Credit Cards

Vedanta पर कर्ज के भारी बोझ का असर उसकी इंडियन कंपनियों पर भी पड़ रहा है, समझिए यह पूरा मामला

वेदांता कर्ज चुकाने के लिए नए कर्ज लेने की भी कोशिश कर रही है। इसके लिए कई कंपनियों से उसकी बातचीत चल रही है। हालांकि, इसे कर्ज चुकाने का सही रास्ता नहीं कहा जाएगा। कर्ज चुकाने के लिए नया कर्ज लेने से कंपनी पर इंटरेस्ट का बोझ बना रहेगा। साथ ही उसे फाइनेंसिंग कॉस्ट भी उठाना होगा

अपडेटेड Oct 06, 2023 पर 3:07 PM
Story continues below Advertisement
Vedanta का प्रति शेयर डिविडेंड पिछले कुछ सालों में काफी बढ़ा है। FY21 में यह 9.5 रुपये था, जो FY23 में बढ़कर 101.5 रुपये हो गया। इस बीच, कंपनी का शेयर प्राइस 250 रुपये के करीब बना रहा है। इससे डिविडेंड यील्ड काफी बढ़ गई है।

Vedanta Resources मुश्किल में है। कंपनी को 5.9 अरब डॉलर का कर्ज चुकाना है। इसमें से करीब 50 फीसदी कर्ज अगले कुछ महीनों में ही कंपनी को चुकाने होंगे। कंपनी अब तक इस कर्ज के इंटरेस्ट का पेमेंट इंडिया में अपनी कंपनियों से मिलने वाले डिविडेंड्स से करती आ रही है। उसे सबसे ज्यादा डिविडेंड Hindustan Zinc और Vedanta Ltd से मिलता है। कंपनी करीब 3.1 अरब डॉलर के बॉन्ड्स के पेमेंट की कोशिश कर रही है, जो अगले कुछ महीने में मैच्योर होने जा रहे हैं।

कर्ज चुकाने के लिए नया कर्ज सही रास्ता नहीं

वेदांता कर्ज चुकाने के लिए नए कर्ज लेने की भी कोशिश कर रही है। इसके लिए कई कंपनियों से उसकी बातचीत चल रही है। हालांकि, इसे कर्ज चुकाने का सही रास्ता नहीं कहा जाएगा। कर्ज चुकाने के लिए नया कर्ज लेने से कंपनी पर इंटरेस्ट का बोझ बना रहेगा। साथ ही उसे फाइनेंसिंग कॉस्ट भी उठाना होगा। हालांकि, इससे कंपनी के सामने अभी जो दिक्कत है, वह खत्म हो जाएगी।


क्रेडिट रेटिंग में आ सकती है और गिरावट

लेकिन, नया कर्ज ज्यादा इंटरेस्ट रेट पर मिलने के आसार हैं। इससे कंपनी पर लायबिलिटी बढ़ेगी। इसका असर वेदांता समूह की कंपनियों पर भी पड़ेगा। वेदांता ग्रुप ने वेदांता में अपनी कुछ हिस्सेदारी बेचकर कर्ज के बोझ को घटाने की कोशिश की है। इससे वेदांता रिसोर्सेज के बुक्स पर कर्ज का बोझ करीब एक तिहाई घटा है। यह 9 अरब डॉलर से घटकर 6 अरब डॉलर पर आ गया है। लेकिन, नया कर्ज लेने की वजह से वेदांता की रेटिंग में कमी देखने को मिली है। S&P Global ने हाल में वेदांता की क्रेडिट रेटिंग आउटलुक को डाउनग्रेड किया है। उसने इसे स्टेबल से निगेटिव कर दिया है।

vedanta debt

इंडियन इकाइयों पर बढ़ेगा दबाव

वेदांता की बैलेंसशीट पर दबाव बढ़ने पर इसकी क्रेडिट रेटिंग में और कमी देखने को मिल सकती है। इससे इस समूह के लिए कर्ज लेना महंगा हो जाएगा। कर्ज चुकाने के लिए नए कर्ज लेने से एक तरफ कंपनी की बैलेंस शीट पर दबाव बढ़ेगा तो दूसरी तरफ इस समूह की इंडियन इकाइयों पर भी प्रेशर बढ़ जाएगा। अब तक हिंदुस्तान जिंक और वेदांता लिमिटेड वेदांता रिसोर्सेज को काफी ज्यादा डिविडेंड देती आ रही हैं। इससे वेदांता रिसोर्सेज को कर्ज का इंटरेस्ट चुकाने में मदद मिली है। फाइनेंशियल ईयर 2022-23 में यह अमाउंट करीब 2.5 अरब डॉलर था।

vedanta debt chart

डिविडेंड में पिछले कुछ सालों में उछाल

Vedanta का प्रति शेयर डिविडेंड पिछले कुछ सालों में काफी बढ़ा है। FY21 में यह 9.5 रुपये था, जो FY23 में बढ़कर 101.5 रुपये हो गया। इस बीच, कंपनी का शेयर प्राइस 250 रुपये के करीब बना रहा है। इससे डिविडेंड यील्ड काफी बढ़ गई है। अभी इसकी डिविडेंड यील्ड करीब 40 फीसदी है, जो संभवत: इंडस्ट्री में सबसे ज्यादा है। अगर हम प्रॉफिट के उस हिस्से को देखें जिसे कंपनी ने डिविडेंड देने के लिए इस्तेमाल किया है तो FY21 में 34 फीसदी से बढ़कर FY23 में 137 फीसदी हो गया है।

dividend of vedanta

कर्ज का बोझ घटने के बाद ही लौटेंगे अच्छे दिन

वेदांता ग्रुप ने कर्ज चुकाने के दबाव के बीच अपने बिजनेसेज को डीमर्ज करने का ऐलान किया है। लेकिन, जब तक ग्रुप की पेरेंट कंपनी वेदांता रिसोर्सेज अपने कर्ज को घटाने की कोशिश नहीं करती है, तब तक इसके रास्ते की रुकावटें दूर नहीं होंगी। इसकी झलक वेदांता के शेयर प्राइस में देखने को मिला है। इसने पिछले पांच साल में 3.6 फीसदी रिटर्न दिया है, जिसे बहुत कम कहा जाएगा। जब तक यह ग्रुप कर्ज की छाया से बाहर नहीं निकल जाता है तबक तक वेदांता में निवेश का फायदा मिलने की उम्मीद नहीं है।

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।