सरकारी स्वामित्व वाली कंपनी रिन्यूएबल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी (IREDA) बाजार से 4500 करोड़ रुपये तक का फंड जुटाने पर विचार कर रही है। कंपनी ने एक्सचेंजों को सूचित किया है अगले सप्ताह 29 अगस्त को होने वाली अपनी बोर्ड मीटिंग में वह प्रस्ताव को मंजूरी के लिए रखेगी। इरेडा के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक प्रदीप कुमार दास ने हाल ही में सीएनबीसी आवाज़ को दिए एक साक्षात्कार में संकेत दिया कि 4,500 करोड़ रुपये के फंड जुटाने के लिए भारत सरकार द्वारा कंपनी में अपनी 10 फीसदी हिस्सेदारी कम की जा सकती है।
श्री दास ने सीएनबीसी आवाज़ को यह भी बताया कि इस ग्रीन फाइनेंसिंग एनबीएफसी ने भारत सरकार से 10 फीसदी हिस्सेदारी की बिक्री की मांग की है। उन्होंने आगे कहा कि इरेडा को अपनी इन योजनाओं पर आगे बढ़ने को लिए भारत सरकार से पूर्व अनुमोदन की जरूरत है। इस बात को ध्यान में रखते हुए कंपनी ने निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (DIPAM) को अपने प्रस्ताव पेश कर दिए हैं।
कंपनी क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट (क्यूआईपी), राइट इश्यू या दूसरे तरीकों से धन जुटाने पर विचार कर रही है। इस संबंध में गुरुवार, 29 अगस्त को बोर्ड की बैठक होगी, जिसमें इस प्रस्ताव को मंजूरी के लिए पेश किया जाएगा।
भारत ने 2030 तक 500 गीगावाट रिन्यूएबल एनर्जी हासिल करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए हर साल करीब 50 गीगावाट क्षमता जोड़ने की जरूरत है। ऐसे में कंपनी के लिए फंड जुटाना बहुत जरूरी है।
कंपनी नवंबर 2023 में शेयर बाजार में लिस्ट हुई थी। इस स्टॉक की लिस्टिंग 32 रुपये के इश्यू प्राइस के मुकाबले 56 फीसदी से ज्यादा के प्रीमियम के साथ हुई थी। शेयर ने बाजार में शानदार शुरुआत की थी। बीएसई और एनएसई दोनों पर ये शेयर इश्यू प्राइस से 56.25 फीसदी ऊपर 50 रुपये पर लिस्ट हुआ था। इस साल 15 जुलाई को इसने 310 रुपये का ऑलटाइम हाई बनाया था जो इसके लिस्टिंग प्राइस से 520 फीसदी ज्यादा है। वर्तमान में ये मल्टीबैगर पीएसयू स्टॉक 260 रुपये प्रति शेयर पर कारोबार कर रहा है जो आईपीओ प्राइस से लगभग 420 फीसदी ज्यादा है।