ग्लोबल मंदी की आशंका के बीच एशियाई देशों में इस साल अभी तक सबसे बड़ी गिरावट दक्षिण कोरिया की संपत्तियों में देखी गई है। साउथ कोरिया की अर्थव्यवस्था एक्सपोर्ट पर आधारित है। विदेशी निवेशकों ने इस साल बड़े पैमाने पर साउथ कोरिया से अपने पैसे वापस खीचें हैं, जिसके चलते कोरिया के शेयर बाजार से लेकर उसकी करेंसी तक, सबमें तेज गिरावट दर्ज की गई है। ब्लूमबर्ग ने एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी है।
रिपोर्ट के मुताबिक, दक्षिण कोरियाई शेयर बाजार कोस्पी ( Kospi) का बेंचमार्क इंडेक्स सोमवार को करीब 3% टूटकर अपने दो सालों से भी अधिक के निचले स्तर पर चला गया। इसके चलते बाकी एशियाई शेयर बाजारों में भी आज कमजोरी देखी गई। वहीं साउथ कोरिया की करेंसी वॉन (Won) अमेरिकी डॉलर के मुकाबले मार्च 2009 के बाद के अपने सबसे निचले स्तर पर आ गई है।
कोरिया की निर्यात पर निर्भरता और चीन के साथ मजबूत व्यापारिक संबंध हाल के महीनों में उसके लिए कमजोरी के स्रोत के रूप में सामने आए हैं। इससे अलावा कोरिया स्टॉक मार्केट में टेक कंपनियों का भारी वेटेज भी उसके लिए महंगा पड़ा है क्योंकि दुनिया भर में केंद्रीय बैंकों की तरफ से ब्याज दरें बढ़ाए जानें और डॉलर में मजबूती के बीच निवेशकों ने टेक कंपनियों से अपना निवेश निकालना शुरू कर दिया है।
सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी (Samsung Electronics Co) और एलजी एनर्जी सॉल्यूशन लिमिटेड (LG Energy Solution Ltd) सोमवार के कारोबार में कोस्पी पर सबसे अधिक गिरावट दर्ज करने वाले शेयरों में शामिल थे।
सैमसंग सिक्योरिटीज कंपनी के एक एनालिस्ट सेओ जंग-हुन ने कहा, "दक्षिण कोरियाई शेयर बाजार बाहरी आर्थिक कारकों के प्रति अत्यधिक संवेदनशील हैं। इसलिए ग्लोबल लेवल पर आर्थिक अनिश्चितताओं के चलते इनमें सबसे अधिक गिरावट देखी गई है। अन्य करेंसी के मुकाबके वॉन में डॉलर के मुकाबले अधिक गिरावट होना भी, स्थानीय बाजारों के लिए अनुकूल नहीं है।"
ब्लूमबर्ग के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी निवेशकों ने इस साल अब तक कोरियाई शेयर बाजार से 13.7 अरब डॉलर (1.1 लाख करोड़ रुपये) की शुद्ध बिकवाली की है। इस बिकवाली के चलते कोरियाई शेयर बाजार कोस्पी ( Kospi) में इस साल अब तक 25% की गिरावट आ चुकी है, जो 2008 के बाद से इसका सबसे खराबा सालाना प्रदर्शन होने जा रहा है।
साउथ कोरिया के केंद्रीय बैंक, बैंक ऑफ कोरिया ने अप्रैल के बाद से अपनी हर बैठक में ब्याज दरों में बढ़ोतरी की है। हालांकि इसके बावजूद उसकी मुद्रा वॉन में तेज गिरावट नहीं थम रही है। बैंक ऑफ कोरिया के गवर्नर री चांग-योंग ने सोमवार को कहा कि विदेशी मुद्रा संकट से निपटने के लिए ब्याज दरें ही इकलौता तरीका नहीं हैं और कोरिया को अपने कुछ विदेशी निवेश को देश लौटने के लिए प्रेरित करना चाहिए।