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Share Market Crash: शेयर बाजार में इन 4 कारणों से हाहाकार, सेंसेक्स 800 अंक टूटा, लाल निशान में डूबे सभी सेक्टर

Share Market Falls: भारतीय शेयर बाजारों में आज 26 सितंबर को लगातार छठवें दिन गिरावट देखने को मिली। कारोबार के दौरान सेंसेक्स 800 अंकों तक टूट गया। वहीं निफ्टी गिरकर 24,650 के भी नीचे पहुंच गया। डोनाल्ड ट्रंप के नए टैरिफ ऐलानों और विदेशी निवेशकों की लगातार निकासी ने बाजार के सेंटीमेंट को कमजोर किया है

अपडेटेड Sep 26, 2025 पर 4:03 PM
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Share Market Falls: सितंबर महीने में अब तक विदेशी निवेशकों ने करीब 24,454 करोड़ रुपये की बिकवाली की है

Share Market Crash: भारतीय शेयर बाजारों में आज 26 सितंबर को लगातार छठवें दिन गिरावट देखने को मिली। कारोबार के दौरान सेंसेक्स 800 अंकों तक टूट गया। वहीं निफ्टी गिरकर 24,650 के भी नीचे पहुंच गया। यह शेयर बाजार की पिछले 7 महीनों की सबसे लंबी गिरावट है। डोनाल्ड ट्रंप के नए टैरिफ ऐलानों और विदेशी निवेशकों की लगातार निकासी ने बाजार के सेंटीमेंट को कमजोर किया है।

इसके अलावा आईटी शेयरों में बिकवाली और ग्लोबल मार्केट्स से संकेतों ने भी निवेशकों के मनोबल पर असर डाला। बीएसई मिडकैप इंडेक्स और स्मॉलकैप इंडेक्स तो कारोबार के दौरान 2 फीसदी तक टूट गए। निफ्टी के सभी प्रमुख सेक्टोरल इंडेक्स भी लाल निशान में बंद हुए।

कारोबार के अंत में, सेंसेक्स 733.22 अंक या 0.90 फीसदी टूटकर 80,426.46 के स्तर पर बंद हुआ। वहीं निफ्टी 236.15 अंक या 0.95 फीसदी गिरकर 24,654.70 के स्तर पर बंद हुआ।


शेयर बाजार में आज की गिरावट के पीछे 4 बड़ी वजहें रहीं-

1. डोनाल्ड ट्रंप के नए टैरिफ ऐलान

शेयर बाजार में आज की गिरावट के पीछे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नए टैरिफ ऐलान रहे। ट्रंप ने ब्रांडेड और पेटेंट वाले दवाओं के इंपोर्ट पर 100% का टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। इसके अलावा उन्होंने किचन कैबिनेट्स और बाथरूम वैनिटीज पर 50%, गद्देदार फर्नीचर पर 30 प्रतिशत और भारी ट्रकों पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। ये नए टैरिफ 1 अक्टूबर से लागू होंगे।

ट्रंप के इस टैरिफ ऐलान के बाद आज भारतीय फार्मा कंपनियों के शेयरों में सबसे अधिक गिरावट देखने को मिली। निफ्टी फार्मा इंडेक्स शुरुआती कारोबार में 2.3 फीसदी तक गिर गया। इंडेक्स के सभी 20 शेयर लाल निशान में कारोबार कर रहे थे। सन फार्मा के शेयर 3.4% तक गिर गए। डॉ रेड्डीज और सिप्ला के शेयरों में 2-3% की गिरावट देखने को मिली। नैटको फार्मा, लॉरेस लैब्स और बायोकॉन जैसी दूसरी फार्मा कंपनियों के शेयर 3-5% तक गिर गए।

किचन कैबिनेट्स पर टैरिफ लगने के चलते कैरीसिल लिमिटेड के शेयर 8 प्रतिशत तक गिर गए। एक्सपर्ट्स ने बताया कि भारत के फार्मा एक्सपोर्ट का करीब एक तिमाही हिस्सा अकेले अमेरिका जाता है। हालांकि राहत की बात यह है कि अमेरिका ने अभी जेनरिक दवाओं को इस टैरिफ के दायरे से बाहर रखा है। भारत की जेनरिक दवाओं की अमेरिका में काफी मांग है। लेकिन जेनरिक दवाओं पर यह छूट कब तक बनी रहेगी, ट्रंप के व्यवहार को देखते हुए इस बारे में कुछ भी पक्के तौर पर नहीं कहा जा सकता है।

2. एक्सेंचर के नतीजों से आईटी शेयरों में गिरावट

भारतीय आईटी शेयरों में आज लगातार छठवें दिन गिरावट देखने को मिली। निफ्टी आईटी इंडेक्स शुरुआती कारोबार में 1.3% तक टूट गया और इंडेक्स के सभी 10 शेयर लाल निशान में कारोबार कर रहे थे। यह गिरावट अमेरिकी टेक कंपनी एक्सेंचर (Accenture) के तिमाही नतीजों के बाद आई, जिससे आईटी सेक्टर के डिमांड रिकवरी को लेकर धुंधली तस्वीर सामने आई है।

ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म मैक्वेरी का कहना है कि फिलहाल मांग में रिकवरी अधूरा और असमान है। वहीं, जेफरीज ने चेतावनी दी कि यह सुस्त ग्रोथ गाइडेंस भारतीय आईटी कंपनियों के लिए ग्रोथ अनुमान को भी नीचे ला सकती है।

आईटी शेयरों में गिरावट की एक दूसरी बड़ी वजह H-1B वीजा फीस में बढ़ोतरी भी है। अमेरिका के इस कदम से भारतीय आईटी कंपनियों की लागत बढ़ने का अंदेशा है। इस बीच वॉल स्ट्रीट जर्नल ने एक रिपोर्ट में बताया है कि अमेरिकी सांसद अब Amazon और Apple जैसी दिग्गज टेक कंपनियों के H-1B वीजा उपयोग की जांच की मांग कर रहे हैं। इससे निवेशकों की चिंता और गहरी हो गई है।

3. कमजोर ग्लोबल संकेत

ट्रंप के नए टैरिफ ऐलानों के बाद आज एशियाई शेयर बाजारों में भी गिरावट देखने को मिली। जापान के निक्केई इंडेक्स में 0.13 फीसदी की गिरावट देखने को मिली। हैंग सेंग इंडेक्स में 0.9% की गिरावट आई। चीन का CSI300 इंडेक्स 0.3% नीचे आया और MSCI का एशिया-पैसिफिक इंडेक्स (Ex-जापान) 1% से ज़्यादा गिर गया। अमेरिकी बाज़ार भी गुरुवार 25 सितंबर को गिरावट के साथ बंद हुए।

4. विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली

विदेशी निवेशकों की लगातार निकासी ने भी शेयर बाजार को दबाव में बनाए रखा है। गुरुवार 25 सितंबर को विदेशी निवेशकों ने शेयर बाजार में 4,995 करोड़ रुपये की बिकवाली की। सितंबर महीने में अब तक वे भारतीय शेयर बाजार से करीब 24,454 करोड़ रुपये की बिकवाली कर चुके हैं। ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म जेफरीज का कहना है कि विदेशी निवेशकों के लिए कंपनियों की अर्निंग्स ग्रोथ अभी सबसे बड़ी चिंता का विषय बना हुआ है।

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