
मार्केट कैप के मौजूदा लेवल्स के आधार पर, लार्जकैप कट-ऑफ ₹1.05 लाख करोड़ रह सकती है। मिडकैप कट-ऑफ ₹34800 करोड़ रहने की संभावना है। कट-ऑफ पीरियड 31 दिसंबर, 2025 तक चलेगा। फाइनल कैटेगराइजेशन 1 फरवरी, 2026 से लागू होगा।
नुवामा अल्टरनेटिव और क्वांटिटेटिव रिसर्च के अनुसार, री-कैटेगराइजेशन के तहत मुथूट फाइनेंस, HDFC AMC, केनरा बैंक और अन्य शेयरों को मौजूदा मिडकैप कैटेगरी से लार्जकैप स्टॉक के रूप में क्लासिफाई किया जा सकता है।
दूसरी ओर, इन्फो एज (इंडिया), ल्यूपिन, बजाज हाउसिंग फाइनेंस, हैवल्स इंडिया, जाइडस लाइफसाइंसेज, REC, इंडस टावर्स, यूनाइटेड स्पिरिट्स, मैनकाइंड फार्मा, JSPL और श्री सीमेंट जैसे स्टॉक्स को लार्जकैप से मिडकैप कैटेगरी में डाउनग्रेड किया जा सकता है।
एंड्योरेंस टेक्नोलोजिज, पूनावाला फिनकॉर्प को स्मॉलकैप से मिडकैप में रीक्लासिफाई किया जा सकता है। ग्रो, लेंसकार्ट, HDB फाइनेंशियल, मीशो, एंथम बायोसाइंसेज और फिजिक्सवाला जैसे नए लिस्ट हुए शेयरों को भी मिडकैप कैटेगरी में क्लासिफाई किया जा सकता है।
दूसरी ओर सोना BLW, गुजरात गैस, LIC हाउसिंग फाइनेंस, AIA इंजीनियरिंग, मेट्रो ब्रांड्स, अजंता फार्मा, हनीवेल ऑटोमेशन, एक्साइड इंडस्ट्रीज, KPIT टेक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, AWL एग्री, NCL इंडिया और टाटा एलेक्सी जैसे मिडकैप स्टॉक्स को स्मॉलकैप कैटेगरी में डाउनग्रेड किया जा सकता है।
नुवामा अल्टरनेटिव के नोट के अनुसार, अर्बन कंपनी से लेकर JSW सीमेंट, Epack प्रीफैब, आनंद राठी शेयर्स, पाइन लैब्स, पेस डिजिटेक, स्टड्स एक्सेसरीज, और अन्य नई लिस्टिंग वाली ज्यादातर कंपनियां स्मॉलकैप कंपनियों के तौर पर कैटेगराइज की जाएंगी।
मौजूदा क्लासिफिकेशन के आधार पर, पिछले 6 महीनों के औसत मार्केट कैप के हिसाब से पहली से 100वीं कंपनी को लार्जकैप के तौर पर कैटेगराइज किया गया है। 101वीं से लेकर 250वीं तक रैंक वाली कंपनियां मिडकैप हैं, जबकि 251वीं रैंक और उसके बाद वाली कंपनियां स्मॉलकैप हैं।
ऐसा कोई नियम नहीं है कि रीक्लासिफिकेशन से किसी खास स्टॉक में इनफ्लो या आउटफ्लो होगा। नुवामा अल्टरनेटिव के नोट में कहा गया है, "एक एक्टिव इक्विटी फंड मैनेजर अपने फंडामेंटल तर्क के आधार पर अपने पोर्टफोलियो में स्टॉक जोड़ने/हटाने या वेटेज बढ़ाने/घटाने का विकल्प चुन सकता है।"