Realty Stocks: रियल एस्टेट कंपनियों के शेयरों में मंगलवार 1 अप्रैल को भारी गिरावट देखने को मिली। खासतौर से मुंबई और बेंगलुरु की रियल एस्टेट डेवलपर्स के शेयर लड़खड़ा कर गिर गए। ओबेरॉय रियल्टी, गोदरेज प्रॉपर्टीज और मैक्रोटेक डेवलपर्स (लोढ़ा ग्रुप) के शेयर सबसे अधिक नुकसान में रहे। इसके चलते निफ्टी रियल्टी इंडेक्स भी आज कारोबार के दौरान 3.5% से अधिक टूट गया।
निफ्टी रियल्टी इंडेक्स का हर शेयर 2% से 5% की गिरावट के साथ कारोबार कर रहा था, जिससे यह मंगलवार का सबसे ज्यादा नुकसान झेलने वाला सेक्टोरल इंडेक्स बन गया।
महाराष्ट्र सरकार के फैसले से डेवलपर्स पर असर
रेडी रेकनर रेट बढ़ने का मतलब है कि प्रॉपर्टी की स्टांप ड्यूटी और कुल कीमत बढ़ जाएगी। यानी प्रॉपर्टी खरीदना महंगा हो जाएगा। इसके चलते रियल एस्टेट सेक्टर पर इस नेगेटिव असर देखा जा रहा है। मार्केट एनालिस्ट्स के मुताबिक, इस कदम से मुंबई के प्रॉपर्टी डेवलपर्स पर सीधा असर पड़ेगा, क्योंकि इससे मकानों की कीमतें बढ़ेंगी और डिमांड घट सकती है।
बेंगलुरु में वेस्ट मैनेजमेंट शुल्क बना नई चुनौती
इसके अलावा, बेंगलुरु में भी रियल एस्टेट डेवलपर्स के लिए बुरी खबर आई है। बेंगलुरु के नगर निकाय ने प्रॉपर्टी टैक्स के साथ वेस्ट मैनेजमेंट शुल्क वसूलने का फैसला किया है, जो प्रॉपर्टी के बिल्ट-अप-एरिया के आधार पर तय होगा।
600 स्क्वायर फीट तक के घरों के लिए 10 रुपये प्रति माह और 600 से 1,000 स्क्वायर फीट तक के घरों के लिए 50 रुपये प्रति माह का वेस्ट मैनेजमेंट शुल्क तय किया गया है। वहीं 4,000 स्क्वायर फीट से अधिक एरिया में बने घरों को हर महीने 400 रुपये का शुल्क देना होगा।
इस नई टैक्स व्यवस्था के कारण बेंगलुरु के रियल एस्टेट डेवलपर्स पर भी दबाव बढ़ गया। प्रेस्टीज एस्टेट्स का शेयर 4% गिर गया। वहीं सोभा लिमिटेड के शेयर 2.6% और ब्रिगेड एंटरप्राइज के शेयर 1.8% तक टूट गए।
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