Twitter के एंप्लॉयीज के लिए अच्छी खबर नहीं है। Elon Musk ने बड़ी संख्या में ट्विटर में लोगों को नौकरी से हटाने का प्लान बनाया है। वह सोशल मीडिया कंपनी का मालिक बनने के बाद ऐसा करेंगे। अंग्रेजी अखबार, वॉशिंगटन पोस्ट ने यह खबर दी है। मस्क इलेक्ट्रिक कार बनाने वाली अमेरिकी कंपनी Tesla के सीईओ हैं। यह इलेक्ट्रिक कार बनाने वाली दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी है।
डेलावेयर कोर्ट ने मस्क को 28 अक्टूतर तक ट्विटर के अधिग्रहण की डील पूरी करने को कहा है। टेस्ला चीफ इस डील के लिए फंड जुटाने की कोशिश कर रहे हैं। वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट में कहा गया है कि मस्क ने संभावित इनवेस्टर्स से कहा है कि उनका प्लान ट्विटर के 75 फीसदी एंप्लॉयीज को नौकरी से हटाने का है। अभी ट्विटर में 7,500 एंप्लॉयीज हैं।
इतनी बड़ी संख्या में छंटनी की वजह से ट्विटर में बहुत कम एंप्लॉयीज बच जाएंगे। अखबार ने अपनी खबर से इस प्लान से जुड़े डॉक्युमेंट्स का हवाला दिया है। इस बारे में ट्विटर और मस्क के वकील Alex Spiro ने सवालों के तुरंत जवाब नहीं दिए।
ट्विटर में एंप्लॉयीज को नौकरी से हटाए जाने के कयास पहले से लगाए जा रहे थे। लेकिन, इसमें नौकरी से हटाए जाने वाले कर्मचारियों की संख्या मस्क के प्लान के मुकाबले बहुत कम होती। इससे पहले भी मस्क ने ट्विटर में कर्मचारियों की संख्या घटाने की जरूरत बताई थी। लेकिन, उन्होंने यह नहीं बताया था कि कितने एंप्लॉयीज की छंटनी होगी।
Wedbush के एनालिस्ट Dan Ives ने कहा, "75 फीसदी एंप्लॉयीज को नौकरी से हटाने का मतलब है कि ट्विटर का कैश फ्लो और प्रॉफिट बहुत बढ़ जाएगा। यह उन निवेशकों के लिए काफी अट्रैक्टिव होगा, जो इस डील के लिए निवेस करना चाहते हैं।" हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि इतनी ज्यादा संख्या में एंप्लॉयीज की छंटनी से ट्विटर कई साल पीछे चली जाएगी।
एक्सपर्ट्स और ट्विटर के स्टाफ पहले ही यह कह चुके हैं कि कंटेट मॉडरेशन और डेटा सिक्योरिटी पर निवेश घटाने से कंपनी और इसके यूजर्स को नुकसान हो सकता है। मस्क ने जितने एंप्लॉयीज को नौकरी से हटाने का प्लान बनाया है, उससे इस सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर खराब कंटेंट और स्पैम की बाढ़ आ जाएगी। इन दोनों प्रॉब्लम के बारे में मस्क पहले ही कह चुके हैं कि कंपनी का मालिक बनने के बाद वे इन्हें सॉल्व करेंगे।
मस्क और ट्विटर की यह डील अब तक कई उतार-चढ़ाव देख चुकी है। इस साल अप्रैल में मस्क ने ट्विटर को खरीदने का ऐलान किया था। उन्होंने इस डील के लिए शुरुआत में 44 अरब डॉलर कीमत की पेशकश की थी। फिर, बाद में ट्विटर प्लेटफॉर्म पर फेक अकाउंट और स्पैम की ज्यादा संख्या का हवाला देते हुए वह डील से पीछे हट गए थे। इसके बाद ट्विटर ने डेलावेयर कोर्ट में मुकदमा किया था। कोर्ट ने दोनों पक्षों को 28 अक्टूबर तक यह डील पूरी करने को कहा है। अगर डेडलाइन तक डील पूरी नहीं होती है तो कोर्ट नवंबर में इस मामले में सुनवाई करेगा।