अबू मोहम्मद अल-गोलानी: कौन है HTS का प्रमुख, जिसने सीरिया में बशर अल-असद की ढाई दशक की सत्ता का किया अंत

Syria Civil War: सीरिया की राजधानी दमिश्क में विद्रोहियों के घुसने और राष्ट्रपति असद के देश छोड़कर भागने संबंधी दावों के बीच सरकार गिरने के साथ ही असद परिवार के 50 साल के शासन का रविवार तड़के अप्रत्याशित अंत हो गया और लोगों ने सड़कों पर उतरकर इसका जश्न मनाया

अपडेटेड Dec 08, 2024 पर 10:15 PM
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अबू मोहम्मद अल-गोलानी: कौन है HTS का प्रमुख, जिसने सीरिया में बशर अल-असद की ढाई दशक की सत्ता का किया अंत

सीरिया के विद्रोही गुट ‘हयात तहरीर अल-शाम’ समूह (HTS) के प्रमुख अबू मोहम्मद अल-गोलानी ने राष्ट्रपति बशर अल-असद को सत्ता से बेदखल कर दिया। गोलानी ने अपनी सार्वजनिक छवि को फिर से बनाने के लिए कई सालों तक काम किया और अलकायदा से दूरी बनाते हुए खुद को बहुलवाद और सहिष्णुता के समर्थक के रूप में पेश किया। हाल के दिनों में, विद्रोहियों ने उसका उपनाम भी हटा दिया और उसे उसके असली नाम अहमद अल-शरा से बुलाना शुरू कर दिया।

सीरिया की राजधानी दमिश्क में विद्रोहियों के घुसने और राष्ट्रपति असद के देश छोड़कर भागने संबंधी दावों के बीच सरकार गिरने के साथ ही असद परिवार के 50 साल के शासन का रविवार तड़के अप्रत्याशित अंत हो गया और लोगों ने सड़कों पर उतरकर इसका जश्न मनाया।

अलग-अलग सशस्त्र गुटों में बंटा है सीरिया


सीरिया में कई जातीय और धार्मिक समुदाय रहते हैं, जो अक्सर असद के शासन और सालों के युद्ध के कारण एक दूसरे के खिलाफ खड़े हो जाते हैं। उनमें से कई लोगों को इस बात की आशंका है कि सुन्नी इस्लामी चरमपंथी सत्ता पर कब्जा कर लेंगे। देश अलग-अलग सशस्त्र गुटों में भी बंटा हुआ है और रूस और ईरान से लेकर अमेरिका, तुर्किये और इजराइल तक सभी विदेशी ताकतें अपने प्रभाव का इस्तेमाल करती हैं।

42 साल के अल-गोलानी को अमेरिका ने आतंकवादी घोषित किया हुआ है। रविवार को दमिश्क पर हुए हमले के बाद से गोलानी सार्वजनिक रूप से सामने नहीं आया है। लेकिन वह और उसका विद्रोही संगठन HTS एक प्रमुख भूमिका में नजर आ रहे हैं।

अल-गोलानी का इदलिब प्रांत में वर्चस्व

सालों तक अल-गोलानी ने सत्ता को मजबूत करने के लिए काम किया। सीरिया के इदलिब प्रांत में उसका वर्चस्व रहा है, जबकि देश के ज्यादातर हिस्सों पर असद का ईरान और रूस समर्थित शासन मजबूत दिखाई दे रहा था।

पिछले हफ्ते ‘CNN’ को दिए गए एक इंटरव्यू में उसने कहा था, "सीरिया को एक संस्थागत शासन प्रणाली की जरूरत है, न कि एक शासक के मनमाने निर्णय लेने की।" उसने संभावना जताई कि असद के पतन के बाद HTS को भी भंग कर दिया जाएगा।

अल-गोलानी का अलकायदा से संबंध

अल-गोलानी का अलकायदा से संबंध 2003 से था, जब वह इराक में अमेरिकी सैनिकों से लड़ने वाले चरमपंथियों में शामिल हो गया था। सीरियाई मूल निवासी को अमेरिकी सेना ने हिरासत में ले लिया था, लेकिन वह इराक में ही रहा। उस दौरान अबू बक्र अल-बगदादी के नेतृत्व में चरमपंथी इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक का गठन किया गया।

साल 2011 में सीरिया में असद के खिलाफ जन-विद्रोह के कारण सरकार ने क्रूर दमनात्मक कार्रवाई की और पूर्ण युद्ध की स्थिति पैदा हो गई। अल-गोलानी तब सुर्खियों में आया जब अल-बगदादी ने उसे नुसरा फ्रंट नामक अलकायदा की एक शाखा बनाने के लिए सीरिया भेजा।

साल 2013 में जब सीरिया में गृहयुद्ध तेज हुआ, तो अल-गोलानी की महत्वाकांक्षाएं भी बढ़ गईं। उसने नुसरा फ्रंट को भंग करने और इसे इराक में अल-कायदा के अभियान में विलय करने संबंधी अल-बगदादी के आह्वान को खारिज कर दिया था।

हम लड़ना नहीं चाहते: अल-गोलानी

साल 2021 में, अल-गोलानी ने पीबीएस पर एक अमेरिकी पत्रकार के साथ अपना पहला इंटरव्यू दिया था। HTS प्रमुख ने कहा था कि उसके समूह से पश्चिमी देशों को कोई खतरा नहीं है और उसके खिलाफ लगाए गए प्रतिबंध अनुचित हैं।

उन्होंने कहा था, "हां, हमने पश्चिमी नीतियों की आलोचना की है, लेकिन सीरिया से अमेरिका या यूरोप के खिलाफ युद्ध छेड़ने की बात सच नहीं है। हमने यह नहीं कहा कि हम लड़ना चाहते हैं।"

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Tags: #Syria

First Published: Dec 08, 2024 10:13 PM

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