हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स (एचएएल) की ऑर्डरबुक लगातार बढ़ रही है। प्रोजेक्ट पूरा करने के मामले में भी कंपनी का प्रदर्शन बेहतर रहने की उम्मीद है। क्षमता बढ़ाने और एक्सपोर्ट पर फोकस की वजह से कंपनी की ग्रोथ शानदार रह सकती है। 31 मार्च, 2025 को खत्म फाइनेंशियल ईयर में एचएएल का रेवेन्यू 30,400 करोड़ रुपये रहा है, जबकि एक साल पहले के फाइनेंशियल ईयर में कंपनी का रेवेन्यू 30,381 करोड़ रुपये था। एलसीए और एएलएच की डिलीवरी कम रहने के बावजूद कंपनी का रेवेन्यू इतन रहा।
कंपनी की आर्डरबुक रेवेन्यू की छह गुनी
HAL इंजन उपलब्ध नहीं होने से LCA की डिलीवरी नहीं कर पाई। जनवरी 2025 में एक्सीडेंट का असर ALH के डिलीवरी शिड्यूल पर पड़ा। हालांकि, दूसरे प्रोडक्ट्स और सर्विसेज की डिलीवरी में इजाफा हुआ। इससे कंपनी के रेवेन्यू पर ज्यादा असर नहीं पड़ा। अभी Hindustan Aeronautics की ऑर्डरबुक 1,84,000 करोड़ रुपये की है। यह कंपनी के सालाना रेवेन्यू का छह गुना है। फाइनेंशियल ईयर 2024-25 में कंपनी को 1,02,000 करोड़ रुपये के मैन्युफैक्चरिंग और 17,500 करोड़ रुपये के रिपेयर कॉन्ट्रैक्ट्स मिले।
एक्सपोर्ट पर फोकस का मिलेगा फायदा
एचएएल के एक्सपोर्ट ऑर्डर्स भी धीरे-धीरे बढ़ रहे हैं। इसकी वजह यह है कि दुनिया के कई देशों ने डिफेंस इक्विपमेंट्स खरीदने पर खर्च बढ़ाए हैं। उदाहरण के लिए यूरोपीय यूनियन (EU) ने डिफेंस के लिए 800 अरब यूरो के प्लान का ऐलान किया है। इसका HAL जैसी भारतीय कंपनियों को फायदा मिल सकता है। हाल में डिफेंस मिनिस्ट्री ने एचएएल को 156 लाइट कंबैट हेलीकॉप्टर्स 'प्रंचड' की सप्लाई के दो कॉन्ट्रैक्ट्स दिए हैं। इसके अलावा कंपनी को ट्रेनिंग और दूसरे संबंधित इक्विपमेंट्स के लिए 62,700 करोड़ रुपये के दो कॉन्ट्रैक्ट्स मिले हैं।
कंपनी बढ़ा रही उत्पादन क्षमता
हाल में डिफेंस एक्विजिशन काउंसिल (DAC) ने 54,000 करोड़ रुपये के सैन्य प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी है। इसका मकसद रक्षा बलों की ताकत बढ़ाना है। इससे HAL को 83 तेजस एमके-1ए जेट्स की डिलीवरी FY29 तक करने में मदद मिलेगी। कंपनी अपनी उत्पादन क्षमता बढ़ा रही है। इसके बाद कंपनी की उत्पादन क्षमता सालाना 24 एयरक्राफ्ट्स बनाने की हो जाएगी। इसमें से बेंगलुरु प्लांट की क्षमता 16 और नासिक प्लांट की क्षमता 8 होगी। एडवान्स मीडियम कंबैट एयरक्राफ्ट (AMCA) विकसित करने पर भी काम चल रहा है।
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क्या आपको निवेश करना चाहिए?
आने वाले समय में सप्लाई-चेन से जुड़ी दिक्कतें दूर होने की उम्मीद है। कंपनी उत्पादन क्षमता बढ़ा रही है, जिससे उसकी ग्रोथ बढ़ेगी। कंपनी का स्टॉक पिछले साल 5,675 रुपये के ऑल-टाइम हाई पर पहुंच गया था। तब से यह गिरकर 4,228 रुपये पर आ गया है। इसमें FY27 की अनुमानति अर्निंग्स के 25 गुना पर ट्रेडिंग हो रही है। कंपनी की ऑर्डरबुक और रेवेन्यू की तस्वीर को देखते हुए यह वैल्यूएशन अट्रैक्टिव लगती है।