US Share Markets: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से लागू किए गए नए टैरिफ के चलते ट्रेड वॉर गहराने और अमेरिकी अर्थव्यवस्था में मंदी आने का डर पैदा हो गया है। इस डर के बीच अमेरिकी शेयर बाजार में जबरदस्त गिरावट देखी जा रही है। ट्रेड के पहले कुछ मिनटों में ही अमेरिकी शेयरों से 2 लाख करोड़ डॉलर साफ हो गए। सबसे ज्यादा नुकसान उन कंपनियों को हुआ है, जिनकी सप्लाई चेन विदेशी मैन्युफैक्चरिंग पर सबसे ज्यादा निर्भर हैं। जैसे कि एप्पल, जो अमेरिका में बिकने वाले अपने ज्यादातर डिवाइस चीन में बनाती है।
रॉयटर्स के मुताबिक, वॉल स्ट्रीट के प्रमुख सूचकांक गुरुवार को गिरावट में हैं। ताजा अपडेट के मुताबिक, डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज 1,550 पॉइंट नीचे आया है। इसी तरह S&P 500 4.4% गिरा है। नैस्डैक 5.5% लुढ़का है।
अमेरिका ने 2 अप्रैल को रेसिप्रोकल टैरिफ या जवाबी टैरिफ की घोषणा की है। भारत से अमेरिका में आने वाले सामानों पर 27 प्रतिशत का टैरिफ लगाया गया है। रेसिप्रोकल टैरिफ उन देशों पर लगाए गए हैं, जो अमेरिकी सामान पर टैरिफ लगाते हैं। अन्य देशों की बात करें तो अमेरिका ने बांग्लादेश पर 37 प्रतिशत, चीन पर 54 प्रतिशत (नया 34 प्रतिशत+इस साल पहले लगाए जा चुके 20 प्रतिशत), वियतनाम पर 46 प्रतिशत और थाइलैंड पर 36 प्रतिशत का जवाबी टैरिफ लगाया है। ट्रंप ने लगभग 60 देशों पर जवाबी टैरिफ लगाने की घोषणा की है।
Nike का शेयर 11 प्रतिशत लुढ़का
CNBC के मुताबिक, मल्टीनेशनल कंपनियों के शेयरों में बड़ी गिरावट आई है। शुरुआती कारोबार में Nike का शेयर 11% और एप्पल का 9% लुढ़का। Nike की मैन्युफैक्चरिंग वियतनाम में होती है। इंपोर्टेड सामान के बड़े विक्रेताओं को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ। Five Below में 25% की गिरावट आई, डॉलर ट्री में 9% की गिरावट आई और Gap के शेयर में 20% की गिरावट आई। एनवीडिया में 5% और टेस्ला में 3.5% की गिरावट आई। ऐसा अनुमान है कि S&P 500 2022 के बाद की सबसे बड़ी गिरावट की ओर बढ़ रहा है।