Zerodha Down: जेरोधा में आया टेक्निकल ग्लिच, मार्केट खुलने के कई मिनट बाद तक नहीं अपडेट हुए शेयरों के प्राइस, यूजर्स हुए परेशान

Zerodha Kite Down: यूजर्स की शिकायत के बाद जेरोधा ने X पर लिखा, 'हमारे कुछ यूजर्स को ऐप पर कीमतों के अपडेट में समस्या हो रही है। हम इसे चेक कर रहे हैं। फिलहाल, मोबाइल ब्राउजर पर काइट वेब (Kite web) से लॉगिन करें। ऑर्डर प्लेसमेंट पर कोई असर नहीं पड़ा है

अपडेटेड Sep 03, 2025 पर 1:01 PM
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बाद में कंपनी ने बताया कि तकनीकी समस्या को फिक्स कर दिया गया है

Zerodha: भारत की सबसे बड़ी रिटेल ब्रोकरेज फर्म में से एक जेरोधा के ऐप में यूजर्स को बुधवार सुबह टेक्निकल ग्लिच का सामना करना पड़ा। कई यूजर्स ने शिकायत की कि ऐप पर शेयर के प्राइस अपडेट नहीं हो रहे थे, जिसके बाद सोशल मीडिया पर शिकायतों की बाढ़ आ गई। सुबह 9:50 बजे, ब्रोकरेज फर्म ने X पर इस ग्लिच को स्वीकार किया।

यूजर्स की शिकायत के बाद जेरोधा ने X पर लिखा, 'हमारे कुछ यूजर्स को ऐप पर कीमतों के अपडेट में समस्या हो रही है। हम इसे चेक कर रहे हैं। फिलहाल, मोबाइल ब्राउजर पर काइट वेब (Kite web) से लॉगिन करें। ऑर्डर प्लेसमेंट पर कोई असर नहीं पड़ा है।' बाद में कंपनी ने बताया कि तकनीकी समस्या को फिक्स कर दिया गया है।


क्यों हो रही है ऐसी दिक्कतें?

यह तकनीकी समस्या ऐसे समय में आई है, जब ब्रोकर के टेक्नोलॉजी सिस्टम पर नियामक संस्थाओं की निगरानी बढ़ गई है। दिसंबर 2024 में SEBI ने इस तरह की दिक्कतों को कम करने के लिए ब्रोकर सिस्टम ऑडिट के लिए एक ऑनलाइन निगरानी व्यवस्था का प्रस्ताव दिया था। अपने लेटर में सेबी ने मौजूदा ऑडिट में कई कमियों को उजागर किया था, जैसे कि कमजोर क्वालिटी जांच, सीमित फिजिकल विजिट्स और सैंपलिंग जांच में खामियां। इन कमियों को दूर करने के लिए, सेबी ने स्टॉक एक्सचेंजों को एक वेब-आधारित पोर्टल बनाने का सुझाव दिया था, जो ऑडिट की पूरी प्रक्रिया को मॉनिटर करेगा। इसमें ऑडिटरों की नियुक्ति से लेकर ब्रोकर के सिस्टम की फिजिकल जांच और ऑडिट सबूत जमा करने तक सब कुछ शामिल होगा।

प्रस्तावित मसौदे में ऑडिटरों की जियो-लोकेशन ट्रैकिंग, सुरक्षित लॉगिन, और ऑडिट करने वाले पेशेवरों के लिए सख्त योग्यता मानदंड रखने की भी सिफारिश की गई है। इसके अलावा, सेबी ने कहा कि ज्यादा जोखिम वाले ब्रोकरों, खासकर एल्गोरिथमिक ट्रेडिंग की सुविधा देने वालों के लिए, एक्सचेंजों को अचानक निरीक्षण करने की आवश्यकता हो सकती है। इन सभी कदमों का उद्देश्य ऑडिट की विश्वसनीयता में सुधार करना और बढ़ते तकनीकी जोखिमों को कम करना है।

Abhishek Gupta

Abhishek Gupta

First Published: Sep 03, 2025 12:47 PM

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