अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपनी टैरिफ पॉलिसी बदलने को तैयार हो गए हैं। एक इंटरव्यू में उन्होंने इसके संकेत दिए। उन्होंने कहा कि वह चीन के प्रोडक्ट्स पर टैरिफ घटाने को तैयार हैं। उन्होंने यह माना कि बहुत ज्यादा टैरिफ की वजह से अमेरिका और चीन के बीच व्यापार ठप पड़ गया है। ट्रंप के इस बयान को बहुत अहम माना जा रहा है। अगर टैरिफ को लेकर अमेरिका और चीन किसी समझौते के लिए तैयार हो जाते हैं तो यह न सिर्फ दोनों देशों बल्कि ग्लोबल इकोनॉमी के लिए बहुत फायदेमंद होगा। इससे भारत और अमेरिका सहित दुनियाभर के स्टॉक मार्केट्स में बड़ा उछाल आएगा। अप्रैल में ट्रंप के टैरिफ का ऐलान करने के बाद से ग्लोबल इकोनॉमी में अनिश्चितता की स्थिति बनी हुई है। इसका असर स्टॉक मार्केट्स पर भी पड़ा है।
अमेरिका कई जरूरी चीजों के लिए आयात पर निर्भर है
NBC को दिए इंटरव्यू में Donald Trump ने कहा, "मैं टैरिफ घटाने जा रहा हूं, क्योंकि इसके बगैर आप चीन से बिजनेस नहीं कर सकते। वे (चीन) हमारे साथ बिजनेस करने को काफी इच्छुक हैं।" अप्रैल में ट्रंप ने चीन के प्रोडक्ट्स पर 145 फीसदी टैरिफ लगाने का ऐलान किया था। इसके जवाब में चीन ने अमेरिकी प्रोडक्ट्स पर 125 फीसदी टैरिफ लगा दिया है। इससे दोनों देशों के बीच व्यापार युद्ध की स्थिति बन गई। इसका असर न सिर्फ फाइनेंशियल और कैपिटल मार्केट्स पर पड़ा है बल्कि इससे छोटी-बड़ी हर चीज की उत्पादन लागत बढ़ने का अंदेशा है। इसका सबसे ज्यादा नुकसान अमेरिकी लोगों को उठाना पड़ेगा, क्योंकि अमेरिका कपड़ों से लेकर खिलौने तक का आयात करता है। इनकी कीमतें बढ़ने से अमेरिकी लोगों को परेशानी होगी।
अमेरिकी दूसरे देशों के साथ भी समझौता करना चाहता है
बताया जाता है कि चीन ट्रैरिफ घटाने के ट्रंप के संकेतों का आंकलन कर रहा है। इससे 2 मई को अमेरिकी स्टॉक मार्केट्स में बड़ी तेजी आई। 4 मई को संवाददाताओं से बातचीत में ट्रंप ने कहा कि उनका इस हफ्ते चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से बातचीत का प्लान नहीं है। हालांकि, उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच कई मसलों पर बातचीत हो रही है। उन्होंने यह भी बताया कि अमेरिका चीन सहित कई देशों के साथ टैरिफ के मसले पर बातचीत कर रहा है। उन्होंने कहा कि वह कई देशों के साथ ऐसा समझौता करना चाहते हैं जो दोनों पक्षों के लिए फायदेमंद हो।
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चीन के साथ व्यापार युद्ध से अमेरिका को नुकसान
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि चीन कई सालों से अमेरिका की उदार टैरिफ पॉलिसी का फायदा उठाता आ रहा है। साथ ही यह भी माना कि चीन के साथ टकराव बढ़ने से फैक्ट्री एक्टिविटी 2023 के बाद सबसे निचले स्तर पर आ गई है। इसका संकेत मैन्युफैक्चरिंग पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स के ऑफिशियल डेटा से मिला है। नए एक्सपोर्ट ऑर्डर्स भी दिसंबर 2022 के बाद सबसे निचले स्तर पर आ गया है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि अमेरिका और चीन के बीच टैरिफ को लेकर समझौता होने से ग्लोबल इकोनॉमी की ग्रोथ बढ़ेगी। खासकर अमेरिका में इनफ्लेशन बढ़ने का खतरा कम हो जाएगा।
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