अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने विदेश में बनी कारों और ऑटो पार्ट्स पर 25 फीसदी टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। इसका इंडियन ऑटो इंडस्ट्री पर असर पड़ सकता है। ऑटो पार्ट्स बनाने वाली इंडियन कंपनियों पर इसका ज्यादा असर पड़ेगा। इस बारे में एक्सपर्ट्स ने अपनी राय दी है। कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि अमेरिकी टैरिफ का इंडियन ऑटो और ऑटो कंपोनेंट्स सेक्टर पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा। इस बारे में क्रिसिल ने भी एक रिपोर्ट जारी की है। इसमें कहा गया है कि व्हीकल बनाने वाली इंडियन कंपनियों पर इसका मामूली असर पड़ेगा, जबकि ऑटो कंपोनेंट्स बनाने वाली कंपनियों पर इसका थोड़ा असर पड़ेगा।
इंडियन ऑटो कंपनियों पर नहीं पड़ेगा ज्यादा असर
अमेरिका के कमर्शियल व्हीकल्स और पैसेंजर व्हीकल्स के इंपोर्ट में इंडिया की हिस्सेदारी बहुत कम है। इंडिया में अब किसी बड़ी अमेरिकी ऑटो कंपनी का प्लांट भी नहीं रह गया है। पहले इंडियन मार्केट में दो अमेरिकी ऑटो कंपनियां General Motors और Ford मौजूद थी। लेकिन, दोनों ने इंडिया में अपने ऑपरेशंस बंद कर दिए हैं। Maruti, Mahindra, Tata Motors, Ashok Leyland जैसी बड़ी इंडियन कंपनियों के कुल एक्सपोर्ट में अमेरिका की हिस्सेदारी ज्यादा नहीं है। इसलिए अमेरिकी टैरिफ का इन कंपनियों पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा।
इंडियन ऑटो कंपोनेंट्स कंपनियां काफी एक्सपोर्ट करती हैं
ऑटो कंपोनेंट्स बनाने वाली इंडियन कंपनियों की स्थिति थोड़ी अलग है। इंडियन ऑटो कंपोनेंट्स् कंपनियों के कुल एक्सपोर्ट में अमेरिका की हिस्सेदारी करीब 28 फीसदी है। इंडियन ऑटो कंपोनेंट कंपनियां अमेरिका को पावरट्रेन पार्ट्स, ट्रांसमिशन, इंजन और इलेक्ट्रिकल इक्विपमेंट्स का ज्यादा एक्सपोर्ट करती हैं। टैरिफ लगने से इंडियन ऑटो कंपोनेंट्स अमेरिकी बाजार में महंगे हो जाएंगे। इसका फायदा दूसरे देशों खासकर मैक्सिको और कनाडा की ऑटो कंपोनेंट्स कंपनियों को मिलेगा। पहले से ही अमेरिका के ऑटो कंपोनेंट्स इंपोर्ट में दोनों देशों की करीब 46 फीसदी हिस्सेदारी है।
यह भी पढ़ें: Hindustan Aeronautics Stocks: ऊंची उड़ान भरने को तैयार है एचएएल का स्टॉक, अभी निवेश करने पर हो सकती है मोटी कमाई
इंडियन ऑटो कंपोनेंट्स कंपनियों पर यूएस टैरिफ का पड़ेगा असर
एक्सपर्ट्स का कहना है कि इंडियन ऑटो कंपोनेंट्स कंपनियों पर अमेरिकी टैरिफ का असर एक जैसा नहीं होगा। कुछ इंडियन कंपोनेंट्स कंपनियों की अमेरिका में मैन्युफैक्चरिंग प्लांट हैं। ऐसी कंपनियों पर टैरिफ का असर कम पड़ेगा। Samvardhana Motherson इसका उदाहरण है। इस कंपनी ने यूरोप और अमेरिका में मैन्युफैक्चरिंग प्लांट्स लगाए हैं। लेकिन, जो कंपनियां इंडिया में बने ऑटो कंपोनेंट्स का एक्सपोर्ट अमेरिका को करती हैं, उन पर यूएस टैरिफ का असर पड़ेगा। इनमें Bharat Forge, Sansara Engineering, Superjit Engineering और Balkrishna Industries शामिल हैं।