Coronavirus: पूरी दुनिया में कोरोना वायरस का कहर लंबे समय तक रहा है। अभी भी इसका खतरा टला नहीं है। अब इस जानलेवा बीमारी का एक नया वेरिएंट सुर्खियों है। यह नया वेरिएंट संयुक्त अरब अमीरात (United Arab Emirates -UAE) में पाया गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization -WHO) ने इस नए वेरिएंट की पुष्टि की है। WHO ने 28 साल के एक शख्स पर मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम कोरोना वायरस (Middle East Respiratory Syndrome Coronavirus-MERS-CoV) की पहचान की है। WHO के मुताबिक, मरीज अबू धाबी के अल ऐन शहर (Al Ain city) का रहने वाला है। उसकी कोई ट्रैवेल हिस्ट्री नहीं मिली है।
कोरोना वायरस के इस नए वेरिएंट से पीड़ित शख्स ऊंट, बकरियो भेड़ों के साथ कभी संपर्क में नहीं आया है। जिससे यह बीमारी फैलती है। UAE ने 10 जुलाई को विश्व स्वास्थ्य संगठन को सूचित किया था। इसके बाद WHO ने इस नए वेरिएंट की पुष्टि की है।
8 जुलाई को अस्पताल में भर्ती हुआ था मरीज
बुखार, खांसी और सांस लेने में तकलीफ के चलते मरीज को 8 जून को भर्ती कराया गया था। जहां MERS-CoV पॉजिटिव की चपेट में आने की पुष्टि हुई। इस शख्स के कोरोना वायरस के इस वेरिएंट की चपेट में आने का पता लगने के बाद से स्वास्थ्य अधिकारियों की ओर से 108 लोगों की और जांच की गई है। यह सभी वो लोग हैं जोकि संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए थे। हालांकि अब तक इस नए वेरिएंट से संक्रमित दूसरा मरीज नहीं मिला है। जिस शख्स में इस संक्रमण की पुष्टि हुई है। उसकी मौजूदा स्थिति के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है।
जानिए क्या है MERS-कोरोना वायरस
बता दें कि MERS-कोरोना वायरस को मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम कोरोना वायरस के नाम से जाना जाता है। ये कोई पहली बार नहीं है जब इस वायरस का कोई मामला सामने आया है। इससे 11 साल पहले यानी साल 2012 में इस वायरस का पहला मामला सऊदी अरब में दर्ज किया गया था। ये वायरस कोरोना से थोड़ा सा अलग है। MERS-Corona Virus में चार संरचनात्मक प्रोटीन पाए जाते हैं जिनके नाम स्पाइक (S), लिफाफा (E), मेम्ब्रेन (M) और न्यूक्लियोकैप्सिड (N) हैं। इनमें से ट्रांसमेम्ब्रेन ग्लाइकोप्रोटीन वायरस की सतह पर एक ट्रिमर के रूप में पाया जाता है। जिसमें S1 और S2 सबयूनिट होते हैं।
MERS-CoV से सैकड़ों की मौत
WHO के मुताबिक, इस MERS-CoV की चपेट में अब तक कुल 2,605 लोग आए हैं। जिनमें से 936 की मौत भी हो चुकी है। यह अब तक 27 देशों में फैल चुका है। इस वायरस के सबसे ज्यादा लोग सऊदी अरब में संक्रमित हुए हैं। ड्रोमेडरी ऊंटों के असुरक्षित संपर्क से लोग संक्रमित हुए हैं। बता दें कि ये वायरस एक जूटोनिक वायरस है जो जानवरों से इंसानों में फैल जाता है। इस वायरस के बारे में अभी भी पूरी बातें सामने नहीं आई हैं।
MERS-CoV से संक्रमित होने पर बुखार, खांसी और सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षण नजर आ सकते हैं। हालांकि, जब मरीज को निमोनिया हो जाता है तो उसे सबसे ज्यादा परेशानी होती है। इसके साथ ही इससे पीड़ित मरीज में दस्त के अलावा गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल के लक्षण भी दिखते हैं। WHO की रिपोर्ट के मुताबिक, इस वायरस की चपेट में आए हुए मामलों में करीब 35 फीसदी लोगों की मृत्यु हो गई है।