Israel Hamas War: दशकों पुराना है इजरायल और फिलिस्तीन का विवाद, हमास के हमले ने आग में किया घी का काम
Israel Hamas War: इजरायल से सटे गाजा पट्टी (Gaza Strip) की तरफ से इजरायल पर जबरदस्त रॉकेट अटैक (Rocket Attack) हुआ। हमला इतना बड़ा था कि 20 मिनट में करीब 5000 रॉकेट दागे गए। इस हमले की जिम्मेदारी गाजा के चरमपंथी संगठन हमास (Hamas) ने ली। बदले में इजरायल ने हमास के खिलाफ युद्ध का ऐलान कर दिया और दशकों से चला आ रहा तनाव एक नए संघर्ष का रूप लेता दिखाई दे रहा है
Israel Hamas War: दशकों पुराना है इजरायल और फिलिस्तीन का विवाद
Israel Hamas War: इजरायल (Israel) के लोगों ने सोचा भी नहीं होगा कि शनिवार की सुबह उनके लिए एक जंग का आगाज करने वाली होगी। पौ फटते ही आसमान से एक साथ रॉकेट की बौछार होने लगी। आसमान रॉकेट और मिसाइलों से गूंजने लगा। ये रॉकेट गाजा की तरफ से इजरायल पर दागे गए और इसने अब एक जंग का रूप ले लिया। इजरायल से सटे गाजा पट्टी (Gaza Strip) की तरफ से इजरायल पर जबरदस्त रॉकेट अटैक (Rocket Attack) हुआ। हमला इतना बड़ा था कि 20 मिनट में करीब 5000 रॉकेट दागे गए। इस हमले की जिम्मेदारी गाजा के चरमपंथी संगठन हमास (Hamas) ने ली। बदले में इजरायल ने हमास के खिलाफ युद्ध का ऐलान कर दिया और दशकों से चला आ रहा तनाव एक नए संघर्ष का रूप लेता दिखाई दे रहा है।
आगे बढ़ने से पहले एक नजर डाल लेते हैं कि इजरायल में शनिवार को क्या कुछ हुआ। गाजा पट्टी की तरफ से हमास ने दक्षिणी और मध्य इजरायल पर ताबड़तोड़ रॉकेट दागे। खबर है कि इन हमलों में इजरायल के कम से कम 20 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई और सैंकड़ों की संख्या में घायल हुए हैं।
इसके बाद इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने युद्ध का ऐलान कर दिया। उन्होंने दावा किया कि हमास इसकी ‘ऐसी कीमत चुकाएगा, जैसा उसने कभी सोचा भी नहीं होगा।’ नेतन्याहू ने कहा, "हम युद्ध में हैं। ये कोई ऑपरेशन नहीं, बल्कि अब युद्ध छिड़ गया है।
इजरायली डिफेंस फोर्स ने जवाबी कार्रवाई करते हुए हमास के खिलाफ Operation Iron Swords का ऐलान कर दिया। इजराइल एयर फोर्स ने गाजा पट्टी में कई इलाकों पर फिलिस्तीनी चरमपंथी संगठन हमास को निशाना बनाते हुए दर्जनों लड़ाकू विमानों के साथ हमला किया है। हमास के 17 ठिकानों और 4 हेडक्वार्टर पर इसराइल ने हवाई हमले किए हैं।
सेना ने बताया कि हमास के लड़ाके सीमा पार कर इजरायल में घुस गए हैं और कथित तौर पर उन्होंने सिविलियन लोगों को निशाना बनाया है। हमास ने इजरायली सैनिकों को बंधक बनाने का भी दावा किया है।
वहीं हमास के मिलिट्री विंग के नेता मोहम्मद डेफ ने कहा कि शनिवार सुबह इजरायल में 5,000 रॉकेट दागे गए। इस हमले को उन्होंने "ऑपरेशन अल-अक्सा स्टॉर्म" का नाम दिया। उन्होंने कहा, "बस अब बहुत हो गया।"
दशकों पुराना है इजरायल-फिलिस्तीन का विवाद
