Share Market Crash: सेंसेक्स ने 700 अंकों का लगाया गोता, इन 5 कारणों से निवेशकों ने धड़ाधड़ बेचे शेयर
भारतीय शेयर बाजारों में बुधवार सितंबर को भारी मुनाफावसूली दिखी। सेंसेक्स 689 अंक गिर गया। वहीं निफ्टी टूटकर 19,934.60 के स्तर पर आ गया। हैवीवेट शेयरों में बिकवाली, क्रूड ऑयल के दाम में उछाल, FII की ओर से पैसे की निकासी और ग्लोबल बाजारों में कमजोरी जैसे ऐसे कई कारण रहे, जिसके चलते बाजार में आज फिसलन देखी गई
Market Crash: विदेशी निवेशकों ने सितंबर में अब तक कुल 4,000 करोड़ रुपये से अधिक की निकासी की है
कमजोर ग्लोबल संकेतों के बीच HDFC बैंक और रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) जैसे बाजार के दिग्गज शेयरों में जोरदार बिकवाली के कारण बुधवार 20 सितंबर को दोपहर के कारोबार में बेंचमार्क सूचकांकों में गिरावट आई। दोपहर 2 बजे के करीब, बीएसई सेंसेक्स 689.69 अंक या 1.02 फीसदी गिरकर 66,907.15 अंक पर कारोबार कर रहा था। वहीं निफ्टी 198.71 अंक या 0.99 फीसदी टूटकर 19,934.60 के स्तर पर आ गया था।
ट्रेडिंगों के फाउंडर पार्थ नयति ने बताया, "आज, निफ्टी और सेंसेक्स दोनों ने मुनाफावसूली का अनुभव किया। इसका मुख्य कारण HDFC बैंक के शेयरों में एनालिस्ट मीटिंग के बाद आई तेज बिकवाली थी। इसके अलावा, ग्लोबल बाजारों में फेडरल रिजर्व की आगामी बैठक से पहले सतर्क रुख देखने को मिला।"
शेयर बाजार में आज की गिरावट के पीछे मुख्य कारण क्या है?
दिग्गज शेयरों में बिकवाली
देश के सबसे बड़े प्राइवेट बैंक HDFC बैंक ने 18 सितंबर को एनालिस्ट्स के साथ बैठक की थी, जिसमें उसने हाल ही में मर्ज की यूनिट को लेकर जानकारी साझा की। यह बैठक एनालिस्ट्स उन्हें उत्साहित करने में विफल रही। इसके चलते सेंसेक्स में शामिल शेयरों में आज सबसे अधिक दबाव एचडीएफसी बैंक का रहा, जो लगभग 4 प्रतिशत टूट गया।
विदेशी ब्रोकिंग फर्म नोमुरा (Nomura) ने एनालिस्ट्स मीटिंग के बाद HDFC बैंक पर अपनी रेटिंग घटाकर न्यूट्रल कर दी है। अकाउंटिंग एडजस्टमेंट के चलते, संयुक्त कंपनी का बुक वैल्यू, HDFC बैंक के स्टैंडअलोन बुक वैल्यू से कम होगा और इसके कारण कई ब्रोकरेज फर्मों ने स्टॉक पर अपने टारगेट प्राइस में कटौती की है। बुक वैल्यू का मतलब किसी कंपनी की कुल संपत्ति में से उसकी कुल देनदारियों को घटाने के बाद आई वैल्यू से होता है।
इस बीच रिलायंस इंडस्ट्रीज का शेयर भी 20 सितंबर को शुरुआती कारोबार में 3 फीसदी से अधिक गिरकर 2,355 रुपये के अपने 2 महीने के निचले स्तर पर आ गया। यह गिरावट भारी वॉल्यूम के चलते आई। एक्सचेंज पर आज रिलायंस इंडस्ट्रीज के अब तक दो करोड़ शेयरों का कारोबार हुआ, जबकि इसका पिछले एक महीने का डेली औसत 73 लाख शेयरों का है। इसमें 1.9 करोड़ शेयरों का लेनदेन ब्लॉक डील के चलते हुआ है। मनीकंट्रोल को तुरंत ब्लॉक डील में शामिल विक्रेता और खरीदार का पता नहीं चल पाया है। इसके अलावा सरकार की ओर से विंडफॉल टैक्स बढ़ाने का भी स्टॉक पर असर दिखा।
क्रूड ऑयल ने दिया झटका
अंतरराष्ट्रीय बाजाजर में क्रूड ऑयल की कीमतें एक बार फिर से 95 डॉलर प्रति बैरल को पार कर गई हैं। यह नवंबर के बाद का इसका उच्च स्तर है। इसके चलते भारत के चालू खाता घाटा यानी करेंट अकाउंट डेफिसिट (CAD) को लेकर चिंताएं एक बार फिर से बढ़ गई हैं। मर्चेंडाइज ट्रेड का अंतर पहले ही अगस्त में 10 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है। भारत दुनिया में क्रूड ऑयल का तीसरा सबसे बड़ा देश है। ऐसे में क्रूड ऑयल की कीमतों में उतार-चढ़ाव हमारी इकोनॉमी पर असर डालती है।
ग्लोबल मार्केट
एशियाई शेयर बाजार भी आज दायरे में कारोबार कर रहे थे। अमेरिका में बॉन्ड यील्ड एक दशक के उच्चतम स्तर पर या उससे करीब थी। क्रूड की बढ़ती कीमतों ने महंगाई की आशंकाओं को बढ़ा दिया था। ग्लोबल निवेशक कोई भी फैसला लेने से पहले अमेरिकी फेडरल रिजर्व के ब्याज दर के फैसले का इंतजार करते दिखें। एनर्जी की अधिक लागत के कारण कनाडा में महंगाई दर में भी उम्मीद से अधिक बढ़ोतरी हुई है और दुनिया भर के बॉन्ड बाजारों में बिकवाली शुरू हो गई है।
एशिया में, MSCI का एशिया-पैसेफिक शेयरों का सबसे बड़ा सूचकांक (जापान के बाहर) 0.7 प्रतिशत गिर गया। जबकि हांगकांग के शेयरों में सबसे बड़ी गिरावट आई, क्योंकि चीन ने ब्जाय दरों को यथावत रखा। जापान का निक्केई (Nikkei) 0.6 प्रतिशत गिर गया।
FII की ओर से बिकवाली
विदेशी निवेशकों ने 18 सितंबर को शुद्ध रूप से 1,237 करोड़ रुपये के शेयर बेचे, जिससे सितंबर में अब तक कुल निकासी 4,000 करोड़ रुपये से अधिक हो गई है। न्याति ने बताया, "अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में बढ़ोतरी, रुपये की कमजोरी, कच्चे तेल की कीमतों में उछाल और विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) की ओर से बिक्री जैसे कारकों बाजार में आज गिरावट आई।"
एनालिस्ट्स का क्या है कहना?
न्याति ने बताया कि टेक्निकल नजरिए पर, निफ्टी और सेंसेक्स के पास क्रमशः 19,900 और 66,900 पर तत्काल सपोर्ट है। यदि यह इस स्तर को भी तोड़ देता है, तो हमें अतिरिक्त मुनाफावसूली दिख सकती है। इस मुनाफावसूली से निफ्टी संभावित रूप से 19,640 और सेंसेक्स 66,000 तक पहुंच सकता है।
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