Trump Tariff: डोनाल्ड ट्रंप के भारत पर टैरिफ लगाने के ऐलान के बाद आज 31 जुलाई को कम से कम छह भारतीय टेक्सटाइल कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट देखने को मिली। गोकलदास एक्सपोर्ट्स, वेल्सपन लिविंग, इंडो काउंट इंडस्ट्री और पर्ल ग्लोबल लिमिटेड के शेयरों का 7% से अधिक टूट गया। इन चारों कंपनियों की अमेरिका के मार्केट में अच्छी खासी हिस्सेदारी है। ट्रंप ने भारत पर 1 अगस्त से 25 फीसदी टैरिफ और रुस से ऑयल खरीदने के चलते अतिरिक्त पेनाल्टी लगाने का ऐलान किया है। इसी के बाद अमेरिकी मार्केट में हिस्सेदारी रखने वाली भारतीय कंपनियों के शेयरों में आज गिरावट देखी जा रही है।
सुबह 9.40 बजे के करीब, गोकलदास एक्सपोर्ट्स के शेयर 7.1 फीसदी की गिरावट के साथ 827 रुपये, पर्ल ग्लोबल के शेयर 7.17 फीसदी की गिरावट के साथ 1,521.40 रुपये, वेल्सपन लिविंग के शेयर 5.64 फीसदी की गिरावट के साथ 125.34 रुपये और इंडो काउंट इंडस्ट्री के शेयर 4.43 फीसदी की गिरावट के साथ 269.50 रुपये के भाव पर कारोबार कर रहे थे।
गोकलदास एक्सपोर्ट्स का लगभग 70% रेवेन्यू अमेरिकी बाजार से आती है। इंडो काउंट इंडस्ट्रीज के मामले में भी कुछ ऐसा ही है। वेलस्पन लिविंग और पर्ल ग्लोबल के लिए यह आंकड़ा क्रमशः 65% और 50% का है।
इन नामों के अलावा, अरविंद लिमिटेड (30% रेवेन्यू अमेरिका से) और केपीआर मिल (21% रेवेन्यू अमेरिका से) जैसे शेयरों का भी अमेरिकी बाजार में काफी एक्सपोजर है। इन दोनों कंपनियों के शेयरों में भी आज शुरुआती कारोबार के दौरान करीब 3.5 फीसदी तक की गिरावट देखने को मिली।
अपैरल एक्सपोर्ट के मामले में भारत का मुकाबला बांग्लादेश, वियतनाम और चीन जैसे देशों से होता है। अमेरिका ने जहां बांग्लादेश पर 35% टैरिफ लगाया गया है, वहीं वियतनाम ने हाल ही में अमेरिका के साथ एक समझौता किया है, जिसमें 20% टैरिफ देने पर सहमति बनी है। चीन पर फिलहाल 55% का टैरिफ लागू है, लेकिन उसने अमेरिका के साथ बातचीत जारी रखा हुआ है। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, अमेरिका-चीन के बातचीत की 12 अगस्त की समय-सीमा संभवतः बढ़ाई जाएगी, लेकिन अंतिम फैसला राष्ट्रपति ट्रंप पर निर्भर है।
एनालिस्ट्स के मुताबिक, अमेरिका के रेडीमेड गारमेंट इंपोर्ट में भारत की 6% हिस्सेदारी है, जबकि वियतनाम की 19% और बांग्लादेश की 9% हिस्सेदारी है। गोकलदास के शिवरामकृष्णन गणपति ने बताया कि टैरिफ से अमेरिकी बाजार में उनक उत्पादों के दाम में बढ़ोतरी हो सकती है और यह देखना बाकी है कि इसका मांग पर क्या असर पड़ता है।
गोकलदास एक्सपोर्ट्स के शेयरों में इस साल अब तक करीब 28 फीसदी की गिरावट आ चुकी है। वेल्सपन लिविंग और इंडो काउंट इंडस्ट्री के शेयरों में भी इस साल अब तक करीब 22 फीसदी की गिरावट आ चुकी है। हालांकि पर्ल ग्लोबल के शेयर महज 2 फीसदी के रिटर्न के साथ अभी भी पॉजिटिव जोन में बने हुए हैं।
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