सरकारी इंजीनियरिंग कंपनी भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (Bharat Heavy Electricals Limited- BHEL) को वित्त वर्ष 2021-22 की तीसरी तिमाही में भारी नुकसान हुआ है। BHEL को दिसंबर तिमाही में 217 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा (net loss) हुआ है। जबकि, कंपनी को 2019-20 की दिसंबर तिमाही में 162.7 करोड़ रुपये का नेट प्रॉफिट हुआ था। इस साल Q3 में कंपनी के रेवेन्यू में 21.6% की गिरावट आई है। BHEL का कुल राजस्व दिसंबर तिमाही में गिरकर 4,451.4 करोड़ रुपये पर आ गया जो पिछले साल की समान अवधि में 5,680.8 करोड़ रुपये था।

BHEL का टोटल इनकम Q3 में गिरकर 4,532.39 करोड़ रुपये पर आ गया जो पिछले साल की समान अवधि में 5,827.74 करोड़ रुपये था। इसी के साथ कंपनी का अर्निंग बिफोर टैक्स यानी EBITDA लॉस भी बढ़कर 326.6 करोड़ रुपये रहा जो पिछले साल दिसंबर तिमाही में 180.4 करोड़ रुपये था। इस साल BHEL का ऑपरेशनल और फाइनेंशियल रिजल्ट कोरोना वायरस महामारी के कारण बुरी तरह प्रभावित हुआ है।

कंपनी ने कहा कि कोविड के कारण कंपनी का प्रदर्शन प्रभावित हुआ है और कंपनी अभी प्री-कोविड लेवल पर नहीं पहुंच पाई है। हालांकि, कंपनी ने उम्मीद जताई है कि आर्थिक गतिविधियों में रिकवरी होने के कारण इसके ऐसेट्स की वैल्यू में सुधार आएगा।

BHEL देश की सबसे बड़ी पावर जेनरेटिंग इक्विपमेंट कंपनी

BHEL ने हाल ही में मध्यप्रदेश के नरसिंहरपुर में 1600 MW का सेकेंड थर्मल पावर प्रोजेक्ट कमीशन किया है, जिसे NTPC लगावा रही है। इससे पहले BHEL ने 2019 में 800 MW का थर्मल पावर प्रोजेक्ट कमीशन किया था। आपको बता दें कि BHEL देश की सबसे बड़ी पावर जेनरेटिंग इक्विपमेंट बनाने वाली कंपनी है और इसने दुनियाभर में अब तक 1,90,000 MW के पावर इक्विपमेंट लगाए हैं। 

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