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Vodafone Idea का शेयर क्या 5 रुपये पर आ जाएगा? जानिए मोतीलाल ओसवाल ने अपनी रिपोर्ट में क्या बताया है

वोडाफोन आइडिया लगातार रिलायंस जियो और भारती एयरटेल जैसी प्रतिद्वंद्बी कंपनियों से पिछड़ रही है। कंपनी टैरिफ में तीन बार इजाफा कर चुकी है। लेकिन, इसका ज्यादा फायदा मिलता नहीं दिख रहा है। ग्राहक लगातार वोडाफोइन आइडिया से नाता तोड़ रहे हैं

अपडेटेड Feb 24, 2025 पर 12:00 PM
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बीते एक महीने में यह स्टॉक करीब 16 फीसदी टूटा है। बीते छह महीनों में करीब 50 फीसदी टूटा है।

वोडाफोन आइडिया का बुरा वक्त खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। 24 फरवरी को यह स्टॉक 1 फीसदी गिरकर 7.97 रुपये पर आ गया। बीते एक महीने में यह स्टॉक करीब 16 फीसदी टूटा है। बीते छह महीनों में करीब 50 फीसदी टूटा है। जिन निवेशकों ने इस स्टॉक पर 10-11 के रुपये के भाव पर दांव लगाया था, वे काफी निराश हैं। उन्हें इस स्टॉक में रिकवरी की उम्मीद नहीं दिख रही है। ऐसे निवेशकों के लिए ब्रोकरेज फर्म मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज की रिपोर्ट काफी अहम है।

टैरिफ में वृद्धि का ज्यादा फायदा नहीं मिला

मोतीलाल ओसवाल (MOFSL) ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि जब तक Vodafone Idea का बिजनेस स्टैबलाइज नहीं हो जाता है, कंपनी के लिए लंबी अवधि में अपना वजूद बनाए रखना मुश्किल है। पिछले हफ्ते के अंत में ब्रोकरेज फर्म ने अपनी रिपोर्ट जारी की है। इसमें कहा गया है कि टैरिफ में की गई वृद्धि का सीमित फायदा Vodafone Idea को मिला है। इसकी वजह यह है कि कंपनी का सब्सक्राइबर मिक्स खराब है। इसके सब्सक्राइबर्स की संख्या लगातार घट रही है।


तीन बार टैरिफ बढ़ा चुकी है कंपनी

इस रिपोर्ट में कहा गया है कि वोडाफोन आइडिया करीब तीन पार टैरिफ बढ़ा चुकी है। इसके एक लोकप्रिय प्लान का टैरिफ तो करीब दोगुना हो गया है। इसके बावजूद इसका रेवेन्यू (वायरलेस) सितंबर 2019 के रेवेन्यू (वायरलेस) से करीब 2 फीसदी कम है। इसकी बड़ी वजह यह है कि सब्सक्राइबर्स लगातार कंपनी का साथ छोड़ रहे हैं। टैरिफ बढ़ाने के बाद भी कंपनी का सालाना वायरलेस रेवेन्यू 7 फीसदी बढ़कर 2,600 करोड़ रुपये है। इसके मुकाबले ब्लेंडेड टैरिफ हाइक 17 फीसदी है।

दिसंबर में एक बार फिर बढ़ सकता है टैरिफ

मोतीलाल ओसवाल ने कहा है कि इंडिया का टेलीकॉम मार्केट स्ट्रक्चर काफी कंसॉलिडेटेड है। डेटा की खपत ज्यादा है। लेकिन, भारत ARPU के लिहाज से दुनिया में सबसे कम एआरपीयू वाले देशों में से एक है। इससे टेलीकॉम कंपनियों का रिटर्न पर्याप्त नहीं है। ऐसे में ब्रोकरेज फर्म ने टैरिफ में एक और वृद्धि की उम्मीद जताई है। उसने कहा है कि अनुमान है कि इस साल दिसंबर के अंत तक कंपनी करीब 15 फीसदी या प्रति माह 50 रुपये टैरिफ बढ़ाएगी।

भारती एयरटेल और रिलायंस जियो से बढ़ रहा फासला

नेटवर्क के मामले में वोडाफोन आइडिया भारती एयरटेल और जियो से काफी पिछड़ गई है। कंपनी इस कमी को दूर करन के लिए अगले दो से तीन साल में बड़ा पूंजीगत खर्च करने जा रही है। मोतीलाल ओसवाल का कहना है कि वोडाफोन आइडिया का पूंजीगत खर्च का प्लान कर्ज जुटाने की उसकी कोशिश और सरकार से राहत पर टिका हुआ है। ब्रोकरेज फर्म ने तो यहां तक कहा है कि एक तरफ जहां वोडाफोन आइडिया साथ ग्राहक छोड़ रहे हैं वही भारती एयरटेल और रिलायंस जियो के ग्राहकों की संख्या बढ़ रही है।

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क्या है मार्केट एनालिस्ट्स की सलाह?

मोतीलाल ओसवाल ने वोडाफोन आइडिया के शेयरों को बचने की सलाह दी है। उसने इसके शेयर के लिए 5 रुपये का टारगेट प्राइस दिया है। इसका मतलब है कि यह स्टॉक अभी और 37 फीसदी गिर सकता है। 21 एनालिस्ट्स में से सिर्फ 4 ने इस स्टॉक को खरीदने की सलाह दी है। 12 एनालिस्ट्स ने इस स्टॉक को बेचने की सलाह दी है। बाकी 5 ने निवेशकों को इस स्टॉक को अपने पास बनाए रखने को कहा है। 21 फरवरी को इस स्टॉक में 2.9 फीसदी गिरावट आई थी। इस स्टॉक की कीमत 11 रुपये की इसके एफपीओ की कीमत से नीचे आ गई है।

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