Zerodha US stocks: भारत की सबसे बड़ी स्टॉकब्रोकिंग कंपनी Zerodha जल्द ही अपने ग्राहकों को अमेरिकी शेयरों में निवेश की सुविधा देने जा रही है। कंपनी के फाउंडर और सीईओ नितिन कामत ने बताया कि यह फीचर अगले तिमाही तक लॉन्च किया जाएगा। उन्होंने कहा कि Zerodha इस पर काफी समय से काम कर रही है और यह एक बड़ा प्रोडक्ट लॉन्च होगा।
बेंगलुरु स्थित Zerodha अब तक अमेरिकी शेयरों में निवेश की सुविधा नहीं देती थी। लेकिन कंपनी अब इस नए फीचर को GIFT City फ्रेमवर्क के तहत डेवलप कर रही है। यह रास्ता International Financial Services Centre Authority (IFSCA) के रेगुलेशन में आता है। इससे अंतरराष्ट्रीय निवेश के लिए जरूरी कानूनी स्पष्टता मिलती है।
कंपनी के मुख्य तकनीकी अधिकारी कैलाश नाध ने बताया कि Zerodha का लक्ष्य यूजर्स को एक स्मूद और आसान ट्रेडिंग तजुर्बा देना है। उन्होंने कहा, 'अब हमारे पास GIFT City के जरिए जरूरी रेगुलेटरी क्लैरिटी है। हम बैकएंड और फ्रंटएंड दोनों को सरल बनाने पर काम कर रहे हैं।'
Zerodha का यह कदम ऐसे समय आया है जब कंपनी के वित्तीय प्रदर्शन में गिरावट देखने को मिली है। कई सालों की लगातार ग्रोथ के बाद FY25 में कंपनी के रेवेन्यू और प्रॉफिट दोनों में 15% की कमी आई है। Zerodha का कुल रेवेन्यू घटकर ₹8,500 करोड़ और नेट प्रॉफिट ₹4,200 करोड़ रह गया।
कंपनी ने यह भी संकेत दिया है कि FY26 में रेवेन्यू में FY24 के मुकाबले करीब 40% तक की और गिरावट आ सकती है। इसका कारण हाल ही में फ्यूचर्स और ऑप्शंस (F&O) ट्रेडिंग नियमों में हुए बदलाव बताए जा रहे हैं।
Zerodha ने पहली बार 2020 में अमेरिकी शेयरों में निवेश की सुविधा देने की योजना बनाई थी। लेकिन, उस समय COVID-19 महामारी और विदेशी रेमिटेंस नियमों से जुड़ी दिक्कतों के चलते यह प्रोजेक्ट रोक दिया गया था।
नई योजना के तहत कंपनी अब India INX Global Access और NSE-IX Unsponsored Depository Receipts (UDRs) जैसे GIFT City प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल करके निवेश की सुविधा देने जा रही है।
इस समय कई भारतीय ब्रोकरेज पहले से ही अमेरिकी बाजारों में निवेश की सुविधा दे रहे हैं। इनमें Angel One, INDmoney, HDFC Securities और Kuvera का नाम शामिल है।
वहीं Groww जैसे कुछ प्लेटफॉर्म ने 2024 की शुरुआत में नए यूजर्स की ऑनबोर्डिंग रोक दी थी। क्योंकि विदेशी निवेश पर रेमिटेंस नियमों की जटिलताएं बढ़ गई थीं। साथ ही, ₹7 लाख से अधिक निवेश पर 20% TCS (Tax Collected at Source) लागू हो गया था।