Voda Idea Share Price: फिर ₹10 के पार वोडा आइडिया, सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी पर चहके शेयर, 9% का तगड़ा उछाल

Vodafone Idea AGR Case: दिग्गज टेलीकॉम कंपनी वोडा आइडिया ने एक साल के निचले स्तर से शानदार वापसी की है और महज दो ही महीने में यह रॉकेट की स्पीड से रिकवर होकर आज एक साल के रिकॉर्ड हाई पर पहुंच गया। एक बार फिर यह ₹10 (Voda Idea Share Price) के पार पहुंच गया। इसे सुप्रीम कोर्ट की एक मंजूरी से सपोर्ट मिला है जिसमें इसने केंद्र सरकार को इस मामले पर फिर से विचार करने की अनुमति दी है

अपडेटेड Oct 27, 2025 पर 4:16 PM
Story continues below Advertisement
Voda Idea Share Price: केंद्र सरकार ने कहा कि वह एजीआर मामले में वोडा आइडिया की याचिका पर फिर से विचार करना चाहती है और सुप्रीम कोर्ट ने इसकी मंजूरी दे दी तो निवेशक चहक उठे।

Voda Idea Share Price: सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को अस्तित्व के संकट से जूझ रही वोडा आइडिया को लेकर एक बड़ी मंजूरी दी तो इसके शेयर रॉकेट बन गए। केंद्र सरकार ने कहा कि वह एजीआर मामले में वोडा आइडिया की याचिका पर फिर से विचार करना चाहती है और सुप्रीम कोर्ट ने इसकी मंजूरी दे दी तो निवेशक चहक उठे। कोर्ट की इस मंजूरी पर टेलीकॉम कंपनी के शेयर 9% से अधिक उछल पड़े। इस तेजी का कुछ निवेशकों ने फायदा उठाया जिससे भाव थोड़े नरम पड़े लेकिन शेयर अब भी मजबूत स्थिति में है। आज बीएसई पर यह 3.85% के उछाल के साथ ₹9.99 पर बंद हुआ है। इंट्रा-डे में यह 9.88% उछलकर ₹10.57 पर पहुंच गया था। करीब दो महीने पहले 14 अगस्त 2025 को यह एक साल के निचले स्तर ₹6.12 पर था।

Voda Idea पर क्या कहा सुप्रीम कोर्ट ने?

चीफ जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस के विनोद और जस्टिस विपुल एम पंचोली की बेंच ने कहा कि ऐसी कोई वजह नहीं दिख रही है कि केंद्र सरकार को वोडा आइडिया के मामले में फिर से विचार करने पर रोका जाए। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि यह आदेश केवल 20 करोड़ यूजर्स के हितों को देखते हुए तथ्यों और परिस्थितियों में पारित किया गया है। यह मामला एडजस्टेड ग्रास रेवेन्यू (AGR) से जुड़ा है जो इनकम का आंकड़ा है और इसी के आधार पर टेलीकॉम कंपनियों को सरकार को लाइसेंस शुल्क और स्पेक्ट्रम चार्जेज का पेमेंट करना होता है।


इस मामले में वोडा आइडिया ने 2016-17 से जुड़े टेलीकॉम विभाग की ₹5,606 करोड़ की मांग को चुनौती दी थी। इस याचिका पर टेलीकॉम कंपनी और सरकार की तरफ से कोर्ट में पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता के अनुरोध पर सुनवाई कई बार टल चुकी है। पहले केंद्र सरकार ने कहा था कि इस मामले में समाधान निकालने की कोशिश की जा रही है। तुषार मेहता के मुताबिक इसमें सरकार की करीब 50% इक्विटी हिस्सेदारी है जिससे यह टेलीकॉम कंपनी के अस्तित्व को लेकर यह प्रत्यक्ष हिस्सेदार बन जाती है। सॉलिसिटर जनरल का कहना है कि इस मामले का कोई समाधान निकाला जाना चाहिए, जिस पर सुप्रीम कोर्ट की भी मुहर लग जाए। टेलीकॉम कंपनी की मांग है कि टेलीकॉम विभाग को 3 फरवरी 2020 की तारीख की डिडक्शन वेरिफिकेशन गाइडलाइंस के अनुसार वित्त वर्ष 2016-17 तक के एजीआर बकाए का फिर से एसेसमेंट हो और इसे रिकॉसिल (Reconcile) करने का निर्देश दिया जाए।

सुप्रीम कोर्ट साल की शुरुआत में दे चुका है बड़ा आदेश

इस साल 2025 की शुरुआत में टेलीकॉम कंपनियों को बड़ा झटका लगा था जब सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 2021 के अपने आदेश की समीक्षा से इनकार कर दिया था। उस आदेश में कंपनियों की यह दलील खारिज की गई थी कि AGR बकाए की गणना में कोई गलती हुई है। टेलीकॉम कंपनियों का कहना था कि कैलकुलेशन में गलतियां हुई हैं और कई आंकड़े एक से अधिक कैलकुलेशन में शामिल हुए हैं लेकिन इसे सुप्रीम कोर्ट ने नहीं माना। सितंबर 2020 में कोर्ट ने टेलीकॉम कंपनियों को ₹93,520 करोड़ के AGR बकाये को चुकाने के लिए 10 साल का समय दिया जिसमें से 10% तो 31 मार्च 2021 तक देना था और बाकी 1 अप्रैल 2021 से 31 मार्च 2031 तक सालाना किश्तों में चुकाने को कहा गया।

कोर्ट ने कहा कि टेलीकॉम विभाग की बकाए की मांग आखिरी है, इस पर अब कोई सवाल नहीं उठाया जाएगा और न ही री-एसेसमेंट होगा। AGR मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने अक्टूबर 2019 में अपना फैसला सुनाया था। इसके बाद टेलीकॉम डिपार्टमेंट ने कोर्ट में एक याचिका दाखिल कर दूरसंचार कंपनियों को 20 वर्षों में बकाया भुगतान करने की अनुमति देने की मांग की थी।

बता दें कि एजीआर (एडडस्टेड ग्रास रेवेन्यू) में पहले टेलीकॉम और नॉन-टेलीकॉम इनकम दोनों शामिल गोते थे लेकिन वर्ष 2021 से इससे नॉन-टेलीकॉम इनकम जैसे कि डिपॉजिट्स के ब्याज या एसेट्स की बिक्री से मिली रकम को बाहर कर दिया गया।

Daily Voice: शेयर मार्केट को मिलेगा क्रिसमस गिफ्ट? गोल्ड पर फंड मैनेजर ने सुझाई यह स्ट्रैटेजी

डिस्क्लेमर: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना के लिए दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें। मनीकंट्रोल की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है।

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।