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USB Type-C: स्मार्टफोन, टैबलेट और लैपटॉप के लिए एक ही चार्जर, सरकार ने जारी किए नए स्टैंडर्ड

USB Type-C भारत सरकार ने मोबाइल फोन, लैपटॉप और नोटबुक जैसी डिवाइसेज के लिए Type-C चार्जिंग पोर्ट को स्टैंडर्ड बना दिया है। ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स या BIS ने कहा है कि Type-C स्टैंडर्ड भारत में बिकने वाले स्मार्टफोन और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के लिए होगा। ऐसे में अब यूजर्स को अब हर बार नया डिवाइस खरीदने के लिए अलग-अलग चार्जर खरीदने की जरूरत नहीं होगी

Jitendra Singhअपडेटेड Jan 10, 2023 पर 10:16 AM
USB Type-C: स्मार्टफोन, टैबलेट और लैपटॉप के लिए एक ही चार्जर, सरकार ने जारी किए नए स्टैंडर्ड
Type-C केबल को भारत में भी स्टैंडर्ड बना दिया गया है। कई और देशों ने भी इसे स्टैंडर्ड बनाया है

USB Type-C: भारत में स्मार्टफोन, लैपटॉप यूजर्स के लिए एक अच्छी खबर है। अब आपको अपने स्मार्टफोन या टैबलेट या फिर किसी उन्य इलेक्टॉनिक उपकरण के लिए अलग-अलग चार्जर रखने की जरूरत नहीं होगी। इन सबके डिवाइस केवल Type C चार्जर से ही चार्ज होंगे। भारत सरकार ने सोमवार को इस मामले में एक बड़ा फैसला लिया है। Type-C charger को इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज के लिए स्टैंडर्ड बना दिया गया है। किसी के पास 2 लाख वाला आईफोन हो या 5,000 रुपये वाला एंड्रॉयड स्मार्टफोन, दोनों की चार्जर खोजने की समस्या अब खत्म हो जाएगी। इस सुविधा के लागू होते ही एक चार्जर से कई डिवाइस चार्ज किया जा सकेगा।

ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स (Bureau of Indian Standards – BIS) ने कहा है कि Type-C स्टैंडर्ड भारत में बिकने वाले स्मार्टफोन और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के लिए होगा। इससे चार्जर की संख्या में कमी आएगी। लोग एक ही चार्जर से कई डिवाइस को चार्ज कर सकेंगे। इससे ई-वेस्ट को कम करने की सरकार की मुहिम को भी बड़ी मदद मिलने की उम्मीद है।

ये हैं तीनों स्टैंडर्ड

ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स ने पहला स्टैंडर्ड बिल्ट-इन सैटेलाइट ट्यूनर के साथ डिजिटल टेलीविजन रिसीवर के लिए है। BIS ने बिल्ट-इन सैटेलाइट ट्यूनर के साथ टेलीविजन के लिए एक भारतीय स्टैंडर्ड IS 18112:2022 पेश किया है। बताया गया है कि इसके तहत टीवी एक डिश एंटीना को एलएनबी के साथ जोड़कर फ्री-टू-एयर टीवी और रेडियो चैनलों को देख सकते हैं। मौजूदा समय में देश में टीवी दर्शकों को कई पेड और फ्री चैनल देखने के लिए सेट-टॉप बॉक्स खरीदने की जरूरत होती है। दर्शकों को दूरदर्शन की ओर से प्रसारित फ्री टू एयर चैनलों (गैर-एन्क्रिप्टेड) देखने के लिए भी सेट टॉप बॉक्स का उपयोग करना आवश्यक होता है। लेकिन नए स्टैंडर्ड के लागू होने के बाद ऐसा नहीं होगा।

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