यस बैंक को डूबने से बचाने के लिए 2020 में आरबीआई को आगे आना पड़ा था। आज यस बैंक बेहतर स्थिति में आ चुका है। यस बैंक के प्रदर्शन में लगातार सुधार दिख रहा है। निवेशकों का भरोसा यस बैंक पर लौटा है। बीते साढ़े चार साल के सफर और भविष्य के प्लान के बारे में जानने के लिए मनीकंट्रोल ने यस बैंक के एमडी और सीईओ प्रशांत कुमार से बातचीत की। उनसे बैंकिंग सेक्टर की चुनौतियों के बारे में भी सवाल पूछे। कुमार ने बैंक की वित्तीय सेहत के बारे में कई बातें बताईं।
ग्राहकों का भरोसा यस बैंक पर बढ़ा है
कुमार (Prashant Kumar) ने कहा कि आरबीआई (RBI), स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) और दूसरे बैंकों की मदद से 2020 में यस बैंक डूबने से बच गया। तब बैंक का डिपॉजिट घटकर 99,000 करोड़ रुपये पर आ गया था। बैंक का क्रेडिट-डिपॉजिट (CD) रेशियो 165 फीसदी था। आरबीआई ने छह महीनों के लिए हमें 50,000 रुपये की आर्थिक मदद दी थी। आज यस बैंक की स्थिति काफी बेहतर है। डिपॉजिट रेशियो 100 फीसदी से कम पर आ गया है। हमने छह महीने के अंदर आरबीआई से मिला पैसा चुका दिया। इसस ग्राहकों का भरोस यस बैंक पर बढ़ा है। कोविड की महामारी के बीच जुलाई 2020 में यस बैंक मार्केट से 2 अरब डॉलर मार्केट से जुटाने में कामयाब रहा। इससे यस बैंक का भी भरोसा बढ़ा है।
बिजनेस के हर मानक पर यस बैंक अच्छा प्रदर्शन कर रहा
ग्राहकों को लेकर यस बैंक की प्रतिबद्धता के बारे में कुमार ने कहा कि हम पहले दिन से अपने ग्राहकों के लगातार संपर्क में हैं। हमें यह बताते हुए खुशी हो रही है कि यस बैंक अकेला बैंक है, जिसके एंप्लॉयीज एक भी दिन ऑफिस से गैरहाजिर नहीं रहे। हमने कोविड के दौरान भी घर से काम नहीं किया। इसकी वजह हमारी सोच है कि अगर हमारी ब्रांच खुली हैं तो हम घर बैठकर काम नहीं कर सकते। हमारा फोकस यस बैंक के प्रदर्शन पर है। अगर हमारे प्रॉफिट की बात की जाए तो इसमें हर तिमाही इम्प्रूवमेंट दिखा है। एनपीए, कैपिटल, डिपॉजिट ग्रोथ और प्रॉफिट ग्रोथ के मामले में भी यस बैंक का प्रदर्शन लगातार बेहतर हो रहा है।
एसबीआई ने यस बैंक को डूबने से बचाया
यस बैंक में एसबीआई की हिस्सेदारी के बारे में उन्होंने कहा कि एसबाई प्रमोटर की भूमिका में नहीं है। बैंक की मदद के लिए आगे आने के बाद से कभी एसबीआई ने प्रमोटर के रोल में दिलचस्पी नहीं दिखाई है। एसबीआई एक फाइनेंशियल इनवेस्टर है, जिसने मुश्किल वक्त में बैंक की मदद की। हम यह भूल जाते हैं कि अगर SBI ने यस बैंक को डूबने से नहीं बचाया होता तो इकोनॉमी पर कितना असर पड़ा होता। आरबीआई के नियमों के मुताबिक, एक बैंक लंबे समय तक दूसरे बैंक में हिस्सेदारी नहीं रख सकता है।
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बेहतर सर्विस पर फोकस बना रहेगा
Yes Bank के एमडी और सीईओ ने कहा कि स्ट्रेटेजी के तहत हमारा फोकस लोन से ज्यादा डिपॉजिट ग्रोथ पर बना रहेगा। यस बैंक के इंक्रिमेंटल डिपॉजिट की कॉस्ट ज्यादा नहीं है। यस बैंक चाहता है कि CASA की ग्रोथ कुल डिपॉजिट ग्रोथ से ज्यादा रहे। आज हर बैंक के डिजिटल ऐप हैं और हर ऑनलाइन बैंकिंग ऑफर कर रहा है। इसमें कुछ नया नहीं है। लेकिन, हमारा फोकस इन सबके बीच सर्विस पर है। अगर आपकी सर्विस अच्छी है तो ग्राहकों के साथ आपका जुड़ाव बेहतर होगा। पिछले साल हमने यस बैंक की रिब्रांडिंग की। इसका फायदा मिला है। इससे ग्राहकों को यह मैसेज गया है कि यस बैंक उनकी जरूरतों पूरी करने के लिए फिर से तैयार है।