कैपिटल मार्केट रेगुलेटर SEBI ने बुधवार, 20 अगस्त को एक बड़े फिनफ्लूएंसर के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई की। कार्रवाई के दायरे में रहे ट्रेड और मार्केट इनफ्लूएंसर अवधूत साठे (Avadhut Sathe)। SEBI ने महाराष्ट्र के कर्जत में साठे की एकेडमी में 2 दिन तलाशी और जब्ती अभियान चलाया गया। SEBI के फुल टाइम मेंबर कमलेश वार्ष्णेय ने 21 अगस्त को FICCI के एक प्रोग्राम में इस बारे में डिटेल भी शेयर कीं लेकिन साठे का नाम सीधे-सीधे नहीं लिया। लेकिन सवाल यह उठता है कि आखिर अवधूत साठे हैं कौन और SEBI के रडार पर क्यों हैं।
अवधूत साठे मार्केट एनालिसिस, चार्ट पैटर्न और निवेश रणनीतियों को अपने यूट्यूब चैनल के जरिए शेयर करते हैं। उनके यूट्यूब चैनल के 9,36,000 सब्सक्राइबर हैं। साठे की एक एकेडमी भी है, जिसका नाम अवधूत साठे ट्रेडिंग एकेडमी है। साठे को एक अलग, यूनीक तरीके से ट्रेडिंग लेसन सिखाने के लिए जाना जाता है। वह कभी-कभी लेक्चर के बीच में ही नाचने लगते हैं और छात्रों को भी अपने साथ स्टेज जॉइन करने के लिए इनवाइट करते हैं।
3 दशकों से अधिक का अनुभव होने का दावा
अवधूत साठे 1991 से बाजारों में सक्रिय हैं। वह सेंट्रल मुंबई के दादर की एक साधारण सी चॉल में पले-बढ़े हैं। बाद में वह अपने परिवार के साथ मुलुंड में शिफ्ट हो गए। उनके पास इंजीनियरिंग की डिग्री है। साठे ने अपने करियर की शुरुआत सॉफ्टवेयर इंडस्ट्री में Hexaware Technologies के जरिए की थी। वह विदेश भी गए और कुछ वक्त अमेरिका, सिंगापुर और ऑस्ट्रेलिया में काम किया। जब उन्होंने इनवेस्टिंग और ट्रेडिंग में हाथ आजमाया और कामयाबी मिलने लगी तो 2008 से उन्होंने नौकरी छोड़कर छात्रों को इस बारे में ट्रेन करने का फैसला किया। उनकी ट्रेनिंग एकेडमी की वेबसाइट के अनुसार, अवधूत साठे 3 दशकों से अधिक के ट्रेडिंग और निवेश के अनुभव वाले एक सफल ट्रेडर हैं।
SEBI यह संकेत देना चाहता है कि वह शिक्षा की आड़ में रिटेल ट्रेडर्स को गुमराह करने वाले, बाजार को प्रभावित करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रहा है। जहां तक साठे की बात है तो वह महीनों से SEBI की जांच के दायरे में थे। सूत्रों का कहना है कि शिकायतें मिली हैं कि अवधूत साठे ट्रेडिंग एकेडमी यानि कि ASTA केवल ट्रेनिंग देने तक सीमित नहीं है। साठे छात्रों को पेनी स्टॉक के बारे में सलाह देते हैं और प्राइवेट वॉट्सऐप ग्रुप्स पर टिप्स भी देते हैं। इसके तहत साठे ने ऑपरेटर्स या प्रमोटर्स के साथ मिलकर ऐसे शेयरों को उन छात्रों तक पहुंचाया, जो बिना सोचे-समझे इन्हें खरीद लेते थे, और उम्मीद करते थे कि उनके 5 रुपये 500 रुपये तक पहुंच जाएंगे।
वहीं साठे के कई स्टूडेंट्स का मानना है कि वह एक असाधारण दूरदर्शी व्यक्ति हैं। शेयर बाजार को लेकर साठे के शिक्षण स्तर की बराबरी कोई नहीं कर सकता। साठे के YouTube पेज की मानें तो उनके सेशंस में मिली शिक्षा को पाकर एक गृहिणी ने ट्रेडिंग के जरिए सिर्फ ढाई साल में 1 करोड़ रुपये कमा लिए। यह केवल एक उदाहरण है, उनके पेज पर ऐसे कई टेस्टिमोनियल्स या फीडबैक मौजूद हैं।
साठे पर लग चुके हैं घोटालेबाज जैसे टैग
हालांकि एक फैक्ट यह भी है कि सेबी की छापेमारी से पहले साठे पर धोखाधड़ी और घोटालेबाज जैसे टैग लगाए जा चुके हैं। दूसरे फिनफ्लूएंसर्स और मार्केट पार्टिसिपेंट्स ने अक्सर साठे पर अपनी ट्रेडिंग एकेडमी के जरिए निजी फायदे के लिए निवेशकों को गुमराह करने का आरोप लगाया है। फिनफ्लूएंसर्स और एनालिस्ट्स उन्हें अपने वैध दायरे से बाहर कर चुके हैं। 2023 में सेबी के साथ रजिस्टर्ड निवेश सलाहकार रितेश गुलराजानी ने साठे के खिलाफ अनौपचारिक रूप से शिकायत की थी। एक जांच अधिकारी रेगुलर इंस्पेक्शन के दौरान उनके घर भी गया था।
अवधूत साठे ट्रेडिंग एकेडमी की शुरुआत साल 2008 में हुई थी। आज इसकी पूरे देश में मुंबई, दिल्ली और बेंगलुरु से लेकर भुवनेश्वर, कोच्चि और नागपुर जैसे छोटे शहरों तक 17 ब्रांच हैं। इतना ही नहीं संयुक्त अरब अमीरात और संयुक्त राज्य अमेरिका जैसी इंटरनेशनल लोकेशंस के छात्रों के लिए ऑनलाइन क्लासेज चलती हैं। एकेडमी के कोर्स विभिन्न भाषाओं, अंग्रेजी, हिंदी, तमिल, मराठी और तेलुगु में उपलब्ध हैं। एकेडमी के इंस्टाग्राम पर 2,37,000 फॉलोअर हैं। एकेडमी की क्लासेज केवल शेयरों को नहीं बल्कि कमोडिटीज और करेंसी को भी कवर करती हैं।
ASTA के प्रोग्राम्स में वेबिनार से लेकर 3 महीने का रेजिडेंशियल ट्रेनिंग तक शामिल है। इन प्रोग्राम्स की कॉस्ट 21,000 रुपये से लेकर 1.7 लाख रुपये के बीच है। ASTA ने मनोविज्ञान, योग, संस्कार और सत्संग के साथ वित्तीय बाजारों पर ट्रेनिंग को इंटीग्रेट करने की भी कोशिश की है।
सूत्रों के अनुसार, ट्रेडिंग और इनवेस्टिंग पर ट्रेनिंग का कारोबार साठे के लिए फायदेमंद रहा है। सिर्फ एकेडमी से 2021 में साठे की कमाई 17 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। 2022 में यह कमाई दोगुने से भी ज्यादा बढ़कर 37 करोड़ रुपये और फिर 2023 में बढ़कर 86 करोड़ रुपये हो गई। अनुमान है कि 2024 में कमाई 116 करोड़ रुपये रही होगी। वहीं 2025 के लिए इसका आंकड़ा लगभग 200 करोड़ रुपये होने का अनुमान है। हालांकि, ये आंकड़े अनुमानों पर बेस्ड हैं। मनीकंट्रोल स्वतंत्र रूप से इनकी पुष्टि नहीं कर सका है।