Sugar Stocks: शुगर स्टॉक्स में हाल के सेशन में जोरदरा तेजी देखने को मिली। इसकी सबसे बड़ी वजह है कि सरकार का इथेनॉल ब्लेंडिंग रोडमैप को और बढ़ावा देना। Balrampur Chini, Shree Renuka Sugars, Dhampur Sugar समेत कई कंपनियों के शेयरों में उछाल दिखा।
Sugar Stocks: शुगर स्टॉक्स में हाल के सेशन में जोरदरा तेजी देखने को मिली। इसकी सबसे बड़ी वजह है कि सरकार का इथेनॉल ब्लेंडिंग रोडमैप को और बढ़ावा देना। Balrampur Chini, Shree Renuka Sugars, Dhampur Sugar समेत कई कंपनियों के शेयरों में उछाल दिखा।
सुप्रीम कोर्ट ने 20 प्रतिशत इथेनॉल ब्लेंडेड पेट्रोल पर किसी तरह की रोक लगाने से साफ मना कर दिया। वहीं, केंद्र ने 2025–26 मार्केटिंग ईयर के लिए शुगरकेन जूस, सिरप, बी-हेवी और सी-हेवी मोलेसेस से इथेनॉल उत्पादन पर सभी प्रतिबंध हटा दिए।
देखने में यह डबल फायदा लगता है- ज्यादा गन्ना, ज्यादा एथेनॉल, ज्यादा मुनाफा। लेकिन असलियत इतनी मीठी नहीं है। एनालिस्टों का मानना है कि शुगर स्टॉक्स में तेजी टिकाऊ नहीं रहने वाली। उनका कहना है कि भारत में लगातार चीनी उत्पादन की कमी और इथेनॉल की स्थिर कीमतों से बुलिश सेंटीमेंट कमजोर हो सकता है।
शुगर स्टॉक्स की दिक्कत क्या है?
ब्रोकरेज फर्म InCred Capital के एनालिस्ट्स का कहना है कि भारत में शुगर प्रोडक्शन का अनुमान अक्सर गलत साबित होता है। शुरुआत में अनुमान ऊंचे रखे जाते हैं, लेकिन आखिर में रिजल्ट उम्मीद से काफी नीचे रहता है।
2023–24 में 34 मिलियन मीट्रिक टन (MMT) का अनुमान था, लेकिन चीनी उत्पादन 29.5 MMT पर सिमट गया। वहीं, 2024–25 का अनुमान पहले 35.5 MMT था, जिसे घटाकर 28 MMT कर दिया गया। अब 2025-26 के लिए 35.25 MMT का अनुमान है, लेकिन यह भी मानसून पर टिका है।
शुगर से ज्यादा ग्रेन डिस्टिलरीज पर दांव
ब्रोकरेज फर्म InCred Capital ने Balrampur Chini और Triveni Engineering जैसे शुगर स्टॉक्स पर 'reduce' रेटिंग यानी बेचने की सलाह दी है। वहीं, BCL Industries, Gulshan Polyols और Globus Spirits जैसी ग्रेन-बेस्ड डिस्टिलरीज यानी अनाज से इथेनॉल बनाने वाली कंपनियों पर 'add' रेटिंग दी है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि मिलें शुगर बेचने को ज्यादा फायदेमंद मानती हैं, जबकि Fथेनॉल डायवर्जन कम मार्जिन की वजह से बैकफुट पर है।
इथेनॉल सप्लाई ईयर 2025 (ESY25) में जुलाई तक 7.23 बिलियन लीटर एथेनॉल सप्लाई हुई। इसमें सिर्फ 38% शुगर से आया, बाकी बड़ा हिस्सा यानी 62% अनाज से आया। जैसे कि चावल और मक्का। वजह साफ है, गन्ने से बनने वाला इथेनॉल घाटे का सौदा है।
शुगर स्टॉक्स का मिला जुला प्रदर्शन
इस साल शुगर स्टॉक्स का प्रदर्शन भी मिलाजुला रहा। Shree Renuka Sugars, Dhampur Sugar और Dwarikesh Sugar के शेयर 30 प्रतिशत तक गिर गए। वहीं, Balrampur Chini और EID Parry में 22 प्रतिशत तक तेजी देखी गई।
एक्सपर्ट का मानना है कि सरकारी नीतियां भले ही एथेनॉल ब्लेंडिंग को सपोर्ट कर रही हों, लेकिन मौजूदा प्राइसिंग स्ट्रक्चर इसे शुगर सेल्स जितना आकर्षक नहीं बनाता। अगर 2026 तक प्रोडक्शन और स्टॉक बढ़ता है, तो सरकार शुगर एक्सपोर्ट की अनुमति भी बढ़ा सकती है। इससे चीनी मिल्स इथेनॉल और भी घटा सकती हैं।
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