IEX Share Price: क्या और गिरेगा IEX का शेयर? एक्सपर्ट्स ने बताए 2 बड़े खतरे, डी-रेटिंग की जताई आशंका
IEX Share Price: मार्केट एनालिस्ट्स का कहना है कि मार्केट कपलिंग के फैसले का IEX की कमाई पर सीधा असर पड़ सकता है। इससे कंपनी की प्राइस डिस्कवरी और वॉल्यूम आधारित कॉम्पिटिटीव बढ़त समाप्त होने की आशंका जताई जा रही है। IEX के रेवेन्यू का करीब 70% से ज्यादा हिस्सा ट्रांजैक्शन फीस से आता है। वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में यह फीस कंपनी के कुल रेवेन्यू का लगभग 77% हिस्सा रही थी
IEX Share Price: आईईएक्स के शेयरों में 24 जुलाई को अब तक की सबसे बड़ी इंट्राडे गिरावट देखी गई
IEX Share Price: इंडियन एनर्जी एक्सचेंज (IEX) के शेयरों में एक दिन पहले 24 जुलाई को अब तक की सबसे बड़ी इंट्राडे गिरावट देखी गई। शेयर का भाव एक दिन में करीब 30 फीसदी तक टूट गया। हालांकि आज 25 जुलाई को यह शेयर कुछ रिकवरी करते हुए देखा गया और कारोबार के दौरान इसका भाव 13 फीसदी तक उछल गया था। कारोबार बंद होने पर शेयर 9.55 प्रतिशत बढ़त के साथ 145.10 रुपये पर सेटल हुआ।
IEX के शेयरों में गिरावट के पीछे मुख्य वजह सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन का एक फैसला था, जिसमें जनवरी 2026 से 'मार्केट कपलिंग' लागू करने की मंजूरी दी गई है। यह बदलाव IEX के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है क्योंकि इससे कंपनी की प्राइस डिस्कवरी और वॉल्यूम आधारित कॉम्पिटिटीव बढ़त समाप्त होने की आशंका जताई जा रही है।
मार्केट एनालिस्ट्स का कहना है कि इस फैसले का IEX की कमाई पर सीधा असर पड़ सकता है। IEX के रेवेन्यू का करीब 70% से ज्यादा हिस्सा ट्रांजैक्शन फीस से आता है। वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में यह फीस कंपनी के कुल रेवेन्यू का लगभग 77% हिस्सा रही थी।
ब्रोकरेज फर्म एलारा सिक्योरिटीज के एनालिस्ट्स के विश्लेषक रुपेश सांखे ने बताया, “IEX के सामने अब दो बड़े खतरे हैं। पहला वॉल्यूम में गिरावट और दूसरा मार्जिन के घटने का। कंपनी के कुल वॉल्यूम का करीब 50 प्रतिशत हिस्सा Day-Ahead Market (DAM) से आता है। लेकिन अब Day-Ahead Market (DAM) सेगमेंट में मार्केट कपलिंग का नियम लागू होने से इसके वॉल्यूम में असर देखा जा सकता है। अगर IEX इस सेगमेंट में अपनी 50% हिस्सेदारी खो देती है, तो इसके रेवेन्यू में 25% तक और मुनाफे में 30% तक गिरावट आ सकती है।”
और कितना गिरेगा शेयर?
रुपेश सांखे ने बताया ने बताया कि अगर IEX का प्रति यूनिट मार्जिन 4 पैसे से घटकर 3 पैसे पर आ जाता है, तो इसकी कुल आय और मुनाफा 40–50% तक गिर सकता है। इसके अलावा, PE मल्टीपल की डी-रेटिंग भी संभावित है, जिससे शेयर में और 10% तक की गिरावट देखी जा सकती है।
'मार्केट कपलिंग' से क्या बदलेगा?
मार्केट कपलिंग के तहत, अब सभी बिजली एक्सचेंजों पर एक समान प्राइस डिस्कवरी सिस्टम लागू हो जाएगा। इसके तहत ग्रिड इंडिया अब एक केंद्रीय एजेंसी के तौर पर काम करेगी, जो सभी एक्सचेंजों पर आने वाली 'buy' और 'sell' की बोलियों को मिलाकर एक समान मार्केट क्लियरिंग प्राइस तय करेगी।
अब तक IEX का Day-Ahead Market में 85% मार्केट शेयर था। IEX अपनी एल्गोरिदम से खुद बोली मिलाती थी और कीमत तय करता था। मगर नए सिस्टम में कंपनी का यह अधिकार छिन जाएहा।
ओमनिसाइंस कैपिटल के एग्जिक्यूटिव वाइस-प्रेसिडेंट, EVP अश्विनी शामी ने बताया, “पहले, बड़ा वॉल्यूम रखने वाले प्लेटफॉर्म पर पार्टिसिपेंट्स खुद आते थे क्योंकि वहां बेहतर कीमत मिलती थी। लेकिन अब वह वॉल्यूम आधारित कॉम्पिटिटीव बढ़त खत्म हो जाएगी।”
IEX के सामने नई चुनौती
सांखे ने कहा कि अब इस सेक्टर में कॉम्पिटीशन सिर्फ प्राइसिंग पर नहीं बल्कि सर्विस, IT क्षमताओं और कस्टमर एक्सपीरियंस पर होगी। IEX के पास अभी भी बैकएंड एडवाइजरी और टेक इंफ्रास्ट्रक्चर के मामले में बढ़त है, लेकिन प्राइसिंग पावर पर उसका नियंत्रण खत्म हो गया है।
भारत में कुल तीन पावर एक्सचेंज हैं। इसमें IEX के अलावा पावर एक्सचेंज इंडिया लिमिटेड (PXIL) और हिंदुस्तान पावर एक्सचेंज (HPX) शामिल है। इन तीनों कंपनियों में IEX देश की सबसे बड़ी पावर एक्सचेंज है और सिर्फ यही कंपनी शेयर बाजार में भी लिस्टेड है। सैमको सिक्योरिटीज के दिव्यम मोरे ने बताया कि पहले IEX की मोनेपॉली जैसी स्थिति थी, लेकिन अब सभी एक्सचेंजों के बीच मार्केट कपलिंग से IEX का वर्चस्व टूट सकता है। इसके चलते इसे भी बाकी कंपनियों के बराबर ही कॉम्पिटीशन का सामना करना पड़ेगा।
एनालिस्ट्स का कहना है कि IEX के लिए यह बदलाव बड़े झटके की तरह है और आगे जाकर इसके PE मल्टीपल्स में डी-रेटिंग भी देखने को मिल सकती है। उन्होंने कहा कि मौजूदा 35-40 गुना के P/E मल्टीपल को इसके मजबूत अर्निंग्स और बाजार में मोनोपॉली की स्थिति को देखते हुए दिया गया था और लेकिन अब इस प्रीमियम के कम होने की आशंका है।
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