Tata Motors share : टाटा मोटर्स 4% उछल कर बना निफ्टी का टॉप गेनर, CV कारोबार को अलग करने की मंजूरी ने शेयर को दिया बूस्टर डोज

Tata Motors share price : टाटा मोटर्स ने बताया है कि उसके शेयर होल्डरों ने कंपनी के कमर्शियल वाहन कारोबर को अलग करके एक अलग सूचीबद्ध इकाई बनाने के प्रस्ताव को लगभग सर्वसम्मति से मंजूरी दे दी है। इस प्रस्ताव को 99.99 फीसदी मतों से मंजूरी मिली है

अपडेटेड May 07, 2025 पर 12:21 PM
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Tata Motors news : टाटा मोटर्स ने बताया है कि उसके शेयर होल्डरों ने कंपनी के कमर्शियल वाहन कारोबर को अलग करके एक अलग सूचीबद्ध इकाई बनाने के प्रस्ताव को लगभग सर्वसम्मति से मंजूरी दे दी है

Tata Motors share price : टाटा मोटर्स के शेयर 7 मई को 4 फीसदी तक बढ़कर 675 रुपये प्रति शेयर पर पहुंच गए। आज ये शेयर निफ्टी के टॉप गेनरों में शामिल है। कंपनी ने कमर्शियल व्हीकल कारोबार को अलग करने के लिए सहमति दे दी है। भारत-यूके मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए जाने के बाद कंपनी का ये फैसला आया। इस समझौते के तहत ऑटो टैरिफ को 100 फीसदी से घटाकर 10 फीसदी कर दिया गया है। 2025 में अब तक टाटा मोटर्स के शेयर में करीब 10 फीसदी की गिरावट आई है। इस अवधि में टाटा मोटर्स ने निफ्टी से कमजोर प्रदर्शन किया है। इस अवधि के दौरान निफ्टी में 2 फीसदी की तेजी देखने को मिली है। हालांकि, पिछले महीने से शेयर में रिकवरी के संकेत मिल रहे हैं। पिछले महीने इसमें 15 फीसदी की तेजी देखने को मिली।

टाटा मोटर्स ने बताया है कि उसके शेयर होल्डरों ने कंपनी के कमर्शियल वाहन कारोबर को अलग करके एक अलग सूचीबद्ध इकाई बनाने के प्रस्ताव को लगभग सर्वसम्मति से मंजूरी दे दी है। इस प्रस्ताव को 99.99 फीसदी मतों से मंजूरी मिली है। इसके पहले कंपनी ने मार्च 2024 में सीवी डिवीजन को अलग करने का इरादा जाहिर किया था।

इस विभाजन योजना के तहत टाटा मोटर्स के सभी मौजूदा शेयरधारक, टाटा मोटर्स में अपने वर्तमान एक शेयर के बदले, नवगठित कमर्शियल व्हीकल कंपनी में एक शेयर हासिल करने के हकदार होंगे।


इसके अलावा, कल शाम हस्ताक्षरित भारत-यूके मुक्त व्यापार समझौते से ऑटोमोटिव सेक्टर पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ने की उम्मीद है। समझौते के तहत, एक खास कोटे के तहत ऑटोमोबाइल पर आयात शुल्क 100 फीसदी से घटकर 10 फीसदी हो जाएगा। हालांकि इस कोटे का विवरण अभी स्पष्ट नहीं है, लेकिन इस बदलाव से प्रीमियम कार ब्रांडों को फायदा मिलने की उम्मीद है।

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यह फैसला टाटा मोटर्स और खासकर इसकी ब्रिटेन स्थित सहायक कंपनी जगुआर लैंड रोवर (जेएलआर) के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है, क्योंकि इससे आयात लागत कम होने के कारण भारतीय बाजार में जेएलआर की बिक्री में बढ़ोतरी हो सकती है।

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