Moody’s on US Tariff : रेटिंग एजेंसी मूडिज का कहना है कि US टैरिफ का भारत पर असर कम होगा। दोनों देशों के बीत द्विपक्षीय ट्रेड डील से आगे टैरिफ घट सकता है। Moody’s का कहना है कि भारत में काफी दम है। इस पर टैरिफ का असर कम होगा। US टैरिफ से भारत का एक्सपोजर कम है। भारत का एक्सपोर्ट काफी डायवर्सिफाइड है। ट्रेड डायवर्जन का फायदा मिलने में काफी साल लगेंगे। भारत में ग्लोबल कैपिटल को आकर्षित करने का दम है। इमर्जिंग मार्केट में भारत की स्थिति अच्छी है। G-20 इकोनॉमी में भारत की GDP ग्रोथ सबसे ज्यादा रहनी संभव है।
Moody’s की रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि बाहरी फाइनेंशियल संकट का भारत पर कम असर हो सकता है। भारत–US के बीच द्विपक्षीय ट्रेड वार्ता जारी है। भारत के लिए आगे टैरिफ कटौती संभव है। ग्लोबल ट्रेड रिस्क पर मूडीज ने कहा कि ग्लोबल ट्रेड पाबंदी से एनर्जी की डिमांड घट सकती है। माइनिंग और ऑयल-गैस कंपनियों के मुनाफे पर दबाव संभव है। US टैरिफ से साउथ और साउथ ईस्ट एशियाई देशों पर अलग असर संभव है।
इस बीच US टैरिफ से परेशान निर्यातकों के साथ आज उद्योग मंत्री की बड़ी बैठक होने वाली है। इस बैठक में मौजूदा हालात से निपटने के लिए रणनीति तैयार की जाएगी। उद्योग मंत्री 3-5 बजे के बीच वाणिज्य भवन में एक्सपोर्टर्स के साथ इस मुद्दे पर मंथन करेंगे। इस बैठक में US टैरिफ से निपटने के उपायों पर चर्चा होगी। एक्सपोर्टर्स के साथ चर्चा के बाद जरूरी कदम उठाए जा सकते हैं।
उधर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी आज कहा कि भारत टैरिफ पर समझौते तक पहुंचने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका के ट्रंप प्रशासन के साथ बातचीत कर रहा है। दिल्ली में राइजिंग भारत शिखर सम्मेलन में बोलते हुए जयशंकर ने कहा कि रिसीप्रोकल टैरिफ से निपटने के लिए भारत की रणनीति ट्रम्प प्रशासन के साथ जुड़ना और अमेरिकियों के साथ इसकी शर्तों पर बातचीत करना है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले छह हफ्तों में भारत ने अमेरिका के साथ व्यापार समझौते पर जितनी चर्चा की है,उतनी पिछले दो सालों में यूरोप के साथ नहीं हुई है।
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