नारनोलिया सिक्योरिटीज के को-फाउंडर और चीफ इन्वेस्टमेंट ऑफीसर (सीआईओ) शैलेंद्र कुमार को लगता है कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व की तरफ से 3 मई को ब्याज दरों में एक चौथाई फीसदी की बढ़त के बाद रेट हाइक साइकिल पर विराम लगने की काफी ज्यादा संभावना है। अमेरिका में रीजनल बैंक भारी दबाव में है। इसकी वजह से फेड अब ब्याज दरों में बढ़त पर ठहराव ला सकता है।
फंड मैनेजमेंट का 2 दशकों से ज्यादा का अनुभव रखने वाले शैलेंद्र कुमार का कहना है कि सरकार और निडी सेक्टर की तरफ से विस्तार और विकास पर किए जाने वाले खर्च के चलते अगले 3-4 साल में हमें कैपिटल गुड्स सेगमेंट की एमएनसी कंपनियों में जोरदार तेजी देखने को मिलेगी। इसके अलावा कैपिटल गुड्स सेक्टर को चाइना प्लस वन पॉलिसी का भी फायदा मिलेगा।
क्या आईटी सेक्टर में करेक्शन जारी रहेगा? क्या इस सेक्टर में पोर्टफोलियो बनाना शुरू कर देना चाहिए?
आईटी सेक्टर अब शेयर बाजार में एक समान नहीं है। नतीजों के सीजन में तमाम छोटी आईटी कंपनियों डबल डिजिट ग्रोथ हासिल करती दिखी हैं। लार्डकैप आईटी कंपनियों के ग्रोथ पर ही दबाव देखने को मिला है। क्योंकि बड़ी ग्लोबल कंपनियों में इन्ही का बड़ा एक्सपोजर है। पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर, इंजीनियरिंग डिजाइन, इलेक्ट्रॉनिक्स और मिड साइज कंपनियों में ज्यादा एक्सपोजर रखने वाली कंपनियां बहुत अच्छा कर रही हैं। इसलिए आईटी में स्टॉक-विशेष रणनीति ही सबसे बेहतर रणनीति होगी।
कुल मिलाकर कहें तो बड़ी आईटी कंपनियों के अधिक वेटेज के कारण निश्चित रूप से आईटी सेक्टर दबाव में है। लेकिन हाल के करेक्शन के बाद लॉर्ज कैप आईटी का वैल्यूएशन भी अच्छा हो गया है। ऐसे में हमें लॉर्ज कैप आईटी में भी वैल्यू बाइंग के मौके दिख रहे हैं।
निकट अवधि में बड़ी आईटी कंपनियां अगली दो तिमाहियों में बेस बिल्डिंग मोड में बनी रह सकती हैं। लेकिन इस सेक्टर में चुनिंदा क्वालिटी स्टॉक्स में निवेश शुरू कर देना चाहिए।
वे कौन से सेक्टर हैं जिनमें अल्फा रिटर्न मिल सकता है? इस सवाल का जवाब देते हुए शैलेंद्र कुमार ने कहा कि अगले तीन-चार सालों के लिए स्थिर और मजबूत आय वृद्धि को देखते हुए, बैंकिंग, एनबीएफसी, ऑटो कलपुर्जे, इलेक्ट्रॉनिक्स, रिटेल, हॉस्पिटल और कैपिटल गुड्स जैसे सेक्टर की कंपनियां आगे चलकर मजबूत रिटर्न देने के लिए तैयार नजर आ रही है।
क्या आपको बिल्डिंग मटेरियल स्पेस में वैल्यू नजर आ रही है, यह देखते हुए कि ब्याज दरें स्थिर हो गई हैं? इस सवाल पर शैलेंद्र कुमार ने कहा कि बिल्डिंग मटेरियल सेक्टर की कंपनियां मजबूत ग्रोथ दिखा रही हैं। रियल एस्टेट सेक्टर में एक नया अपसाइकिल शुरू हुआ है। ब्याज दरों के स्थिर रहने के अलावा, बिना बिके माल कई वर्षों के निम्न स्तर पर होने के कारण इस सेगमेंट में आगे हमें नए-नए लॉन्च देखने को मिलेंगे। इन्वेंटरी घटने को चलते सेक्टर का प्राइसिंग पावर भी मजबूत होगी।
रियल एस्टेट सेक्टर में तेजी का फायदा बिल्डिंग मटेरियल सेगमेंट को मिलेगा। इसमें पाइप, तार और केबल, और सेनेटरी वेयर जैसे क्षेत्रों में काम करने वाली कंपनियों में जोरदार ग्रोथ देखने को मिलेगी। इस पर नजर रहनी चाहिए।
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