ईरान में 16 सितंबर से शुरू हुआ हिजाब का विवाद अब अमेरिका तक पहुंच गया है। दरअसल, ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी (Iranian President Ebrahim Raisi) का अमेरिकी न्यूज चैनल CNN के साथ एक इंटरव्यू होने वाला था। लेकिन ईरानी राष्ट्रपति ने एंकर के सामने हिजाब पहनकर इंटरव्यू लेने की शर्त रख दी। हालांकि, एंकर ने ऐसा करने से मना कर दिया और आखिरकार इंटरव्यू रद्द हो गया। महिला पत्रकार इंटरव्यू के लिए रईसी का करीब 40 मिनट तक इंतजार करती रही।
दरअसल, ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी इन दिनों अमेरिका में हैं। प्रसिद्ध अमेरिकी न्यूज चैनल CNN की चीफ इंटरनेशनल एंकर क्रिस्टियन एमनपोर (Christiane Amanpour) के साथ उनका इंटरव्यू होना तय था। लेकिन क्रिस्टियन एमनपोर ने रईसी के सामने हिजाब पहनने से मना कर दिया और ये इंटरव्यू नहीं हो सका। अब इस बारे में एंकर क्रिस्टीन ने एक के बाद एक सिलसिलेवार ट्वीट कर अपनी बात रखी हैं।
क्रिस्टियन एमनपोर ने ट्विटर पर अपने सिलसिलेवार ट्वीट में लिखा कि ईरान में हिजाब का विरोध तेज हो गया है। महसा अमिनी की मौत के बाद वहां की महिलाएं सड़कों पर उतरकर अपना हिजाब जला रही हैं। बीती रात 8 प्रदर्शनकारियों की मौत होने की खबर मिली है। ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी से वह इसी बारे में सवाल करना चाहती थीं।
40 मिनट इंतजार करती रही एंकर
क्रिस्टियन ने ट्वीट करके बताया कि उन्हें हेडस्कार्फ पहनने के लिए कहा गया, लेकिन उन्होंने ऐसा करने से इनकार कर दिया। इसके बाद अचानक ही इंटरव्यू को रद्द कर दिया गया। क्रिस्टियन ने इंटरव्यू के लिए ईरानी राष्ट्रपति का करीब 40 मिनट तक इंतजार किया, लेकिन वह नहीं आए।
महिला पत्रकार को बताया गया कि यह मुहर्रम का पवित्र महीना चल रहा है, इसलिए हेडस्कार्फ पहनना अनिवार्य। इस पर एंकर ने के कहा कि हम न्यूयॉर्क में हैं और यहां पर हेडस्कार्फ को लेकर ऐसा कोई कानून लागू नहीं है। इससे पहले किसी भी ईरानी राष्ट्रपति ने ऐसी मांग नहीं रखी है, जब वह ईरान के बाहर इंटरव्यू कर रही हों।
ईरान में तेज हुआ प्रदर्शन
आपको बता दें कि ईरान में हिजाब के खिलाफ जारी विरोध प्रदर्शन 15 शहरों तक फैल गया है। प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच झड़प देखने को मिली। पुलिस हिरासत में 22-वर्षीया महिला की मौत के बाद प्रदर्शन कर रहे लोगों और ईरानी सुरक्षाबलों के बीच हुई झड़पों में अब तक कम से कम 9 लोगों की मौत हो चुकी है।
ईरान में जारी अशांति हाल के कई वर्षों में सबसे खराब स्थिति तक पहुंच गयी है। ताजा हालात को लेकर अभी कुछ भी स्पष्ट नहीं है, क्योंकि सामाजिक दमन और देश में बढ़ते संकटों से नाराज प्रदर्शनकारियों का कम से कम एक दर्जन शहरों में सुरक्षा और अर्धसैनिक बलों से सामना जारी है।
ईरान में प्रदर्शनों की शुरुआत देश की धर्माचार पुलिस द्वारा सख्ती से लागू किए गए ड्रेस कोड का कथित रूप से उल्लंघन करने के लिए गिरफ्तार युवती महसा अमिनी (Mahsa Amini) की मौत पर एक भावनात्मक आक्रोश की परिणति है। उसकी मौत को लेकर अमेरिका, यूरोपीय संघ और संयुक्त राष्ट्र (UN) ने कड़ी निंदा की है।
पुलिस का कहना है कि उसकी मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई थी और उसके साथ दुर्व्यवहार नहीं किया गया था। हालांकि, उसके परिवार ने इस बारे में संदेह जताया है। यूएन से जुड़े स्वतंत्र विशेषज्ञों ने गुरुवार को कहा कि रिपोर्ट से पता चलता है कि धर्माचार पुलिस ने उसे बिना सबूत पेश किए बुरी तरह पीटा था। उन्होंने दोषियों को जिम्मेदार ठहराने के लिए निष्पक्ष जांच की मांग की है।