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Gold Loan: गोल्ड लोन लेने की सोच रहे? इन 10 बातों का जरूर रखें ध्यान

Gold Loan: गोल्ड लोन तुरंत कैश पाने का आसान तरीका है, लेकिन लेने से पहले 10 जरूरी बातों पर ध्यान देना जरूरी है। इसमें ब्याज दर, सोने की सुरक्षा और डिफॉल्ट के जोखिम शामिल हैं। जानिए डिटेल।

Suneel Kumar
अपडेटेड Aug 12, 2025 पर 15:56
Gold Loan: गोल्ड लोन लेने की सोच रहे? इन 10 बातों का जरूर रखें ध्यान

गोल्ड लोन कब लेना चाहिए
गोल्ड लोन तभी लें जब आपकी जरूरत शॉर्ट-टर्म और जरूरी हो, जैसे मेडिकल इमरजेंसी, शिक्षा या बिजनेस कैश फ्लो। लंबे समय के लिए यह महंगा साबित हो सकता है, क्योंकि ब्याज दरें पर्सनल लोन के बराबर या ज्यादा हो सकती हैं। सोच-समझकर तय करें कि यह लोन आपका सबसे अच्छा विकल्प है या नहीं।

लोन-टू-वैल्यू रेशियो समझें
आरबीआई नियम के अनुसार, गोल्ड लोन में आपको आपके सोने के मूल्य का अधिकतम 75% तक ही लोन मिलता है। इसका मतलब है कि अगर सोने की कीमत घटे तो लोन चुकाने का दबाव बढ़ सकता है। इसलिए पहले यह आकलन करें कि आपको कितनी रकम चाहिए और सोने के बदले कितनी मिल पाएगी।

ब्याज दर और चार्जेज तुलना करें
गोल्ड लोन अलग-अलग बैंक और एनबीएफसी अलग ब्याज दर पर देते हैं, जो सालाना 7% से 15% तक हो सकती है। इसके अलावा प्रोसेसिंग फीस, वैल्युएशन चार्ज या पेनल्टी चार्ज भी हो सकते हैं। हमेशा कुल कॉस्ट ऑफ क्रेडिट निकालकर फैसला लें।

रीपेमेंट ऑप्शन पर गौर करें
कुछ गोल्ड लोन में मासिक ईएमआई, कुछ में ब्याज मासिक और प्रिंसिपल अंत में, तो कुछ में एकमुश्त भुगतान का विकल्प होता है। अपनी आय और कैश फ्लो के हिसाब से सही रीपेमेंट मोड चुनें। गलत मोड चुनने से लोन चुकाना मुश्किल हो सकता है।

टेन्योर छोटा रखें
गोल्ड लोन का समय ज्यादा लंबा न चुनें, क्योंकि अवधि बढ़ने पर ब्याज का बोझ काफी बढ़ जाता है। आमतौर पर 6 से 12 महीने का टेन्योर सही रहता है। जरूरत पड़ने पर समय पर भुगतान करके लोन क्लोज करना फायदेमंद है।

सोने की सुरक्षा सुनिश्चित करें
लोन लेते समय सुनिश्चित करें कि आपका सोना बैंक या एनबीएफसी के सेफ वॉल्ट में ठीक से सुरक्षित है। रेप्युटेड संस्थान चुनने से चोरी या नुकसान का रिस्क कम होता है। साथ ही, सोने की बीमा सुविधा उपलब्ध हो तो और बेहतर है।

प्रीपेमेंट और फोरक्लोजर चार्ज जानें
अगर आप समय से पहले गोल्ड लोन चुकाना चाहें तो कुछ संस्थान प्रीपेमेंट या फोरक्लोजर चार्ज लगाते हैं। यह 0-3% तक हो सकता है। ऐसे चार्ज पहले से जान लेने से आपको लोन जल्दी खत्म करने में फायदा होगा।

बाजार में सोने के दाम पर नजर रखें
सोने की कीमत घटने पर लेंडर आपसे अतिरिक्त सिक्योरिटी की मांग कर सकता है या लोन रिकॉल कर सकता है। इसलिए सोने की मार्केट ट्रेंड पर नजर रखें और जरूरत पड़ने पर तुरंत कार्रवाई करें।

डिफॉल्ट का जोखिम समझें
अगर आप समय पर लोन नहीं चुकाते, तो आपका सोना नीलाम किया जा सकता है। इससे न केवल वित्तीय नुकसान होगा बल्कि क्रेडिट स्कोर भी खराब हो जाएगा। इसलिए रीपेमेंट डिसिप्लिन बहुत जरूरी है।

डॉक्यूमेंटेशन और शर्तें पढ़ें
लोन एग्रीमेंट पर साइन करने से पहले सभी शर्तें ध्यान से पढ़ें। कई बार छिपे हुए चार्ज या पेनल्टी क्लॉज बाद में परेशानी दे सकते हैं। साफ और पारदर्शी शर्तों वाला लेंडर चुनना सबसे सुरक्षित होता है।

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