ये तो था ताजा घटनाक्रम, लेकिन ये कोई आज की लड़ाई नहीं है। इस पूरे विवाद को समझने के लिए इतिहास के कुछ पन्ने तो पलटने ही पड़ेंगे।
दरअसल 19वीं शताब्दी के आखिर में एक एक जातीय-राष्ट्रवादी आंदोलन उभरा, जिसने फिलिस्तीन में यहूदी लोगों के लिए अपनी जमीन की मांग की। इस आंदोलन को ही Zionism का नाम दिया गया। दूसरे विश्व युद्ध के बाद यहूदी राष्ट्र के लिए समर्थन काफी बढ़ गया। क्योंकि नाजियों की तरफ से यहूदी लोगों का नरसंहार सब देख चुके थे।
हिटलर के आतंक से बचने के लिए मिडिल ईस्ट के इस इलाके में यहूदियों का आना शुरू हुआ। यहां अरब समुदाय के लोग भी रहते थे। पहले विश्व युद्ध के बाद यहां से ऑटोमन साम्राज्य खत्म हुआ और इस ब्रिटिशर्स ने इसे अपने हाथों में ले लिया।
ब्रटिश शासकों ने यहां यहूदियों के लिए फलस्तीन में 'अलग जमीन' बनाने की बात की। यहूदी इस इलाके को अपने पूर्वजों की जमीन मानते हैं। इस पर अरब समुदाय भी अपना दावा करता है। नतीजा ये हुआ कि दोनों के बीच तनाव बढ़ने लगा।
1947 में संयुक्त राष्ट्र और ब्रिटिश ने फलस्तीन को दो हिस्सों में बांटने का फैसला किया। इसमें एक हिस्सा यहूदियों का और दूसरी अरब समुदायों का।
अरब के विरोध के बीच 14 मई 1948 को यहूदी नेताओं ने इसराइल राष्ट्र के गठन का ऐलान किया और ब्रिटशर्स यहां से चले गए।
इसके तुरंत बाद पहला इसराइल-अरब युद्ध हुआ, जिसमें इजरायल की जीत हुई। इस कारण से यहां करीब साढ़े सात लाख फलस्तीनी बेघर हो गए।
इस युद्ध के बाद ये पूरा इलाका तीन हिस्सों में बंट गया- इसराइल, वेस्ट बैंक, जॉर्डन नदी का पश्चिमी किनारा और गाजा पट्टी। फलस्तीनी आबादी गजा पट्टी और वेस्ट बैंक में रहती है।
करीब 25 मील लंबी और 6 मील चौड़ी गजा पट्टी 22 लाख लोगों की रिहाइश की जगह है। आबादी के लिहाज से ये दुनिया की सबसे ज्यादा घनत्व वाला इलाका है।
इसराइल और फलस्तीनियों के बीच संघर्ष अब तक हो रहा है। इसराइल का मकसद दुनिया के मंच पर यहूदी राष्ट्र के रूप में मान्यता पाने का है। वहीं फलस्तीन इसका विरोध करता रहा है।
75 सालों में, इजराइल ने अपने अरब सहयोगियों के खिलाफ कई युद्ध लड़े हैं और साथ ही फिलिस्तीनी इलाकों में विद्रोह से भी निपटा है।
इस बीच, इजराइल ने पश्चिम के समर्थन से खुद को तेजी से आधुनिक और मजबूत कर लिया है। साथ ही इसने 1947 की संयुक्त राष्ट्र योजना में तय सीमाओं से परे फिलिस्तीन पर अपना कब्जा भी बढ़ाया है।
क्या है हमास?
हमास सबसे बड़ा फिलिस्तीनी उग्रवादी इस्लामी समूह है और इलाके के दो प्रमुख राजनीतिक दलों में से एक हमासा है। वर्तमान में, यह गाजा पट्टी में 20 लाख से ज्यादा फ़िलिस्तीनियों पर शासन करता है। हालांकि, संगठन को इजराइल के खिलाफ सशस्त्र प्रतिरोध के लिए भी जाना जाता है।
हमास को इजरायल, अमेरिका, यूरोपियन यूनियन, UK समेत कई देशों ने आंतकवादी संगठन करार दिया है। इस संगठन की शुरुआत 1980 के दशक के आखिर में हुई थी। इजरायल पर शनिवार को हुआ ये हमला, पिछले कुछ सालों में हुआ अब तक का सबसे बड़ा हमला बताया जा रहा है।