VIP Industries: जिसके सूटकेस, ब्रीफकेस ने घर-घर में बनाई जगह, प्रमोटर के बच्चे चलाने को नहीं तैयार; बिक रही हिस्सेदारी

VIP Industries प्रमोटर दिलीप पीरामल का कहना है, 'अपने 53-54 सालों के इतिहास में वीआईपी मार्केट लीडर रही। लेकिन पिछले 5 साल से हम बाजार हिस्सेदारी खो रहे हैं। पिछले साल हमने चारों तिमाहियों में घाटा दर्ज किया।' कंपनी में मार्च 2025 के आखिर तक प्रमोटर्स के पास 51.73 प्रतिशत हिस्सेदारी थी

अपडेटेड Jul 18, 2025 पर 12:02 AM
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VIP Industries का मार्केट कैप 6700 करोड़ रुपये रह गया है।

VIP Industries Stake Sale: सालों से कई भारतीयों के घरों में सूटकेस, ब्रीफकेस के माध्यम से मौजूद वीआईपी इंडस्ट्रीज में अब बड़ा बदलाव हो रहा है। कंपनी के प्रमोटर दिलीप पीरामल और उनका परिवार 32 प्रतिशत तक हिस्सेदारी बेच रहा है। इसे मल्टीपल्स नामक अल्टरनेट एसेट मैनेजमेंट कंपनी को बेचा जाएगा। हिस्सेदारी बिक्री के लिए दिलीप ​पीरामल एंड फैमिली ने मल्टीपल्स कंसोर्शियम के साथ डेफिनिटिव एग्रीमेंट कर लिया है। कंसोर्शियम में Multiples Private Equity Fund IV, Multiples Private Equity Gift Fund IV, Samvibhag Securities, मिथुन पद्म सचेती, सिद्धार्थ सचेती और प्रोफिटेक्स शेयर्स एंड सिक्योरिटीज शामिल हैं।

इस सौदे के साथ ही 55 साल से ज्यादा पुराने एक जानेमाने ब्रांड की कहानी अचानक से एक नई करवट ले ले रही है। बैग, सूटकेस, ट्रोली बैग, ब्रीफकेस, बैकपैक्स, हैंडबैग बनाने वाली वीआईपी इंडस्ट्रीज सिर्फ भारत की ही नहीं बल्कि एशिया की भी सबसे बड़ी लगेज मैन्युफैक्चरर है। दुनिया में यह लगेज मैन्युफैक्चरर्स में दूसरे नंबर पर है। वीआईपी इंडस्ट्रीज की नींव 1968 में पड़ी, जब यह Aristo Plast VIP Industries के नाम से इनकॉरपोरेट हुई। 1981 में इसका नाम बदलकर VIP Industries Ltd हुआ।

कभी हर सूटकेस और ब्रीफकेस था VIP


एक वक्त देश में इसकी पॉपुलैरिटी इतनी ज्यादा थी कि सूटकेस और ब्रीफकेस का दूसरा नाम ही वीआईपी हो गया था। लेकिन अब वीआईपी इंडस्ट्रीज पिछले कुछ सालों से भारत के लगेज मार्केट में संघर्ष कर रही है। कंपनी अपनी पकड़ को फिर से मजबूत करना चाहती है। कंपनी की सैमसोनाइट और सफारी इंडस्ट्रीज के साथ कड़ी प्रतिस्पर्धा है। वीआईपी इंडस्ट्रीज के पास एरिस्टोक्रेट, वीआईपी, कार्लटन, स्काईबैग्स और कैप्रिस जैसे ब्रांड हैं। इसकी वित्त वर्ष 2023-24 में ब्रांडेड लगेज बाजार में 50 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी थी। हालांकि, अब कड़ी प्रतिस्पर्धा के चलते इसकी बाजार हिस्सेदारी धीरे-धीरे कम हो रही है।

कंपनी की शुरुआत 1971 में हुई थी। मुंबई हेडक्वार्टर वाली वीआईपी इंडस्ट्रीज के 45 देशों में 10,000 से अधिक रिटेल आउटलेट हैं। वित्त वर्ष 2024-25 में वीआईपी इंडस्ट्रीज का रेवेन्यू 2,169.66 करोड़ रुपये था। कंपनी का मार्केट कैप 6700 करोड़ रुपये रह गया है।

आखिर क्यों बेचा जा रहा है हिस्सा

दिलीप पीरामल का कहना है कि उनके परिवार की युवा पीढ़ी की इस कारोबार को चलाने में बहुत ज्यादा दिलचस्पी नहीं है। पिछले कुछ सालों से कंपनी मैनेजमेंट क्राइसिस से जूझ रही है। ऐसे में इसकी ओनरशिप में बदलाव भी बेस्ट है। उनका यह भी कहना है कि VIP Industries को केवल एक अच्छे मैनेजमेंट की जरूरत है। एक शानदार लॉन्ग टर्म फ्यूचर के साथ ग्लोबली कंपीट करने के लिए कंपनी का स्ट्रक्चर अच्छी स्थिति में है।

