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भारत पर भी पड़ेगी अमेरिकी मंदी की मार, इंडियन इक्विटी में बुक करें मुनाफा : BofA Securities

ब्रोकरेज ने कहा है कि बाजार शॉर्ट टर्म में कंपनियों आय में सुधार को लेकर कुछ ज्यादा ही उम्मीद लगा कर बैठा था। बोफा सिक्योरिटीज का ये भी कहना है कि ग्रामीण मांग में धीमी रिकवरी, वैश्विक आर्थिक मंदी और कमोडिटी की कीमतों अस्थिरता जैसे जोखिमों बाजार के लिए परेशानी का कारण बन सकते हैं। जिसके देखते हुए एनालिस्टों को वित्त वर्ष 2024 और वित्त वर्ष 2025 के अर्निंग ग्रोथ अनुमान में कटौती करनी पड़ सकती है

अपडेटेड May 04, 2023 पर 3:43 PM
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बीओएफए ने कहा कि वह आईटी सेक्टर पर 'underweight'बना हुआ है। जबकि निफ्टी में 51 फीसदी वेटेज रखने वाले फाइनेंशियल सेक्टर पर बुलिश है

बैंक ऑफ अमेरिका (BofA)सिक्योरिटी ने गुरुवार को कहा है कि भारतीय इक्विटी में निवेशकों को अपने मुनाफे को बुक करना चाहिए। बोफा सिक्योरिटीज का मानना है कि अमेरिकी मंदी और कंपनियों के उम्मीद से कमजोर नतीजों के चलते साल के अंत तक बेंचमार्क निफ्टी 50 इंडेक्स में थोड़ी गिरावट देखने को मिल सकती है। निफ्टी इस साल अब तक 0.36 फीसदी बढ़कर 18170 अंक के आसपास दिख रहा है। साल 2023 की कमजोर शुरुआत के बाद अप्रैल से इंडेक्स में तेजी आई है, जिसमें मंगलवार तक की लगातार छह-सत्रों की तेजी भी शामिल है। हालांकि, बीओएफए को उम्मीद है कि निफ्टी मौजूदा स्तर से लगभग 1 फीसदी गिरकर साल 2023 की समाप्ति 18000 के स्तर पर करेगा।

ग्रामीण मांग में धीमी रिकवरी और वैश्विक आर्थिक मंदी बाजार के लिए बड़े जोखिम

ब्रोकरेज ने कहा है कि बाजार शॉर्ट टर्म में कंपनियों आय में सुधार को लेकर कुछ ज्यादा ही उम्मीद लगा कर बैठा था। बोफा सिक्योरिटीज का ये भी कहना है कि ग्रामीण मांग में धीमी रिकवरी, वैश्विक आर्थिक मंदी और कमोडिटी की कीमतों अस्थिरता जैसे जोखिमों बाजार के लिए परेशानी का कारण बन सकते हैं। जिसके देखते हुए एनालिस्टों को वित्त वर्ष 2024 और वित्त वर्ष 2025 के अर्निंग ग्रोथ अनुमान में कटौती करनी पड़ सकती है।


भारतीय इक्विटी मार्केट के लिए अमेरिकी मंदी एक बड़ा खतरा

बोफा सिक्योरिटीज के मुताबिक भारतीय इक्विटी मार्केट के लिए अमेरिकी मंदी एक बड़ा खतरा है। अमेरिकी के रीजनल बैंक फर्स्ट रिपब्लिक के पतन को देखते हुए यूएस फेड की मौद्रिक नीति अमेरिका के साथ ही भारत के बाजार के लिए भी एक बड़ा निगेटिव फैक्टर है। बोफा का कहना है कि निफ्टी आमतौर पर S&P 500 इंडेक्स का अनुशरण करता दिखता है। ऐसे में अमेरिका में कोई दिक्कत होने से भारतीय बाजार भी अछूता नहीं रहेगा।

निफ्टी में गिरावट में खरीदारी की स्ट्रैटेजी अपनाने की सलाह

बोफा के विश्लेषण से पता चला है कि 2001 और 2007 में पिछली दो मंदी की शुरुआत में एसएंडपी 500 इंडेक्स 20 फीसदी और 40 फीसदी के बीच गिर गया था, हालांकि निफ्टी उतना नहीं गिरा था। हालांकि, बोफा की सलाह है कि अगर साल में निफ्टी 16000 तक गिर जाता है तो गिरावट में खरीदारी की स्ट्रैटेजी अपनाने की सलाह होगी।

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आईटी सेक्टर पर 'underweight'

बीओएफए ने कहा कि वह आईटी सेक्टर पर 'underweight'बना हुआ है। जबकि निफ्टी में 51 फीसदी वेटेज रखने वाले फाइनेंशियल सेक्टर पर बुलिश है। धीमी ग्रोथ की चिंताओं के कारण आईटी सूचकांक इस साल 3 फीसदी से ज्यादा टूटे हैं। वहीं, एसेट क्वालिटी में सुधार और ऋण की मांग में बढ़त के चलते इसी अवधि में फाइनेंशियल शेयरों में लगभग 2 फीसदी की तेजी आई है।

इसके अलावा बोफा सिक्योरिटीज कंज्यूमर स्टेपल, कंज्यूमर डिस्क्रीशनरी और टेलीकॉम पर भी 'underweight' है। जबकि इंडस्ट्रियल, सीमेंट/स्टील और दोपहिया ऑटो फर्म, हेल्थकेयर और यूटिलिटीज पर बुलिश है।

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