Donald Trump Inauguration: ट्रंप के शपथ ग्रहण की जगह क्यों बदली गई, कौन-कौन हो रहा शामिल, जानें सब कुछ
Donald Trump Inauguration: डोनाल्ड ट्रंप अमेरिकी लोकतंत्र के 230 से ज्यादा सालों में दूसरे ऐसे राष्ट्रपति हैं, जो दोबारा चुनाव हारने के बाद सत्ता में लौटे हैं और फिर उनकी व्हाइट हाउस में वापसी हो रही है। ट्रंप के अलावा एक और नेता जो लगातार दो बार राष्ट्रपति पद पर रहे, वे थे ग्रोवर क्लीवलैंड, जो 1880 और 1890 के दशक में 22वें और 24वें राष्ट्रपति थे
Donald Trump Inauguration: ट्रंप के शपथ ग्रहण की जगह क्यों बदली गई, कौन-कौन हो रहा शामिल, जानें सब कुछ
डोनाल्ड ट्रंप सोमवार को भारतीय समयानुसार रात 10:30 बजे संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेंगे, जो अमेरिकी इतिहास में दूसरी बार ऐतिहासिक वापसी होगी। कड़ाके की ठंड के कारण, जहां तापमान -11 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया है, शपथ ग्रहण समारोह को अमेरिकी कैपिटल की सीढ़ियों से हटाकर रोटुंडा में शिफ्ट कर दिया गया है, जो बिल्डिंग के सेंटर में एक बड़ा, गुंबददार, गोलाकार कमरा है।
ट्रंप अपना उद्घाटन भाषण स्टेट कैपिटल रोटुंडा में देंगे। ये वही जगह है, जहां चार साल पहले दंगाइयों ने 2020 के चुनाव में जो बाइडन की जीत के विरोध में कब्जा कर लिया था।
ट्रंप अमेरिकी लोकतंत्र के 230 से ज्यादा सालों में दूसरे ऐसे राष्ट्रपति हैं, जो दोबारा चुनाव हारने के बाद सत्ता में लौटे हैं और फिर उनकी व्हाइट हाउस में वापसी हो रही है।
ट्रंप के अलावा एक और नेता जो लगातार दो बार राष्ट्रपति पद पर रहे, वे थे ग्रोवर क्लीवलैंड, जो 1880 और 1890 के दशक में 22वें और 24वें राष्ट्रपति थे।
2021 में, ट्रंप ने राष्ट्रपति बाइडेन के शपथ ग्रहण समारोह से दूरी बना ली थी। तब उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि 2020 का चुनाव उन्हें गलत तरीखे से "हराया" गया था। 150 सालों में यह पहली बार था, जब किसी पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति ने सत्ता के औपचारिक हस्तांतरण का बहिष्कार किया था।
हालांकि, निवर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा है कि वह ट्रंप की शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होंगे।
समारोह में किसे आमंत्रित किया गया है
परंपरा के अनुसार, सुरक्षा चिंताओं के कारण विदेशी नेताओं को उद्घाटन समारोह में भाग लेने के लिए आमंत्रित नहीं किया जाता है, लेकिन ट्रंप ने इस परंपरा को तोड़ते हुए कई नेताओं को आमंत्रित किया है। अमेरिकी न्यूज वेबसाइट Axios के अनुसार, यह उन तीन कार्यक्रमों में से एक है, जहां ट्रंप दर्शकों को संबोधित करने वाले हैं।
विदेश मंत्री एस जयशंकर केंद्र में पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की ओर से शामिल होंगे। पीएम मोदी और ट्रंप ने 2017-2021 तक के पिछले राष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान कई मौकों पर मुलाकात की और सौहार्दपूर्ण संबंध साझा किए।
रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी और उनकी पत्नी नीता अंबानी के भी इस कार्यक्रम में शामिल होने की बात कही जा रही है। दंपति ने रविवार को वाशिंगटन में ट्रंप की शपथ से पहले के कार्यक्रम के दौरान उनसे मुलाकात की।
Meta के सीईओ मार्क जुकरबर्ग उद्घाटन समारोह से पहले सोमवार रात को एक ब्लैक-टाई रिसेप्शन की को-होस्टिंग करेंगे। इस कार्यक्रम में UFC स्टार्स के शामिल होने की उम्मीद है।
अमेरिकी राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण का दिन
हर चार साल में गठित संयुक्त कांग्रेस समिति (JCCIC), जिसमें हाउस और सीनेट के सदस्य शामिल होते हैं। JCCIC इस समारोह की योजना बनाती है और इसकी मेजबानी करती है। यूनाइटेड स्टेट्स सीक्रेट सर्विस को सुरक्षा के लिए जिम्मेदार प्राथमिक संघीय इकाई के रूप में नामित किया गया है।
हालांकि, इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, संयुक्त उद्घाटन समिति ने कहा है कि 200,000 से ज्यादा टिकट वाले मेहमानों में से ज्यादातर "व्यक्तिगत रूप से समारोह में शामिल नहीं हो पाएंगे"। रोटुंडा में सिर्फ 600 लोग उपस्थित हो सकते हैं। केवल "राष्ट्रपति मंच के लिए टिकट वाले और कांग्रेस के सदस्य ही व्यक्तिगत रूप से भाग ले पाएंगे।"
ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर लिखा कि DC के इनडोर 20,000 सीटों वाले कैपिटल वन एरिना को शपथ ग्रहण समारोह और राष्ट्रपति परेड के लाइव प्रदर्शन के लिए खोला जाएगा। उन्होंने कहा, "मैं शपथ ग्रहण के बाद कैपिटल वन में भीड़ में शामिल होऊंगा।"
परेड आमतौर पर कैपिटल से पेन्सिल्वेनिया एवेन्यू होते हुए व्हाइट हाउस तक आयोजित की जाती है, और इसमें औपचारिक सैन्य रेजिमेंट, नागरिक समूह और मार्चिंग बैंड शामिल होते हैं।
शपथ ग्रहण समारोह
उद्घाटन समारोह का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा शपथ ग्रहण है, जो अमेरिकी संविधान में मेंशन एकमात्र घटना है। शपथ 1884 से एक ही रही है:- "मैं सत्यनिष्ठा से शपथ लेता हूं कि मैं संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति के पद का निष्ठापूर्वक निर्वहन करूंगा, तथा अपनी पूरी क्षमता से संयुक्त राज्य अमेरिका के संविधान का संरक्षण, सुरक्षा और बचाव करूंगा।"
ट्रंप और वेंस बाइबल पर हाथ रखेंगे, जो शपथ का एक अभिन्न अंग है। BBC की रिपोर्ट के अनुसार ट्रंप 1955 में अपनी मां की ओर से दी गई बाइबल और 1861 में अब्राहम लिंकन के शपथ ग्रहण समारोह में इस्तेमाल की गई मखमली जिल्द वाली लिंकन बाइबल का इस्तेमाल करेंगे।
व्हाइट हाउस हिस्टोरिकल एसोसिएशन का हवाला देते हुए इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में कहा गया है, "जॉर्ज वाशिंगटन ने बाइबल पर हाथ रखकर शपथ ली थी, और लगभग सभी दूसरे राष्ट्रपतियों ने भी यही किया है। ज़्यादातर लोग एक विशेष पारिवारिक बाइबल का इस्तेमाल करते हैं, और उसमें से कोई ऐसा अंश पढ़ते हैं, जिसका उनके लिए विशेष अर्थ हो। परंपरागत रूप से, संयुक्त राज्य अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस शपथ दिलाते हैं।"