US Tariff: अमेरिकी टैरिफ का इंडिया में किन कंपनियों पर पड़ेगा सबसे ज्यादा असर, निवेशकों को क्या है सलाह?

अमेरिका की ट्र्ंप सरकार किसी वक्त रेसिप्रोकल टैरिफ की डिटेल्स जारी कर सकती है। इसके बाद यह अंदाजा लगाना आसान हो जाएगा कि इसका इडियन कंपनियों पर कितना असर पड़ सकता है। अनुमान है कि 2 अप्रैल को भारतीय समय के अनुसार देर रात ट्रंप सरकार टैरिफ को लेकर तस्वीर साफ कर देगी

अपडेटेड Apr 01, 2025 पर 9:19 AM
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ट्रंप एडमिनिस्ट्रेशन ने ऑटोमोबाइल और एंसिलियरी सेक्टर पर 25 फीसदी टैरिफ लगाने का ऐलान किया है।

अमेरिकी सरकार के रेसिप्रोकल टैरिफ की तारीख नजदीक आ गई है। यह 2 अप्रैल से लागू होने जा रहा है। हालांकि, अभी रेसिप्रोकल टैरिफ की तस्वीर अभी साफ होनी बाकी है। ट्रंप एडमिनिस्ट्रेशन किसी भी वक्त रेसिप्रोकल टैरिफ की बारीकियों का ऐलान कर सकता है। हालांकि, इससे पहले ही ग्लोबल मार्केट्स पर इसका असर पड़ा है। 2025 की पहली तिमाही अमेरिकी स्टॉक मार्केट्स में बड़ी गिरावट आई है। कई सालों बाद किसी एक तिमाही में अमेरिकी मार्केट का प्रदर्शन इतना खराब रहा है। अब सवाल है कि अमेरिकी टैरिफ का इंडिया और बाकी दुनिया पर इसका क्या असर पड़ेगा?

ऑटो और एंसिलियरी प्रोडक्ट्स पर 25% टैरिफ

पहले चरण में अमेरिका ऑटोमोबाइल और एंसिलियरी इंपोर्ट पर 25 फीसदी टैरिफ लगाएगा। ब्रोकरेज फर्म एमके ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज ने अपनी रिपोर्ट में यह बताने की कोशिश की है कि US Tariff का इंडिया पर कितना असर पड़ सकता है। उसने अपनी रिपोर्ट में यह भी बताया है कि किन सेक्टर्स पर इसका सबसे ज्यादा असर पड़ेगा। यह सच है कि अमेरिका और इंडिया के व्यापार में पलड़ा इंडिया के पक्ष में झुका हुआ है। दूसरा, यह कि इंडियन प्रोडक्ट्स के इंपोर्ट पर अमेरिका में ड्यूटी कम है, जबकि इंडिया में अमेरिकी प्रोडक्ट्स के इंपोर्ट पर ड्यूटी ज्यादा है।


कुछ सेक्टर्स की अमेरिका को एक्सपोर्ट में ज्यादा हिस्सेदारी

एनालिस्ट्स का कहना है कि ऑटोमोबाइल सेक्टर और फिश एंड सीफूड सेक्टर पर अमेरिकी टैरिफ का सबसे ज्यादा असर पड़ेगा। इसका मतलब है कि इस सेक्टर से जुड़ी कंपनियों का रेवेन्यू घट सकता है। इंडिया से अमेरिका को निर्यात में इस सेक्टर की बड़ी हिस्सेदारी है। इसके बाद फार्मास्युटिकल्स, अपैरल और जेम्स एंड ज्वैलरी इंडस्ट्री पर असर पड़ेगा। इंडिया से अमेरिका को एक्सपोर्ट में इन सेक्टर्स की भी बड़ी हिस्सेदारी है।

इंडियन एक्सपोर्ट में 6 से 31 अरब डॉलर की आ सकती है कमी

एमके के एनालिस्ट्स का कहना है कि इंडियन कंपनियों पर सबसे ज्यादा असर अमेरिका के सेक्टर के हिसाब से लगाए जाने वाले टैरिफ का पड़ेगा। ब्रोकरेज फर्म की रिपोर्ट में कहा गया है, "अनुमान है कि इंडिया से अमेरिका के एक्सपोर्ट में 6 अरब डॉलर की कमी आ सकती है। यह अनुमान 10 फीसदी के टैरिफ पर आधारित है। अगर टैरिफ 25 फीसदी लगता है तो यह बढ़कर 31 अरब डॉलर तक जा सकता है।" इस रिपोर्ट में कहा गया है कि अभी इस बात को लेकर तस्वीर साफ नहीं है कि रेसिप्रोकल टैरिफ किस तरह से लागू होगा।

सरकार की बातचीत से निकल सकता है रास्ता

ट्रंप एडमिनिस्ट्रेशन ने ऑटोमोबाइल और एंसिलियरी सेक्टर पर 25 फीसदी टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। इससे पता चलता है कि अमेरिका सेक्टर के हिसाब से टैरिफ लगाना चाहता है। हालांकि, भारत में सरकार इस बारे में यूएस एडमनिस्ट्रेशन से बात कर सकती है। वह टैरिफ में रियायत की मांग कर सकती है। इससे इंडियन ऑटो और एंसिलियरी कंपनियों को यूएस टैरिफ के खराब असर से बचाने में मदद मिल सकती है।

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इनवेस्टर्स को क्या करना चाहिए?

एक्सपर्ट्स का कहना है कि निवेशकों को फार्मा, जेम्स एंड ज्वैलरी, ऑटो और एंसिलियरी कंपनियों के शेयरों पर नजर रखने की जरूरत है। अभी इन सेक्टर की कंपनियों के स्टॉक्स में नया निवेश करना ठीक नहीं होगा। अगर इनवेस्टर्स का निवेश इन सेक्टर की कंपनियों में हैं तो उसे घबराहट में अपने स्टॉक्स बेचने की सलाह नहीं है। कुछ हफ्तों में यूएस टैरिफ को लेकर तस्वीर साफ हो जाएगी। इसके बाद इनवेस्टर्स स्थिति के हिसाब से फैसला ले सकते है।

 

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