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अमेरिका और चीन के बाद 2050 में भारत बनेगा तीसरा ग्लोबल सुपरपावर, ब्रिटेन के पूर्व PM टोनी ब्‍लेयर का बड़ा दावा

Global Superpowers by 2050: ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी ब्‍लेयर ने कहा है कि 2050 तक दुनिया में केवल तीन महाशक्‍त‍ियां ही होंगी। ब्‍लेयर के मुताबिक वो तीन ग्लोबल सुपरपावर अमेर‍िका, चीन और संभवत: भारत हैं। उन्होंने इनमें ब्रिटेन का नाम नहीं लिया

अपडेटेड Oct 02, 2024 पर 12:46 PM
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Global Superpowers by 2050: ग्लोबल सुपरपावर की बात करें तो अभी अमेर‍िका, रूस और चीन जैसे देशों का नाम आता है

Global Superpowers by 2050: ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर ने भविष्यवाणी की है कि 2050 तक भारत, अमेरिका और चीन प्रमुख ग्लोबल सुपरपावर के रूप में उभरेंगे। उन्होंने कहा कि इससे एक "जटिल विश्व व्यवस्था" बनेगी, जिसे वैश्विक नेताओं को नेविगेट करने के लिए तैयार रहना चाहिए। 'स्ट्रेट्स टाइम्स' के साथ एक इंटरव्यू में 71 वर्षीय ब्‍लेयर ने कहा कि 2050 तक दुनिया में केवल तीन महाशक्‍त‍ियां ही होंगी। वो तीन महाशक्‍त‍ियां अमेर‍िका, चीन और संभवत: भारत हैं। बता दें कि अभी दुनिया में महाशक्‍त‍ियों की बात होती है तो सबकी जुबां पर अमेर‍िका, रूस और चीन का नाम आता है।

The Straits Times के साथ बातचीत में टोनी ब्लेयर (Ex-UK PM Tony Blair) ने कहा कि राष्ट्रों को इन तीन देशों द्वारा आकार दिए गए मल्टीपोलर वर्ल्ड के अनुकूल होने की आवश्यकता होगी। उन्होंने कहा, "आपको यह तय करना होगा कि आपका देश दुनिया में कहां फिट बैठता है, क्योंकि यह एक ऐसी दुनिया होने जा रही है जो मल्टीपोलर होने जा रही है,। उन्होंने आगे कहा, "इस सदी के मध्य तक तीन महाशक्तियां प्रभावी रूप से होंगी। इनमें अमेरिका, चीन और संभवतः भारत शामिल है।"

1997 से 2007 तक ब्रिटिश प्रधानमंत्री रहे ब्लेयर ने कहा कि वर्तमान वैश्विक परिदृश्य उनके कार्यकाल के समय की तुलना में कहीं अधिक जटिल है, जब अमेरिका प्रमुख महाशक्ति था। उन्होंने बताया कि चीन और भारत का उदय भू-राजनीति को नया आकार दे रहा है। यह गठबंधनों और कूटनीतिक रणनीतियों के पुनर्मूल्यांकन की मांग करता है। उन्होंने कहा, "आपको मजबूत गठबंधन बनाने होंगे जो आपको इन तीन महाशक्तियों से कुछ हद तक समानता के साथ बात करने में सक्षम बनाए।"


ब्लेयर ने मध्य पूर्व में बढ़ते तनाव विशेष रूप से लेबनान में इजरायल और हिजबुल्लाह आतंकवादियों के बीच संघर्ष के बढ़ते जोखिम पर चिंता व्यक्त किया। उन्होंने कहा, "यह एक बहुत ही खतरनाक स्थिति है, जिसमें इजरायल के उत्तर में जो कुछ हो रहा है, उसके कारण इसके बढ़ने की पूरी संभावना है।" ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री ने इजरायल और फिलिस्तीन के बीच शांति के एकमात्र व्यवहार्य मार्ग के रूप में दो-राज्य समाधान के लिए अपना समर्थन भी दोहराया।

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उन्होंने कहा, "मेरे विचार में किसी भी समाधान का मूल गाजा के लिए एक दिन बाद की योजना बनाना है, जिसमें न तो इजरायल रक्षा बल और न ही हमास गाजा को चला रहे हों।" ब्लेयर ने आगे कहा कि उनका मानना ​​है कि चीन शांति वार्ता में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। लेकिन उन्होंने बीजिंग से अपने सहयोगी ईरान पर लगाम लगाने का आग्रह किया। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि ईरान 7 अक्टूबर को इजरायल पर हमास के हमले की योजना में शामिल था। उन्होंने कहा कि हमले की "योजना लंबे समय से चल रही थी।"

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