Share Market Rise: भारतीय शेयर बाजार आज लगातार 5वें दिन हरे निशान में कारोबार करते हुए दिखाई दिए। आईटी शेयरों में भारी खरीदारी और ग्लोबल बाजारों में तेजी से निवेशकों का सेंटीमेंट मजबूत बना रहा। अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ओर से ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद से भी शेयर बाजार की तेजी को सपोर्ट मिला। कारोबार के दौरान, सेंसेक्स 245.89 अंक या 0.3 प्रतिशत बढ़कर 81,033.19 के स्तर पर पहुंच गया। वहीं निफ्टी 67.20 अंक या 0.27 प्रतिशत की उछाल के साथ 24,840.35 पर पहुंच गया।
शेयर बाजार में आज की तेजी के पीछे 5 अहम कारण रहे-
1) आईटी शेयरों में खरीदारी
2) अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ओर से ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद
अमेरिका के कमजोर जॉब रिपोर्ट ने निवेशकों की इस उम्मीद को मजबूत किया कि फेडरल रिजर्व अपनी आगामी बैठक में ब्याज दरों में कटौती का फैसला ले सकता है। फेडरल रिजर्व की यह बैठक 16-17 सितंबर को होनी है। HDFC सिक्योरिटीज के प्राइम रिसर्च हेड, देवर्ष वकील ने बताया, " शुक्रवार के कमजोर नॉन-फॉर्म पेरोल रिपोर्ट ने अमेरिकी जॉब मार्केट और वहां की इकोनॉमी के संभावित मंदी को लेकर चिंताएं बढ़ा गी है। निवेशक अब इस साल ब्याज दरों में कई कटौती की उम्मीद कर रहे हैं।"
3) ग्लोबल मार्केट में तेजी
एशिया में, साउथ कोरिया का कोस्पी, जापान का निक्केई 225 और हांगकांग का हैंग सेंग इंडेक्सबढ़त के साथ कारोबार कर रहे थे। वॉल स्ट्रीट पर, नैस्डेक इंडेक्स ने नया ऑलटाइम हाई छू लिया। S&P 500 इंडेक्स भी चढ़ा, जबकि US स्टॉक फ्यूचर्स भी पॉजिटिव शुरुआत का संकेत दे रहे थे।
4) जीएसटी दर में कटौती से सेंटीमेंट हुआ बेहतर
रोजमर्रा की जरूरतों और निजी इस्तेमाल की चीजों पर जीएसटी दरों में कटौती की हालिया घोषणा से भी मार्केट के सेंटीमेंट को मजबूती मिली। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ इनवेस्टमेंट स्ट्रैटजिस्ट वी के विजयकुमार ने कहा, "जीएसटी सुधारों का सबसे अधिक ऱयदा ऑटो सेक्टर को हुआ है और 22 सितंबर के बाद भी मांग मज़बूत बने रहने की उम्मीद है।"
घरेलू शेयर बाजारों में तेजी के चलते शुरुआती कारोबार में रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 14 पैसे बढ़कर 87.95 पर पहुंच गया। हालांकि, भारत पर अमेरिकी टैरिफ की चिंताओं और ग्लोबल अनिश्चितताओं के कारण ट्रेडर्स सतर्क बने हुए हैं।
टेक्निकल एक्सपर्ट्स का क्या है कहना?
तकनीकी मोर्चे पर, जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ इनवेस्टमेंट स्ट्रैटजिस्ट्स आनंद जेम्स ने कहा, "24,870 के स्तर पर पहुंचते ही तेजी की गति गायब हो गई, जिसे हमने एक महत्वपूर्ण पिवट के रूप में देखा था। ऑसिलेटर आगे की तेजी के लिए अनुकूल बने हुए हैं। निफ्टी एक बार 24,730-870 के स्तर के पार बंद हो जाए, उसके बाद ही कुछ स्पष्टता मिलेगी।"
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