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Yes Bank Shares: यस बैंक का शेयर 7 महीने में 24% गिरा, रिस्क लेने वालों के लिए हो सकता है मौका

Yes Bank Shares: यस बैंक में SBI को अपनी 24% हिस्सेदारी बेचने के लिए RBI से मंजूरी मिल गई है। इस हिस्सेदारी को खरीदने के लिए कई विदेशी निवेशकों के नाम भी सामने आ रहे हैं, लेकिन अब तक कोई डील पक्की नहीं हुई है। इस बीच अगर यस बैंक के तिमाही नतीजों पर नजर डालें तो इससे साफ पता चलता है कि बैंक की रणनीति सही दिशा में आगे बढ़ रही है

अपडेटेड Sep 03, 2024 पर 10:01 PM
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Yes Bank Shares: पिछले 7 महीने में यस बैंक का स्टॉक 24 फीसदी गिरा है

Yes Bank Shares: यस बैंक के शेयर ने पिछले कुछ समय से अपने निवेशकों को निराश किया है। लेकिन क्या ये गिरावट आपके लिए एक शानदार मौका हो सकती है? पिछले 7 महीने में यस बैंक का स्टॉक 24 फीसदी गिरा है, जबकि निफ्टी में इस दौरान 16 फीसदी की तेजी आई है। ये गिरावट चिंता का विषय हो सकती है, लेकिन अगर आप रिस्क लेने वाले निवेशक हैं, तो यह आपके लिए एक सुनहरा मौका साबित हो सकता है। कैसे, आइए जानते हैं

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, Yes Bank में SBI को अपनी 24% हिस्सेदारी बेचने के लिए RBI से मंजूरी मिल गई है। इस हिस्सेदारी को खरीदने के लिए कई विदेशी निवेशकों के नाम भी सामने आ रहे हैं, लेकिन अब तक कोई डील पक्की नहीं हुई है। इस बीच अगर यस बैंक के तिमाही नतीजों पर नजर डालें तो इससे साफ पता चलता है कि बैंक की रणनीति सही दिशा में आगे बढ़ रही है।

Yes Bank ने खुद को एक स्थिर और मुनाफे देने वाले बैंक में बदलने के लिए कई कदम उठाए हैं। आज बैंक के पास पर्याप्त पूंजी है, उसके डिपॉजिट तेजी से बढ़ रहे हैं और इसकी एसेट्स क्वालिटी में भी सुधार हो रहा है। हालिया जून तिमाही के दौरान बैंक की डिपॉजिट में 21% की बढ़ोतरी हुई, जबकि इसकी क्रेडिट ग्रोथ 15% रही। यह बताता है कि बैंक ने अपने क्रेडिट-टू-डिपॉजिट रेशियो को काबू में रखा हुआ है।


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हालांकि, बैंक को अभी भी कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। जैसे कि इसका नेट इंटरेस्ट मार्जिन (NIM) लगभग 2.4% पर स्थिर है, जो बैंक के लिए एक दबाव का काम कर रहा है। इसके अलावा, बैंक को अपनी प्रायारिटी सेक्टर लेंडिंग (PSL) की जरूरतों को पूरा करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, जिससे NIM पर भी असर पड़ा है। हालांकि, बैंक का मैनेजमेंट आने वाले 3 सालों में इस कमी को पूरा करने की दिशा में काम कर रहा है, जिससे भविष्य में मार्जिन के बेहतर होने उम्मीद की जा सकती है।

इस बीच बैंक की एसेट्स क्वालिटी भी काफी बेहतर हुई है, जिसका सबूत इसके जून तिमाही के नतीजे रहे हैं। यस बैंक का ग्रॉस NPA 1.7% और नेट NPA 0.5% पर आ गया है, जिससे यह साबित होता है कि बैंक अपने नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स को काबू में करने में कामयाब हो रहा है। हालांकि, रिटेल सेगमेंट में बढ़ती स्लिपेज, खासतौर असुरक्षित उत्पादों में, बैंक के लिए एक चुनौती बनी हुई है।

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अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या Yes Bank में निवेश का यह सही समय है? Yes Bank एक ऐसी संस्था है जो किसी भी विदेशी या घरेलू निवेशक को भारतीय बैंकिंग सिस्टम में बड़ा एंट्री पॉइंट दे सकती है। यह भारत का छठा सबसे बड़ा प्राइवेट बैंक है, जिसका विशाल नेटवर्क और मजबूत डिपॉजिट बेस है।

अगर इसकी हिस्सेदारी बिक्री की डील होती है, तो यह सभी के लिए विन-विन सिचुएशन जैसी स्थिति हो सकती है। बैंकिंग सेक्टर में इससे पहले इतनी बड़ी डील 2015 में हुई थी, जब कोटक महिंद्रा बैंक ने ING Vysya Bank का अधिग्रहण किया था। उस डील में ING Vysya Bank वैल्यू उसके बुक वैल्यू के 2.2 गुना पर लगाई गई थी। अगर इसे डिस्काउंट देकर सिर्फ 2 गुना के बुक वैल्यू पर यस बैंक की वैल्यू निकालें तो यह करीब 91,500 करोड़ रुपये आता है और इस भाव पर यस बैंक के एक शेयर कीमत होगी 29 रुपये।

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वहीं अगर हम बाकी मिड-साइज प्राइवेट बैंकों की डिपॉजिट फ्रैंचाइजी के हिसाब से देखें, हम पाते हैं कि एक्सिस बैंक का मार्केट कैप उसके डिपॉजिट के करीब 35 प्रतिशत के करीब है। इस वैल्यूएशन पर यस बैंक के डील की वैल्यू करीब 93,000 करोड़ रुपये होनी चाहिए, यानी 29.6 रुपये प्रति शेयर। यह यस बैंक के मौजूदा भाव से करीब 25 प्रतिशत अधिक है।

- मधुचंदा डे, मनीकंट्रोल प्रो

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