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चीन ने जानबूझकर लोगों को Covid-19 से संक्रमित किया, वुहान के वैज्ञानिक का दावा-जैविक हथियार की तरह किया इस्तेमाल

इतना ही नहीं उनके साथियों को यह पता लगाने के लिए कि कौन सा वायरस सबसे अच्छा फैल सकता है, वायरस के चार वेरिएंट दिए गए थे। वुहान के एक शोधकर्ता चाओ शाओ ने इंटरनेशनल प्रेस एसोसिएशन के सदस्य जेनिफर जेंग के साथ एक विशेष इंटरव्यू में ये चौंकाने वाले खुलासे किए। जेनिफर जेंग चीन और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) के बारे में सीधे जानकारी और यूनिक इनसाइट देते हैं

अपडेटेड Jun 28, 2023 पर 8:48 PM
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कोरोनावायरस को 'जैव हथियार' की तरह इस्तेमाल कर रहा था चीन!

कोरोनावायरस (Coronavirus) आखिरकार कहां और कैसे फैला इसे लेकर कई थ्योरी चल रही हैं, लेकिन फिलहाल कुछ भी पूरी तरह से साफ नहीं हो पाया है। इसी कड़ी में वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के एक शोधकर्ता ने Covid-19 को लेकर चौंकाने वाले दावे किए। उन्होंने बताया कि इस वायरस को चीन ने एक "जैव हथियार" (Bioweapon) के रूप में तैयार किया था। इतना ही नहीं उनके साथियों को यह पता लगाने के लिए कि कौन सा वायरस सबसे अच्छा फैल सकता है, वायरस के चार वेरिएंट दिए गए थे।

वुहान के एक शोधकर्ता चाओ शाओ ने इंटरनेशनल प्रेस एसोसिएशन के सदस्य जेनिफर जेंग के साथ एक विशेष इंटरव्यू में ये चौंकाने वाले खुलासे किए। जेनिफर जेंग चीन और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) के बारे में सीधे जानकारी और यूनिक इनसाइट देते हैं।

26 मिनट के इंटरव्यू में, चाओ शाओ ने एक किस्सा सुनाया कि कैसे वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के एक और रिसर्चर शान चाओ ने स्वीकार किया कि उनके सीनियर ने उन्हें कोरोनोवायरस के चार वेरिएंट दिए थे। उन्होंने उनसे टेस्टिंग करने और ये पता लगाने के लिए कहा था कि उनमें से कौन सा सबसे अच्छा है और ज्यादा से ज्यादा प्रजातियों को संक्रमित करने की क्षमता है। साथ ही ये भी पता लगाना कि इंसानों समेत दूसरी प्रजातियों को ये वायरस कितनी आसानी से संक्रमित करता है।


चाओ शाओ ने कोरोना वायरस को "जैव हथियार" भी कहा।

उन्होंने यह भी जिक्र किया कि उनके कई सहयोगी वुहान में 2019 के मिलिट्री वर्ल्ड गेम्स के दौरान लापता हो गए थे। बाद में, उनमें से एक ने खुलासा किया कि उन्हें "स्वास्थ्य या स्वच्छता की स्थिति की जांच" करने के लिए उन होटलों में भेजा गया था, जहां अलग-अलग देशों के एथलीट रह रहे थे।

क्योंकि साफ-सफाई की जांच के लिए वायरोलॉजिस्ट की जरूरत नहीं होती है, चाओ शान को शक था कि उन्हें वायरस फैलाने के लिए वहां भेजा गया था।

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चाओ शाओ ने कहा, "इसके अलावा, अप्रैल 2020 में, चाओ शान ने कहा कि उन्हें उइगरों की स्वास्थ्य स्थिति की जांच करने के लिए झिंजियांग भेजा गया था, जिन्हें रिएजुकेशन कैंप में कैद किया गया था, ताकि उन्हें जल्द रिहा किया जा सके।"

उन्होंने कहा, "एक बार फिर, क्योंकि स्वास्थ्य जांच के लिए किसी वायरोलॉजिस्ट की जरूरत नहीं होती है। उन्होंने दृढ़ता से कहा कि उन्हें या तो वायरस फैलाने के लिए या यह देखने के लिए वहां भेजा गया था कि वायरस मनुष्यों पर कैसे काम करता है।"

उपरोक्त चौंकाने वाली जानकारी का खुलासा खुद चाओ शान ने मार्च से अप्रैल 2020 के दौरान इंटरव्यू लेने वाले के सामने किया था।

हालांकि, जैसा कि व्हिसलब्लोअर ने इंटरव्यू के दौरान जिक्र किया था, यह पूरी पहेली का एक छोटा सा हिस्सा है। अब तक, उस महामारी की असली उत्पत्ति, जिसके कारण दुनिया भर में लगभग 70 लाख या इससे भी ज्यादा मौतें हुई हैं। ये अभी भी जांच का विषय है।

ये इंटरव्यू चीन के मूल की मानवाधिकार कार्यकर्ता और लेखिका जेनिफर ज़ेंग की तरफ से लिया गया था।

MoneyControl News

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First Published: Jun 28, 2023 3:55 PM

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