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खुलासा, GST को लेकर गुजरात हाई कोर्ट से Symphony को मिला ऑर्डर

कंपनी ने कहा है कि इस आदेश का लिस्टेड इकाई की वित्तीय, operational या अन्य गतिविधियों पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

अपडेटेड Oct 07, 2025 पर 11:28 AM
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Symphony लिमिटेड ने SEBI लिस्टिंग रेगुलेशन, 2015 के रेगुलेशन 30 के अनुसार, गुजरात हाई कोर्ट द्वारा जारी एक आदेश की जानकारी दी है। यह सूचना 7 अक्टूबर, 2025 को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड और BSE लिमिटेड को दी गई।

 

यह मामला बिहार और झारखंड के GST प्राधिकरण द्वारा GST एक्ट, 2017 की धारा 79 के तहत क्रमशः 58.97 लाख रुपये और 54.14 लाख रुपये के ब्याज की मांग से संबंधित है। यह मांग टैक्स भुगतान में कथित देरी के लिए की गई थी, जिसमें तर्क दिया गया था कि कैश लेजर में भुगतान, सरकार को भुगतान तब तक नहीं माना जाएगा जब तक कि इसे वित्तीय वर्ष 2017-18 के लिए टैक्स देनदारी के खिलाफ डेबिट नहीं किया जाता है।


 

Symphony लिमिटेड ने गुजरात हाई कोर्ट के समक्ष इस मांग को चुनौती दी, जिसमें कहा गया कि जब राशि सरकार के इलेक्ट्रॉनिक कैश लेजर में जमा हो जाती है तो ब्याज नहीं लगाया जाना चाहिए। हाई कोर्ट ने Symphony के पक्ष में फैसला सुनाया, जिसमें कहा गया कि कैश लेजर में जमा की गई राशि एक अग्रिम भुगतान है और इसका उपयोग केवल टैक्स देनदारी के लिए किया जा सकता है। कोर्ट ने कहा कि रिटर्न फाइल करते समय कैश लेजर से डेबिट करना केवल अकाउंटिंग के लिए है। नतीजतन, हाई कोर्ट ने बिहार और झारखंड के GST प्राधिकरण द्वारा उठाई गई ब्याज की मांग को रद्द कर दिया।

 

कंपनी ने कहा है कि इस आदेश का लिस्टेड इकाई की वित्तीय, operational या अन्य गतिविधियों पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

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