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Tata Investment Shares: टाटा इनवेस्टमेंट के शेयरों में क्यों आई 90% की गिरावट? 10 टुकड़ों में बंटा शेयर, जानिए पूरा मामला

Tata Investment Corp shares: टाटा इनवेस्टमेंट कॉरपोरेशन के शेयरों में मंगलवार 14 अक्टूबर को कई ट्रेडिंग प्लेटफॉर्मों पर 90 प्रतिशत तक की गिरावट देखने को मिली। इसके चलते कई निवेशक हैरानी में दिखे। हालांकि इसमें घबराने वाली कोई बात नहीं है। दरअसल टाटा इनवेस्टमेंट कॉरपोरेशन के शेयर स्टॉक स्प्लिट (Stock Split) के चलते आज से 10 हिस्सों में बंट गए

अपडेटेड Oct 14, 2025 पर 1:18 PM
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Tata Investment Corp shares: स्टॉक स्प्लिट के बाद टाटा इनवेस्टमेंट के शेयरों में 7% तक की जोरदार तेजी देखने को मिली

Tata Investment Corp shares: टाटा इनवेस्टमेंट कॉरपोरेशन के शेयरों में मंगलवार 14 अक्टूबर को कई ट्रेडिंग प्लेटफॉर्मों पर 90 प्रतिशत तक की गिरावट देखने को मिली। इसके चलते कई निवेशक हैरानी में दिखे। हालांकि इसमें घबराने वाली कोई बात नहीं है। दरअसल टाटा इनवेस्टमेंट कॉरपोरेशन के शेयर स्टॉक स्प्लिट (Stock Split) के चलते आज से 10 हिस्सों में बंट गए। इसके चलते कंपनी के शेयरों का भाव भी एडजस्ट होकर कम हो गया, जो कई ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर गिरावट की तरह दिख रहा है।

टाटा ग्रुप की इस कंपनी के शेयर मंगलवार को 1,042 रुपये प्रति शेयर के भाव पर खुले, जबकि इसके पिछले कारोबारी सत्र में यह शेयर 9,922 रुपये प्रति शेयर के भाव पर बंद हुआ था। ऐसा स्टॉक स्प्लिट के चलते हुआ, जिससे इसके शेयरों का भाव घट गया, लेकिन का मार्केट कैप जस का तस बना रहा।

क्या है पूरा मामला?

टाटा इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन ने अगस्त 2025 में घोषणा की थी कि वह अपने 10 रुपये के फैस वैल्यू प्रत्येक शेयर को 1 रुपये के फेस वैल्यू वाले 10 छोटे हिस्सों में बांटेगी। इसे ही स्टॉक स्प्लिट या शेयरों का विभाजन कहते हैं। टाटा ग्रुप की इस कंपनी का यह पहला स्टॉक स्प्लिट है।


कंपनी ने इस स्टॉक स्प्लिट के लिए 14 अक्टूबर को रिकॉर्ड डेट तय की थी, यानी वह तारीख जिसके आधार पर यह तय होगा कि किन शेयरधारकों को स्प्लिट के बाद नए शेयर मिलेंगे। इसका मतलब है कि अगर किसी निवेशक के पास रिकॉर्ड डेट तक कंपनी का एक शेयर था, तो अब उसके पास उसके 10 शेयर होंगे। हालांकि उसके निवेश की कुल वैल्यू उतनी ही बनी रहेगी।

निवेशकों के लिए इसका मतलब क्या है?

स्टॉक स्प्लिट का मकसद शेयर की लिक्विडिटी बढ़ाना और छोटे निवेशकों को आकर्षित करना होता है। इससे शेयरों की कुल संख्या बढ़ जाती है, लेकिन कंपनी का कुल मार्केट कैप यानी बाजार मूल्य नहीं बदलता।

कम कीमत पर शेयर उपलब्ध होने से अधिक निवेशक आसानी से खरीद सकते हैं, जिससे ट्रेडिंग वॉल्यूम और निवेशकों की भागीदारी में वृद्धि होती है। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे लंबी अवधि में स्टॉक की मांग और कीमत दोनों बढ़ सकते हैं।

स्टॉक स्प्लिट के बाद आज शेयरों की कीमत में जो गिरावट दिख रही है, वह सिर्फ उसके प्राइस में एडजस्टमेंट है। यह असली गिरावट नहीं है। उदाहरण के तौर पर, अगर किसी के पास ₹9,922 का एक शेयर था, तो अब उसके पास 992.2 रुपये के 10 शेयर हैं। यानी कुल मूल्य वही 9,922 रुपये बना हुआ है।

शेयरों में तेजी

स्टॉक स्प्लिट के बाद टाटा इनवेस्टमेंट के शेयरों में जोरदार तेजी देखने को मिली। सुबह 10:40 बजे तक शेयर करीब 7 प्रतिशत की तेजी दिखाते हुए 1,057 रुपये प्रति शेयर के भाव पर ट्रेड कर रहा था।

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