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Trump tariff effect : US टैरिफ से मंदी का खतरा बढ़ा, अमेरिका में मंदी और डॉलर में कमजोरी IT सेक्टर के लिए खतरनाक कॉम्बो

Trump tariff : ट्रंप के टैरिफ से दुनिया भर हड़कंप मचा हुआ है। जिओस्फीयर कैपिटल मैनेजमेंट के मैनेजिंग पार्टनर अरविंद सेंगर का कहना है कि ट्रंप के कदम से अमेरिका की इकोनॉमी मंदी में जाएगी। उन्होंने ये भी कहा कि टैरिफ से ग्लोबल ग्रोथ के लिए भी जोखिम बढ़ेगा

अपडेटेड Apr 03, 2025 पर 3:34 PM
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Reciprocal Tariff: डॉलर इंडेक्स अब 103 के भी नीचे आ चुका है। IT कंपनियों में EPS और PE दोनों में कमी का रिस्क है। ध्यान रखें की EPS 5 फीसदी घटने पर शेयर 15 फीसदी गिरते हैं

Reciprocal Tariff : ट्रंप के टैरिफ अटैक के सामने बाजार मजबूती से टिका हुआ है। खराब ग्लोबल संकेतों के बावजूद निफ्टी ने 20 DEMA को बचा लिया है। बाजार में निचले स्तरों से शानदार रिकवरी दिखीहै। निफ्टी के कदम 23300 की तरफ बढ़ते दिख रहे हैं। बैंक निफ्टी ने रिकवरी लीड की है। मिडकैप-स्मॉलकैप ने भी दम दिखाया है। टैरिफ छूट से फार्मा शेयरों की सेहत और दंरुस्त हुई है। निफ्टी फार्मा इंडेक्स में 2 फीसदी की तेजी आई है। हलांकि ऊपरी स्तरों से मुनाफावसूली हावी हुई।

वहीं, ट्रंप टैरिफ से US में मंदी की आशंका और डॉलर में कमजोरी से IT सेक्टर में बड़ी बिकवाली आई है। IT इंडेक्स 4.5 फीसदी नीचे कारोबार हो रहा है। परसिस्टेंस में 10 फीसदी की गिरावट देखने को मिल रही है। MPHASIS और COFORGE भी 5 से 7 फीसदी तक फिसले हैं।

US टैरिफ पर अरविंद सैंगर


ट्रंप के टैरिफ से दुनिया भर हड़कंप मचा हुआ है। जिओस्फीयर कैपिटल मैनेजमेंट (Geosphere Capital Management) के मैनेजिंग पार्टनर अरविंद सेंगर का कहना है कि ट्रंप के कदम से अमेरिका की इकोनॉमी मंदी में जाएगी। उन्होंने ये भी कहा कि टैरिफ से ग्लोबल ग्रोथ के लिए भी जोखिम बढ़ेगा। US टैरिफ पर बोलते हुए अरविंद सेंगर ने आगे कहा कि यूएस का टैरिफ लगाना अपने पैर पर कुल्हाड़ी मारने जैसा है। पहले US 2.5 फीसदी टैरिफ लगता था, अब 22 फीसदी लगाएगा। इस टैरिफ से कंज्यूमर को नुकसान होने और महंगाई बढ़ने का खतरा है। US टैरिफ से रिसेशन (मंदी) का खतरा बढ़ा है। ट्रंप के कदम से अमेरिका की इकोनॉमी मंदी में जाएगी। US का कदम दुनिया के लिए बेहद खराब है।

अरविंद ने आगे कहा कि US पर निर्भर दूसरी इकोनॉमीज पर भी इसका बुरा असर पड़ेगा। टैरिफ से ग्लोबल ग्रोथ पर भी जोखिम में आ गया है। मंदी आई तो टैरिफ वापस भी लिया जा सकता है। गुड्स से ज्यादा भारत US को सर्विसेज एक्सपोर्ट करता है। सर्विसेज के एक्सपोर्ट पर ट्रंप का खास ध्यान नहीं है।

इस मुद्दे पर बात करते हुए सीएनबीसी-आवाज़ के मैनेजिंग एडिटर अनुज सिंघल ने कहा कि ट्रंप टैरिफ के हमले के बावजूद बाजार मजबूती से टिका हुआ है। बाजार ने शानदार मजबूती दिखाई है। बाजार अब टैरिफ से आगे बढ़ने को तैयार है। अब टैरिफ की वजह से बाजार नहीं गिरेगा। आगे जाकर टैरिफ रिवर्स हुए तो भागेगा जरूर। IT इकलौता सेक्टर जो दिक्कत में है और वो सही भी है। IT के लिए US इकोनॉमी सबसे अहम है। US अब एक मंदी की कगार पर है। फार्मा में मुनाफावसूली लेकिन ट्रेंड मजबूत है। जैसा कि उम्मीद थी, बैंक निफ्टी ने रिकवरी को लीड किया है।

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IT में अब आगे क्या?

अनुज सिंघल ने आगे कहा कि अमेरिका में मंदी और डॉलर में कमजोरी आईटी के लिए खतरनाक कॉम्बो है। डॉलर इंडेक्स अब 103 के भी नीचे आ चुका है। IT कंपनियों में EPS और PE दोनों में कमी का रिस्क है। ध्यान रखें की EPS 5 फीसदी घटने पर शेयर 15 फीसदी गिरते हैं। यहां से और 20 फीसदी गिरने पर आईटी शेयर निवेश के लायक होंगे। अब के लिए IT शेयर 52 हफ्ते का निचला स्तर भी छू सकते हैं।

 

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