अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इंडिया पर टैरिफ के ऐलान का असर सबसे पहले रुपये पर दिखा। डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत गिरकर चार महीने के निचले स्तर पर आ गई। ट्रेडिंग खत्म होने पर रुपया गिरकर 87.42 पर आ गया जो पहले 86.82 पर था। ट्रंप ने 1 अगस्त की डेडलाइन से पहले इंडिया पर टैरिफ का ऐलान कर दिया। उन्होंने 25 फीसदी टैरिफ के साथ इंडिया पर पेनाल्टी भी लगाई है।
इन सेक्टर पर पड़ेगा ज्यादा असर
Donald Trump ने रूस से तेल खरीदने के लिए इंडिया और चीन की आलोचना की। लेकिन, उन्होंने Penalties के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं दी। इसका असर शेयर बाजार में देखने को मिला। उन कंपनियों के स्टॉक्स पर ज्यादा असर पड़ा जो अमेरिका को एक्सपोर्ट करती हैं। टेक्सटाइल्स, फुटवीयर और फर्निचर कंपनियों पर ज्यादा असर पड़ने का अनुमान है। ज्यादा टैरिफ की वजह से इन कंपनियों के प्रोडेक्ट्स अमेरिकी बाजार में महंगे हो जाएंगे। इससे वियतनाम, चीन और दूसरे देशों के प्रोडक्ट्स से प्रतिस्पर्धा करने की उनकी क्षमता कम हो जाएगी।
जीडीपी की ग्रोथ में कमी आ सकती है
ICRA की चीफ इकोनॉमिस्ट अदिति नायर ने कहा, "शुरुआत में जब अमेरिका ने टैरिफ लगाया था तो हमने इंडिया के जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को घटाकर 6.2 फीसदी कर दिया था। इससे एक्सपोर्ट की ग्रोथ और प्राइवेट इनवेस्टमेंट में असर पड़ने का अनुमान लगाया गया था। अब अमेरिका ने उम्मीद से ज्यादा टैरिफ लगाया है और पेनाल्टी भी लगाई है। इसका इंडिया की जीडीपी ग्रोथ पर असर पड़ सकता है। कितना असर पड़ेगा यह इस बात पर निर्भर है कि कितनी पेनाल्टी लगाई जाती है।" एनालिस्ट्स का कहना है कि अमेरिका के साथ अगर ट्रेड डील नहीं होती है तो जीडीपी ग्रोथ में 20 बेसिस प्वाइंट्स की कमी आ सकती है।
टैरिफ से ज्यादा नुकसान पेनाल्टी से होगा
हालांकि, मार्केट्स की मुख्य चिंता 25 फीसदी टैरिफ नहीं बल्कि दूसरी है। पिछले महीने से ही इस तरह के टैरिफ का अनुमान लगाया जा रहा था, क्योंकि ग्लोबल मार्केट्स में तेजी के बावजूद इंडियन मार्केट्स में गिरावट जारी थी। अब इंडिया पर पेनाल्टी लगाने का भी ऐलान ट्रंप ने किया है। इसकी वजह रूस के साथ इंडिया का व्यापार है। इनवेस्टर्स की चिंता की वजह यह पेनाल्टी है। इंडियन मार्केट्स में ज्यादा उतारचढ़ाव जारी रह सकता है।
कॉपर की कीमतों में 19 फीसदी गिरावट
ट्रंप ने पहले रूस को यूक्रेन के साथ समझौते के लिए 50 दिन का समय दिया। बाद में इसे घटाकर सिर्फ 10-12 दिन कर दिया। इस तरह के बदलाव का असर ग्लोबल मार्केट्स खासकर एनर्जी और मेटल सेक्टर्स पर पड़ा। ट्रंप ने कॉपर पर 50 फीसदी टैरिफ का ऐलान किया है। इससे कॉपर की कीमतों में 19 फीसदी गिरावट आई है। यह एक दिन में कॉपर की कीमतों में आई सबसे बड़ी गिरावट है।
ट्रंप के अप्रत्याशित फैसलों से बाजार को नुकसान
ट्रंप ने जिस दिन से राष्ट्रपति पद की शपथ ली, उस दिन के बाद से लिए गए उनके अप्रत्याशित फैसलों ने मार्केट की स्थिरिता को चोट पहुंचाई है। इससे इनवेस्टर्स शॉर्ट टर्म के लिए इनवेस्ट कर रहे हैं। लंबी अवधि के निवेश से वे दूरी बना रहे हैं। इंडियन मार्केट्स नई ऊंचाई की तरफ बढ़ते दिख रहे थे, लेकिन ट्रंप के टैरिफ से मार्केट की रफ्तार को ब्रेक लग सकता है। मार्केट पर दबाव जारी रह सकता है। इनवेस्टर्स और ट्रेडर्स को तब तक बाजार से दूर रहने में फायदा है जब तक टैरिफ और पेनाल्टी को लेकर तस्वीर साफ नहीं हो जाती।