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Raid: आईएएस के पास मिला गोल्ड ज्वैलरी, कैश, महंगी घड़ियां!करोड़ों की जमीन घोटाले में फंसी महिला अधिकारी

बेंगलुरु में बुधवार सुबह-सुबह अफरा-तफरी मच गई जब कर्नाटक लोकायुक्त की टीम ने एक सीनियर IAS अफसर वसंती अमर के घर पर धड़ाधड़ छापेमारी शुरू कर दी। मामला कोई छोटा-मोटा नहीं, बल्कि करोड़ों की जमीन घोटाले और फर्जी आदेश जारी करने का है

MoneyControl News
अपडेटेड Jul 23, 2025 पर 18:51
Raid: आईएएस के पास मिला गोल्ड ज्वैलरी, कैश, महंगी घड़ियां!करोड़ों की जमीन घोटाले में फंसी महिला अधिकारी

कर्नाटक में आईएएस अफसर पर बड़ी कार्रवाई
बेंगलुरु में कर्नाटक लोकायुक्त ने आईएएस अधिकारी वसंती अमर और अन्य 7 सरकारी अफसरों के घरों और दफ्तरों पर बुधवार सुबह तड़के छापेमारी की। यह कार्रवाई भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों के तहत की गई है।

कौन हैं वसंती अमर?
वसंती अमर फिलहाल K-RIDE बेंगलुरु सबअर्बन रेलवे प्रोजेक्ट में स्पेशल डिप्टी कमिश्नर के पद पर हैं। उनका घर बेंगलुरु के RT नगर इलाके में है, जहां लोकायुक्त की टीम ने घंटों तक सर्च ऑपरेशन चलाया।

जमीन घोटाले का आरोप
वसंती अमर पर 10.2 एकड़ जमीन से जुड़े एक अवैध आदेश जारी करने का आरोप है। यह जमीन दासानापुरा होबली क्षेत्र में है, और आदेश जून से सितंबर 2024 के बीच जारी किया गया था।

FIR का ब्यौरा
हलासुरु गेट पुलिस ने अमर के खिलाफ एक ऑफिस असिस्टेंट प्रशांत पाटिल की शिकायत पर FIR दर्ज की थी। पहले यह NCR के तौर पर दर्ज हुई थी, लेकिन अदालत के निर्देश पर इसे BNS की धारा 257 के तहत एफआईआर में बदला गया।

बिडर में भी हुई रेड
लोकायुक्त की टीम ने बिडर में नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग की असिस्टेंट डायरेक्टर मारुति बागली के घर भी छापा मारा, जहां से सोने के गहने, नकद पैसे, महंगी घड़ियां और कई अहम डॉक्यूमेंट बरामद हुए।

कुल कितने अफसरों पर रेड?
इस ऑपरेशन में कुल 8 सरकारी अधिकारियों के खिलाफ छापे मारे गए। इनमें कई विभागों से जुड़े अधिकारी शामिल हैं। रेड राज्यभर के अलग-अलग शहरों में की गई।

आगे क्या हो सकता है?
अब इस केस में जांच तेज़ हो गई है। अगर आरोप सही पाए गए, तो वसंती अमर सहित अन्य अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई हो सकती है — जिसमें सस्पेंशन, चार्जशीट और गिरफ्तारी तक के कदम शामिल हो सकते हैं।

लोकायुक्त की बड़ी तैयारी
लोकायुक्त की टीम ने इस छापेमारी के लिए हफ्तों की तैयारी की थी। उनके पास पक्के इनपुट्स और कोर्ट से ली गई अनुमति थी, ताकि सबूतों को सही तरीके से इकट्ठा किया जा सके।

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