वैसे तो कंपनी में 1984 से ही एक प्रोफेशनल मैनेजिंग डायरेक्टर रहा है, लेकिन दिलीप पीरामल ने पाया कि प्रोफेशनल मैनेजमेंट वीआईपी इंडस्ट्रीज को ठीक से नहीं चला पा रहा। दिलीप पीरामल की दो शादियों से तीन बेटियां हैं। उनकी पहली शादी गीता पीरामल से हुई, जिनसे उनकी दो बेटियां- राधिका और अपर्णा हैं। लेकिन 2005 में दोनों उनका पहली पत्नी से तलाक हो गया। उसी साल पीरामल ने शालिनी अग्रवाल से शादी की। दूसरी शादी से उनकी एक बेटी- प्रियदर्शिनी है। दिलीप पीरामल उद्योगपति अजय पीरामल के बड़े भाई हैं। अजय पीरामल के बेटे आनंद पीरामल की शादी रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी की बेटी ईशा अंबानी से हुई है।

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दिलीप पीरामल को इस बात का है अफसोस

CNBC-TV18 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, दिलीप ​पीरामल को इस बात का अफसोस है कि उन्होंने वीआईपी इंडस्ट्रीज में हिस्सेदारी बेचकर तब एग्जिट क्यों नहीं किया, जब इसकी वैल्यूएशन ज्यादा थी। पीरामल के मुताबिक, "2 साल पहले कंपनी के शेयर की कीमत ₹700 थी, मार्केट कैप ₹10,000 करोड़ था, और हमें उस कीमत पर एक ऑफर मिला था। लेकिन उस वक्त मेरे मैनेजमेंट को लगा कि छह महीने या एक साल में शेयर की कीमत 50% बढ़ जाएगी। लेकिन दुर्भाग्य से, ऐसा नहीं हुआ।"

शेयर की कीमत की बात करें तो 17 जुलाई को बीएसई पर 474.75 रुपये पर बंद हुआ। इसका 52 वीक का हाई 589.95 रुपये 24 सितंबर 2024 को देखा गया। शेयर 3 महीनों में 66 प्रतिशत और 2 सप्ताह में 15 प्रतिशत मजबूत हुआ है।

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32 प्रतिशत हिस्सा बेचने के बाद शेयरहोल्डर बने रहेंगे दिलीप पीरामल एंड फैमिली

हिस्सेदारी बिक्री के तहत खुले बाजार से 26 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल करने के लिए एक ओपन ऑफर भी रहेगा। लेनदेन पूरा होने पर कंपनी का कंट्रोल मल्टीपल्स प्राइवेट इक्विटी के पास चला जाएगा। हालांकि दिलीप पीरामल और उनका परिवार कंपनी में शेयरहोल्डर बने रहेंगे। चेयरमैन दिलीप पीरामल वीआईपी इंडस्ट्रीज के मानद चेयरमैन होंगे। मल्टीपल्स कंसोर्शियम की ओर से वीआईपी के पब्लिक शेयरहोल्डर्स से 3.70 करोड़ शेयर खरीदने के लिए ओपन ऑफर लाया जाएगा, जिसके लिए कीमत 388 रुपये प्रति शेयर रहेगी। माना जा रहा है कि ओपन ऑफर को मिलाकर मल्टीपल्स की ओर से कुल पेमेंट 1437.78 करोड़ रुपये का रहेगा।

20% हिस्सेदारी के मालिक रहेंगे दिलीप पीरामल

सौदा पूरा होने के बाद दिलीप पीरामल के पास कंपनी में 20 प्रतिशत हिस्सेदारी रहेगी। वह कंपनी के प्रमोटर रहेंगे, लेकिन बोर्ड में नहीं होंगे। साथ ही उनके पास कंपनी के बोर्ड में एक डायरेक्टर नियुक्त करने का अधिकार है। सीएनबीसीटीवी18 के साथ एक इंटरव्यू में पीरामल ने कहा कि वह डायरेक्टर के तौर पर अपनी पत्नी को बोर्ड में शामिल कर सकते हैं ताकि परिवार का कोई सदस्य रहे। 5 साल बाद पीरामल को अपनी हिस्सेदारी घटाकर 8 प्रतिशत से नीचे लानी होगी। तब वह कंपनी के प्रमोटर नहीं रहेंगे क्योंकि हिस्सेदारी 10 प्रतिशत से नीचे हो जाएगी।

Ritika Singh

Ritika Singh

First Published: Jul 17, 2025 11:26 PM

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