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बगराम एयरबेस को लेकर तालिबान ने अमेरिका को दी युद्ध की चेतावनी, साथ में पाकिस्तान को भी लपेटा

तालिबान का ये रुख अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से बार-बार दी जा रही धमकियों के जवाब में आया है, जिन्होंने हाल ही में बगराम एयर बेस को फिर से हासिल करने की संभावना जताई ओर संकेत दिया। ट्रंप ने पहले कहा था कि अगर तालिबान ने सहयोग नहीं किया, तो "बुरे परिणाम" हो सकते हैं

अपडेटेड Sep 23, 2025 पर 5:12 PM
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बगराम एयरबेस को लेकर तालिबान ने अमेरिका को दी युद्ध की चेतावनी, साथ में पाकिस्तान को भी लपेटा

कंधार में हुई हाई लेवल बैठक में अफगान तालिबान ने वादा किया है कि अगर अमेरिका बगराम एयर बेस को फिर से हासिल करने की कोशिश करता है, तो वे पूरी तरह से युद्ध के लिए तैयार होंगे। तालिबान ने चेतावनी दी है कि अगर पाकिस्तान अमेरिका की इस कोशिश में साथ देता है, तो इस्लामाबाद तालिबान के सीधे टकराव में आ जाएगा।

तालिबान का ये रुख अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से बार-बार दी जा रही धमकियों के जवाब में आया है, जिन्होंने हाल ही में बगराम एयर बेस को फिर से हासिल करने की संभावना जताई ओर संकेत दिया। ट्रंप ने पहले कहा था कि अगर तालिबान ने सहयोग नहीं किया, तो "बुरे परिणाम" हो सकते हैं।

पूरी तरह से युद्ध के लिए तैयार है तालिबान


तालिबान के वरिष्ठ सूत्रों ने CNN-News18 को बताया कि समूह के सर्वोच्च नेता, हिबतुल्ला अखुंदजादा ने शीर्ष कैबिनेट अधिकारियों, इंटेल चीफ, सैन्य कमांडरों और उलेमा परिषद के साथ एक बंद दरवाजे की बैठक की। चर्चा का मुख्य विषय ट्रंप की टिप्पणियां और संभावित अमेरिकी सैन्य कार्रवाई थी।

तालिबान नेतृत्व ने सर्वसम्मति से अमेरिकी सेना को बगराम एयर बेस सौंपने की किसी भी संभावना को खारिज कर दिया, और कहा कि अगर हमला हुआ, तो गुट "पूरी तरह से युद्ध के लिए तैयार" होगा।

बैठक का एक अहम नतीजा पाकिस्तान को दी गई सख्त चेतावनी था। तालिबान के अंदरूनी सूत्र कहते हैं कि नेतृत्व ने घोषणा की है कि अगर पाकिस्तान किसी भी रूप में, चाहे वह लॉजिस्टिकल, कूटनीतिक, या सैन्य समर्थन हो, अमेरिका की मदद करता है, तो उसे अफगानिस्तान का इस्लामी अमीरात एक दुश्मन देश मानेगा।

भारत समेत बाकी देशों को भी अपना रुख बताएगा तालिबान

इस रुख ने इस्लामाबाद पर भी दबाव बढ़ा दिया है, जो आने वाले दिनों में ट्रंप प्रशासन के साथ उच्च-स्तरीय कूटनीतिक बैठक की तैयारी कर रहा है।

संभावित खतरे का मुकाबला करने के लिए, तालिबान नेतृत्व ने प्रधानमंत्री मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद और विदेश मंत्री अमीर खान मुत्ताकी को वैश्विक और क्षेत्रीय शक्तियों से तुरंत संपर्क करने का निर्देश दिया है।

सूत्रों के अनुसार, रूस, चीन, ईरान, पाकिस्तान, कतर, UAE, सऊदी अरब और यहां तक कि भारत को संपर्क किया जाएगा, ताकि तालिबान के रुख को बताया जा सके और अमेरिका की ओर से शुरू की गई किसी भी कार्रवाई के खिलाफ चेतावनी दी जा सके।

तालिबान ने अमेरिका को याद दिलाया दोहा समझौता

दो दिन पहले, अफगानिस्तान सरकार ने एक आधिकारिक बयान में कहा था, "इस्लामी सिद्धांतों के अनुसार और अपनी संतुलित, अर्थव्यवस्था को बढ़ाने वाली विदेशी नीति पर आधारित, अफगानिस्तान का इस्लामी अमीरात सभी राज्यों के साथ पारस्परिक और साझा हितों के आधार पर रचनात्मक संबंध चाहता है।"

इसमें आगे कहा गया, "याद दिलाना चाहिए कि दोहा समझौते के तहत, अमेरिका ने वादा किया था कि 'वह अफगानिस्तान की क्षेत्रीय अखंडता या राजनीतिक स्वतंत्रता के खिलाफ बल का उपयोग नहीं करेगा या धमकी नहीं देगा, न ही उसके आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करेगा। इसलिए, यह आवश्यक है कि वे अपने प्रतिबद्धताओं के प्रति वफादार रहें।"

ट्रंप की कोशिश पर प्रतिक्रिया देते हुए, मुत्ताकी ने कहा कि "अफगानिस्तान की एक मीटर जमीन भी अमेरिकियों को नहीं दी जाएगी।"

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Shubham Sharma

Shubham Sharma

First Published: Sep 23, 2025 5:04 PM

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