Trump H1B changes: ट्रंप प्रशासन ने H-1B वीजा आवंटन प्रक्रिया में बड़े बदलाव का प्रस्ताव रखा है। इसका मकसद मौजूदा लॉटरी सिस्टम को बदलकर ज्यादा कुशल और ज्यादा वेतन पाने वाले कर्मचारियों को प्राथमिकता देना है। होमलैंड सिक्योरिटी विभाग के प्रस्ताव के अनुसार, 'एक वेटेड सिलेक्शन प्रोसेस लागू होगा, जो सामान्य रूप से ज्यादा कुशल और ज्यादा वेतन पाने वाले विदेशी कर्मचारियों को प्राथमिकता देगा। वहीं, सभी वेतन स्तरों पर नियोक्ताओं को H-1B कर्मचारियों को नियुक्त करने का मौका मिलेगा।'
यह कदम व्हाइट हाउस की शुक्रवार की घोषणा के बाद आया है, जिसमें नए H-1B वीजा आवेदन के लिए 1,00,000 डॉलर शुल्क लगाने की बात कही गई है। यह पहले की 215 डॉलर से 5,000 डॉलर की सीमा की तुलना में भारी वृद्धि है।
नया सिस्टम लागू होने पर क्या होगा
अगर नई प्रक्रिया लागू हो जाती है, वीजा देने का प्रोसेस बदल जाएगा। अगर 85,000 वीजा की लिमिट से ज्यादा आवेदन आते हैं, तो उन नियोक्ताओं को ज्यादा प्राथमिकता मिलेगी जो ज्यादा वेतन देते हैं। इसका मकसद अमेरिकी कर्मचारियों को विदेशी श्रमिकों से होने वाली अनुचित सैलरी कंपीटिशन से बचाना है।
जनवरी में पद संभालने के बाद ट्रंप ने व्यापक स्तर पर इमिग्रेशन पर कार्रवाई शुरू की थी। इसमें बड़े पैमाने पर निर्वासन और अवैध प्रवासियों के बच्चों को नागरिकता से रोकना शामिल था। हाल के दिनों में प्रशासन ने H-1B प्रोग्राम पर फोकस बढ़ा दिया है। इसका इस्तेमाल टेक और आउटसोर्सिंग कंपनियां कुशल विदेशी कर्मचारियों को नियुक्त करने के लिए करती हैं।
नया सेलेक्शन प्रोसेस कब लागू होगा?
किसी नियम को अंतिम रूप देने में कई महीने या साल लग सकते हैं। नए नियम 2026 की लॉटरी के लिए लागू हो सकते हैं, यानी मार्च रजिस्ट्रेशन से पहले। ट्रंप ने 2017-2021 में भी H-1B प्रक्रिया बदलने की कोशिश की थी, लेकिन संघीय अदालतों और समय की कमी की वजह से सफल नहीं हो पाए। ट्रंप से पहले बाइडन प्रशासन ने भी इसी तरह का नियम टाल दिया और बाद में वापस ले लिया था।
नई प्रक्रिया के लागू होने तक कंपनियों को सावधानी बरतनी होगी। हालांकि, नई फीस केवल नए वीजा पर लागू होगी, पुराने वीजा धारकों पर असर नहीं पड़ेगा।