रुपये के फेस वैल्यू वाले 10 टुकड़ों में बांटेगी। शेयरधारकों ने पोस्टल बैलट प्रक्रिया के जरिए इस प्रस्ताव को मंजूरी दी।

इससे पहले कंपनी के बोर्ड ने 4 अगस्त 2025 को 1:10 अनुपात में इस स्टॉक स्प्लिट को मंजूरी दी थी। इस स्टॉक स्प्लिट के लिए रिकॉर्ड डेट मंगलवार 14 अक्टूबर 2025 तय की गई है।

कंपनी ने एक बयान में कहा, “22 सितंबर 2025 को पोस्टल बैलट प्रक्रिया का परिणाम घोषित किया गया, जिसमें शेयरधारकों ने इक्विटी शेयरों के सब-डिविजन, मेमोरेंडम ऑफ एसोसिएशन के कैपिटल क्लॉज में बदलाव और आर्टिकल्स ऑफ एसोसिएशन में कैपिटल क्लॉज के संशोधन को मंजूरी दी है।”


शेयरों का हाल

सुबह 11 बजे के करीब, टाटा इनवेस्टमेंट के शेयर एनएसई पर 0.88 फीसदी की तेजी के साथ 7,345.00 रुपये के भाव पर कारोबार कर रहे थे। पिछले एक साल में इस शेयर में महज 5.5 फीसदी की तेजी आई है। हालांकि पिछले 5 साल में यह अपने निवेशकों को करीब 756 प्रतिशत का मल्टीबैगर रिटर्न दे चुका है। फिलहाल कंपनी का मार्केट कैपिटलाइजेशन करीब 37,160 करोड़ रुपये है।

तिमाही नतीजे

हालिया जून तिमाही में कंपनी का वित्तीय प्रदर्शन मजबूत रहा है। कंपनी का कंसोलिडेटेड शुद्ध मुनाफा सालाना आधार पर 11.6% बढ़कर 146.3 करोड़ रुपये रहा, जो इसके पिछले साल की इसी अवधि में 131.07 करोड़ रुपये था। वहीं कंपनी का कंसोलिडेटेड रेवेन्यू इस दौरान मामूली रूप से बढ़कर 145.46 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल की इसी तिमाही में यह 142.46 करोड़ रुपये रहा था। शुद्ध मुनाफे में बढ़ोतरी का मुख्य कारण डिविडेंड इनकम का बढ़ना रहा।

कंपनी के बारे में

टाटा इनवेस्टमेंट कॉरपोरेशन में टाटा संस और टाटा ग्रुप की दूसरी कंपनियों की करीब 73.38% हिस्सेदारी है। यह कंपनी भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के साथ नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी (NBFC) के रूप में रजिस्टर्ड है। कंपनी का मुख्य व्यवसाय लंबी अवधि के इक्विटी शेयरों और इससे जुड़ी सिक्योरिटीज में निवेश करना है। यह कंपनी 1959 में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट हुई थी।

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