दुनिया के सबसे अमीर शख्स एलॉन मस्क (Elon Musk) को क्रिप्टो डॉजकॉइन (DogeCoin) का प्रचार महंगा पड़ गया है। इस क्रिप्टोकरेंसी की एक पिरामिड स्कीम को बढ़ावा देने के चलते उन पर 25.8 हजार करोड़ डॉलर का मुकदमा दर्ज हुआ है। अब उनके खिलाफ इस मुकदमे में नए निवेशक भी शामिल हो गए हैं। इस मामले में मस्क की टनल कंस्ट्रक्शन कंपनी द बोरिंग कंपनी (The Boring Company) समेत पांच अन्य लोगों को भी आरोपी बनाया गया है।
मस्क समय-समय पर डॉजकॉइन के सपोर्ट में ट्वीट करते रहे हैं जिसके चलते इसके भाव में तेजी आई थी। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की खबर के मुताबिक वादियों की संख्या बढ़ने के चलते मंगलवार की रात मस्क के खिलाफ मैनहट्टन फेडरल कोर्ट में दाखिल शिकायत में बदलाव कर इसे फाइल किया गया है। इसमें आरोप लगाया गया है कि मस्क, उनकी इलेक्ट्रिक कार बनाने वाली कंपनी टेस्ला (Tesla), मस्क की स्पेस टूरिज्म कंपनी स्पेस एक्स (SpaceX) के साथ-साथ बोरिंग कंपनी और अन्य ने इरादतन डॉजकॉइन की कीमतों को बढ़ाया।
महज दो साल में ही इसके भाव 36 हजार फीसदी से अधिक उछल गए और फिर यह क्रैश कर गया यानी धड़ाम हो गया जिसके चलते निवेशकों को भारी नुकसान हुआ। इस मामले में पहला मुकदमा जून 2022 में दायर किया गया था। इस मामले में डॉजकॉइन फाउंडेशन को भी आरोपी बनाया गया।
मस्क पर जान-बूझकर लोगों को गुमराह करने का आरोप
इस मामले में सबसे पहले कीथ जॉनसन ने मस्क, टेस्ला, स्पेसएक्स के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। जॉनसन ने इसे डॉजकॉइन क्रिप्टो पिरामिड स्कीम कहा है जिसके चलते उसकी पूंजी डूब गई। जॉनसन का कहना है कि आरोपियों को वर्ष 2019 से ही पता था कि क्रिप्टोकरेंसी डॉजकॉइन की कोई वैल्यू नहीं है, इसके बावजूद उन्होंने इसे प्रमोट किया ताकि इसकी ट्रेडिंग से मुनाफा कमाया जा सके।
याचिका के मुताबिक मस्क दुनिया के सबसे अमीर शख्स के रूप में अपनी पोजिशन का इस्तेमाल किया और डॉजकॉइन की कीमतों को अपने मुताबिक चढ़ाकर मुनाफा कमाया। मस्क समय-समय पर डॉजकॉइन के सपोर्ट में ट्वीट करते रहे हैं जिसके चलते इसके भाव में तेजी आई थी। डॉजकॉइन की 7 मई 2021 को कीमत 7 मई 2021 को 46.67 रुपये थी जब अब घटकर महज 5.03 रुपये रह गई है।